इसीलिए कहते हैं…हारिए न हिम्मत..बिसारिए न राम!
IITian बाबा पहुंचे महाकुंभ
✍️पुष्पेन्द्र कुमार पाठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कुंभ का अनोखापन अब दिखने लगा है। धरती के सबसे बड़े मानव महोत्सव…में मंथन शुरू है। एक-से-एक रत्न सामने आ रहे हैं। …आज किसी पत्रकार …को एक बाबा दिखे। बातचीत के क्रम में पता चला… हैं बाबा IIT.. मुम्बई से बीटेक है। फिर फोटोग्राफर बने। गर्लफ्रेंड बनाए। संसार की सच्चाई को जाना..और फिर सबकुछ छोड़कर सन्यास धारण कर लिए। बात-बात पर हंसते हुए बाबा बड़ी गहरी बात कहे जा रहे थे।
पत्रकार…कन्फ्यूज हुए जा रहा था। यह बुद्धि…differentiate करना सिखाती है। जीवन…एक ,दो तीन…की गिनती में कहीं खो जाता है। जीवन का लक्ष्य तो शून्य है। शून्य अर्थात किसी संख्या के पीछे लगकर उसका वैल्यू बढ़ा देना। अज्ञानता के कारण हम …भौतिक जीवन में एक दूसरे के कलह एवं क्लेश का कारण बनते हैं। कितना भी पढ़ लें…आना यहीं है। यानि शिक्षित होना…और ज्ञानी होना दोनों अलग-अलग अवस्था है।
हम शिक्षित होकर हीं अपना जीवन नष्ट कर देते हैं, ज्ञान के स्तर तक पहुंचते हीं नहीं। बाबा…पूरा डायग्राम बना कर समझा रहे थे। पत्रकार..के समझ के बाहर की बात थी। गया तो था बाबा को पागल समझकर। अब लगा…स्वयं हीं पागल है। बाबा तो दिव्य है। हंसे जा रहे थे। हंसते-हंसते अंत हो…यहीं तो जीवन है। अजेय है… सनातन की शक्ति। गर्व है।
गोरख बाबा, जिन्हें आईआईटी बाबा के नाम से भी जाना जाता है, ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई आईआईटी बंबई से एयर स्पेस और एयरोनॉटिकल स्ट्रीम में की है. उनके नाम से ही स्पष्ट होता है कि वे इंजीनियरिंग के बाद बाबा बने. हरियाणा के निवासी, आईआईटी बाबा का असली नाम अभय सिंह है. अभय सिंह की इंजीनियरिंग से सन्यासी बनने की यात्रा अत्यंत दिलचस्प है. उनकी फोटोग्राफी के प्रति गहरी रुचि थी, और इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए उन्हें डिग्री की आवश्यकता थी. इस कारण उन्होंने एक वर्ष तक कोचिंग में भी पढ़ाई की.अभय सिंह ने बताया कि वो हरियाणा के हैं. उन्होंने आईआईटी मुंबई से पढ़ाई की, फोटोग्राफी भी की
इसीलिए कहते हैं…हारिए न हिम्मत..बिसारिए न राम!
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