वक्फ के JPC की बैठक में अध्यक्ष जगदंबिका पाल को TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने गाली दी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
इन सांसदों को किया गया निलंबित
शुक्रवार की बैठक से विपक्षी सांसद मोहम्मद जावेद, तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी, डीएमके नेता ए राजा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी व नासिर हुसैन, समाजवादी पार्टी नेता मोहिबुल्लाह नदवी, एम. अब्दुल्ला, शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत, नदीमुल हक और कांग्रेस के इमरान मसूद को निलंबित किया गया है।
दो बार बैठक को स्थगित किया
पाल ने आगे कहा, “मैं उनसे आमंत्रितों को बोलने देने का अनुरोध करता रहा। लेकिन वे हंगामा करने पर अड़े रहे। हमने सदन को बार-बार स्थगित भी किया। मगर विपक्षी सांसद बैठक को जारी रखना नहीं चाहते थे। जम्मू-कश्मीर से एक प्रतिनिधिमंडल आया था। मगर विपक्षी सांसद चिल्लाते रहे और नारेबाजी करते रहे। इसी वजह से निशिकांत दुबे को प्रस्ताव लाना पड़ा और सभी ने उन्हें निलंबित करने पर सहमति जताई।”
विपक्ष के अनुरोध पर बदला गया नोटिस का विषय
कल्याण बनर्जी ने लगाया जल्दबाजी का आरोप
जेपीसी बैठक पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “जो चल रहा है वह अघोषित आपातकाल है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पहुंचने के बाद बैठक का विषय और तारीख बदल दी गई। बनर्जी ने सरकार पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण जल्दबाजी करने का आरोप लगाया।
पाल ने कहा- जल्दबाजी होती तो जेपीसी को न भेजते विधेयक
जल्दबाजी के आरोप पर जेपीसी अध्यक्ष पाल ने कहा कि अगर सरकार चीजों को जल्दी करना चाहती थी तो उसने विधेयक को जेपीसी को क्यों भेजा? सरकार के पास लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत है। विपक्ष के पास नहीं था, लेकिन किरेन रिजिजू ने इसे संसद में पेश करने के बाद खुद स्पीकर से इसे जेपीसी को भेजने की अपील की।”
मीरवाइज की आपत्ति साबित करती हैं कि लोकतंत्र मजबूत हो रहा
जगदंबिका पाल ने कहा कि कश्मीरी धर्मगुरु मीरवाइज और उनके प्रतिनिधिमंडल ने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं और विधेयक के कुछ खंडों पर आपत्ति जताई। इससे यह पता चलता है कि देश में संसदीय लोकतंत्र मजबूत हो रहा है।
27 जनवरी को होगी अगली बैठक
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर जेपीसी बैठक के दौरान हंगामा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों का आचरण संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है।
दुबे ने जानकारी दी कि अगली बैठक 27 जनवरी को होगी और 29 जनवरी को स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
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