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महाकुंभ में न्यूली मैरिड साध्वी:शादी के दो महीने बाद बनी संन्यासी,पति भी दे रहे साथ,जबरन हुई थी शादी - श्रीनारद मीडिया

महाकुंभ में न्यूली मैरिड साध्वी:शादी के दो महीने बाद बनी संन्यासी,पति भी दे रहे साथ,जबरन हुई थी शादी

महाकुंभ में न्यूली मैरिड साध्वी:शादी के दो महीने बाद बनी संन्यासी,पति भी दे रहे साथ,जबरन हुई थी शादी

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श्रीनारद मीडिया, प्रयागराज (यूपी):

विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ सनातन धर्म के सबसे बड़े और सबसे पवित्र धार्मिक आयोजनों में से एक है।महाकुंभ न केवल भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का उत्सव है,बल्कि ये दुनिया में सनातन धर्म की महत्ता को बताता है।महाकुंभ में अलग-अलग तरह के संत-साध्वी देखने को मिल रहे हैं। कई लोग अचानक से परिवार और गृहस्थ जीवन छोड़कर अध्यात्म का रुख कर रहे हैं।ऐसी ही एक साध्वी महाकुंभ में शामिल होने आई हैं।इनकी शादी दो महीने पहले हुई थी,लेकिन अब वह संन्यासी बन चुकी हैं।

महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में मिलीं महामंडलेश्वर ममता वशिष्ठ की शादी दो महीने पहले हुई थी,लेकिन दो महीने बाद उन्होंने घर बार छोड़कर संन्यासिनी बनने का फैसला लिया।अब वह दुनिया कि चिंता छोड़ भगवान के प्रति खुद को समर्पित कर चुकी हैं।असल में ममता पांच साल की उम्र से साधना करती थीं।इनका कहना है इनको देवी का आशीर्वाद था कि वह किसी के बिगड़ते काम बनाने में मदद कर सकती थीं। किसी के संतान नहीं होने पर उनके आशीर्वाद से लोगों को संतान की प्राप्ति हुई।

ममता वसिष्ठ ने सिर्फ 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की फिर ये घर में पूजा पाठ करती रहती थीं। डेढ़ साल पहले ममता किन्नर अखाड़े से जुड़ीं। दो महीने पहले ममता के घरवालों ने इनकी मर्जी के खिलाफ शादी करवा दी।शादी के दो महीने बाद ममता वापस किन्नर अखाड़े गईं और अब किन्नर अखाड़े में इनका पिंडदान करवाया गया और महामंडलेश्वर बनाया गया। ममता का कहना है इनके घरवाले, यहां तक इनके पति भी इनके इस कदम को सपोर्ट कर रहे हैं, अब ये संन्यासिनी बनकर किन्नर अखाड़े में सेवा करेंगी।

बता दें कि महाकुंभ में आईआईटी बाबा अभय सिंह और हर्षा रिछारिया भी चर्चा में हैं।अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की थी, लेकिन बाद में उन्होंने साधु का जीवन अपनाने का फैसला किया। वहीं हर्षा रिछारिया साध्वी नहीं बनी हैं, लेकिन साध्वी के भेष में वह महाकुंभ में शामिल हुईं और खुबसूरत साध्वी के रूप में वह चर्चा में आईं। इससे पहले एंबेसडर वाले बाबा, चिमटा वाले बाबा और रूद्राक्ष वाले बाबा सहित कई अन्य साधु चर्चा में रहे हैं।

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