98 वी पुण्य तिथि पर कालजयी शायर शाद अजीमाबादी को श्रद्धांजलि 

98 वी पुण्य तिथि पर कालजयी शायर शाद अजीमाबादी को श्रद्धांजलि

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow

श्रीनारद  मीडिया, पटना (बिहार):


सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, साहित्यकारों एवं संस्कृतिकर्मियों ने कालजयी शायर खान बहादुर सैयद मोहम्मद शाद अजीमाबादी को उनकी 98 वी पुण्य तिथि पर स्मृति समारोह में स्मरण किया और श्रद्धांजलि दी।

शाद अजीमाबादी पथ, लंगर गली, हाजीगंज में उनकी मज़ार पर चादरपोशी व गुलपोशी कर फतेहा के साथ उन्हें नमन किया। सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था नवशक्ति निकेतन के तत्वावधान में आयोजित स्मृति सभा की अध्यक्षता बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ.अनिल सुलभ ने की।कार्यक्रम का संचालन महासचिव कमलनयन श्रीवास्तव ने किया)।

इस अवसर पर वरिष्ठ कवि मृत्युंजय मिश्र ‘करुणेश’ व साहित्यकार डॉ० इशरत सुबुही को शाद अज़ीमाबादी सम्मान 2025 से तथा सुभचन्द्र सिन्हा, श्वेता गजल, शमा कौसर एवं फरीदा अंजुम को साहित्य एवं समाज सेवा सम्मान से शॉल, प्रतीक चिन्ह एवं पौधा देकर अलंकृत किया गया।मुख्य अतिथि के रूप में भाषण करते हुए बिहार विधान सभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने शाद को कालजयी शायर बताया और कहा कि अज़ीमाबाद साहित्यकारों और क्रांतिकारियों की कर्मभूमि रही है। शाद की स्मृति रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया जाना अपेक्षित है।

कमलनयन श्रीवास्तव ने कहा कि शाद की नज्मों में मुल्क का दिल धड़कता है। शाद राष्ट्रीय एकता के पक्षधर शायर थे।
अपने अध्यक्षीय उ‌द्बोधन में बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ० अनिल सुलभ ने कहा कि शाद उर्दू के मुक्कमल शायर थे। आज शाद की रचनाओं को जीवन में उतारने की जरूरत है।नवशक्ति निकेत के अध्यक्ष रमाशंकर प्रसाद ने जून माह में ‘एक शाम शाद के नाम ‘आयोजित करने तथा उनकी रचनाओ का हिन्दी अनुवाद कराकर प्रकाशित करने के घोषणा की।

पटना की उप महापौर रेशमी चंद्रवंशी ने शाद की दुर्लभ रचनाओ का हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित कराने की माग सरकार से की।

वक्ताओं ने कहा कि शाद अज़ीमबादी पथ का शिलापट्ट तक नहीं लगाया जाना तथा शिलान्यास के बाद भी शाद अज़ीमबादी पार्क का निर्माण नहीं किया जाना सरकारी उपेक्षा के उदाहरण हैं।वक्ताओं ने शाद की मज़ार को राष्ट्रीय संग्रहालय घोषित करने तथा उनके सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी किए जाने की मांग सरकार से की।

इस अवसर पर डा. अनिल सुलभ,वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी,सर्वश्री अनंत अरोड़ा, मधुरेश नारायण, कमल किशोर वर्मा ‘कमल’ , फैजान अली फहम, बबन प्रसाद वर्मा, डा० एहसान शाम , प्रेमकिरण , डॉ निसार अहमद (शाद के प्रपौत्र) , अकबर रजा जमशेद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।धन्यवाद ज्ञापन फैजान अली फहम ने किया।समारोह का समापन डॉ० कलीम आजिज की इन पंक्तियों से हुआ- ‘आज बरसी है तुम्हारी आओ शाद / हम रयाकारों से भी मिल जाओ शाद / कौन समझेगा तुम्हे इस दौर में / बन गये है हम तो लक्ष्मण साव शाद।मौके पर मौजूद कवि और शायरों ने अपनी प्रस्तुति से शाद को श्रद्धांजलि दी।

यह भी पढ़े

 सिटी मजिस्ट्रे  के माध्यम से  पीएम का सौंपा  ज्ञापन

गीता सिंह मेमोरियल ट्रस्ट नरांव में जरुरत मंदो के बीच कम्बल का वितरण किया गया

जदयू,भाजपा,लोजपा,हम, आर एल एम के प्रदेश अध्यक्ष कार्यकर्ता सम्मेलन में सम्मिलित होंगे

बसपा नेता पुत्र के मौत मामले में दर्ज हुई प्राथमिकी

बिहार एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता, अररिया के टॉप 10 वांछित अपराधी सुमित कुमार यादव गिरफ्तार

मुख्यमंत्री   नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान सिवान जिले के लिए किया कई योजनाओं का शिलान्‍यास

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!