जमीन से आसमान तक दिखा भारत का दमखम

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कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना ने दिखाई ताकत

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

76वें गणतंत्र दिवस पर कर्त्तव्य पथ पर आज भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में कई राज्यों और मंत्रालयों की झांकियां दिखीं। परेड में भारत की उपलब्धियों और प्रगति का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके बाद पीएम कर्तव्य पथ पहुंचे। पीएम के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और भारत के मेहमान इंदोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो  बग्गी में सवार होकर कर्तव्य पथ पहुंचे। पीएम मोदी ने दोनों का स्वागत किया।
परेड की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसके बाद 105-एमएम लाइट फील्ड गन, एक स्वदेशी हथियार प्रणाली का उपयोग करके 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान गाया गया।गणतंत्र दिवस परेड के जरिए भारत ने अपनी विविध शक्तियों और अपनी संस्कृति को प्रदर्शित किया। परेड में 31 झांकियों में 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की थीं।

उत्तराखंड और गोवा ने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन क्षमता और जीवंत कला रूपों को उजागर किया।कर्तव्य पथ पर अनोखा नजारा देखने को मिला। 5 हजार कलाकारों ने एकसाथ परफॉरमेंस दिया। पीएम मोदी और चीफ गेस्‍ट सुबियांतो ने भी इसे एंजॉय किया।परेड के दौरान भारतीय सेना के सिग्नल कोर की मोटरसाइकिल राइडर डिस्प्ले टीम  “द डेयरडेविल्स” ने अपने अलग अंदाज से लोगों का मन मोह लिया। “द डेयरडेविल्स” टीम ने बुलेट व्हीली, लैडर सैल्यूट, थ्री पीक डेविल फॉर्मेशन, शत्रुजीत, मर्करी पीक, इन्फो वॉरियर्स, लोटस और ह्यूमन पिरामिड के साथ सलामी दी।

 

 

  • कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, बीएम-21 अग्निबाण, 122 मिमी मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया गया।

  • गोवा की झांकी का थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ था, जिसमें राज्य के प्राचीन समुद्र तटों, हरे-भरे परिदृश्यों और समृद्ध संस्कृति का जश्न मनाती है।  गोवा अपने समुद्र तटों के लिए जाना जाता है, इसलिए इसकी झांकी में जल क्रीड़ाओं पर प्रकाश डाला गया, जो गोवा के पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • इसमें तटीय शादियों और फोटो शूट जैसी गतिविधियों को भी रेखांकित किया गया, जो लोकप्रियता हासिल कर रही हैं।

  • हरियाणा की झांकी में खेल शक्ति का प्रदर्शन किया गया। इसी के साथ महिला सशक्तिकरण को सम्मान दिया गया।

उत्तराखंड की झांकी में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देते हुए अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने पर भी जोर दिया गया। झांकी में साहसिक खेल और पर्यटन गतिविधियों जैसे नैनीताल और मसूरी में माउंटेन बाइकिंग, केदारकांठा में ट्रैकिंग, औली में स्नो स्कीइंग और ऋषिकेश में योग, बंजी जंपिंग, जिप-लाइनिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों को भी दर्शाया गया। परेड खत्म होने के बाद पीएम मोदी कर्तव्य पथ पर आए और उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।

कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना ने दिखाई ताकत

भारतीय सेना रविवार को कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान डिफेंस टैक्नॉलिजी में अपनी अत्याधुनिक प्रगति का प्रदर्शन करने में सबसे आगे थी।सलामी मंच पर शक्तिशाली प्रणालियां थीं जो नवाचार और आत्मनिर्भरता के लिए सेना की प्रतिबद्धता का उदाहरण थीं। इस दौरान भारतीय सेना ने हथियारों का बेहतरीन प्रदर्शन किया। परेड में भारतीय सेना की ताकत टी-90 ‘भीष्म’ टैंक, सारथ (पैदल सेना ले जाने वाला वाहन बीएमपी-2), ‘शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ 10 मीटर, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर सिस्टम ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ (हल्का विशिष्ट वाहन) भी परेड का हिस्सा रहे।

पहली बार दिखी मिसाइल प्रलय

डीआरडीओ की सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय ने भी पहली बार परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।इंटीग्रेटेड बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम (आईबीएसएस), जिसे भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है और सभी ग्राउंड-आधारित और हवाई सेंसर को एक सामान्य ग्रिड पर एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो कमांडरों को भौगोलिक सूचना प्रणाली (Geographic Information Systems) ओवरले के माध्यम से एकीकृत दृश्य प्रदान करता है।
यह प्रणाली वास्तविक समय में सेना की शक्ति प्रणाली से जुड़ती है, जिससे सेंसर-शूटर कनेक्टिविटी की सुविधा मिलती है। आईबीएसएस भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाता है और बल गुणक के रूप में कार्य करता है। सिस्टम की प्रस्तुति का नेतृत्व 134 एसएटीए रेजिमेंट के बीएसएस (मैदान) के कमांडिंग लेफ्टिनेंट कर्नल श्रुतिका दत्ता और 621 एसएटीए बैटरी के बीएसएस (पर्वत) के कमांडिंग मेजर विकास ने किया। 

क्या है ‘शार्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ की खासियत?

  • अगला था शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम, जो स्वदेशी विकास का एक उत्पाद है, जो नदियों और नहरों जैसी भौगोलिक बाधाओं पर काबू पाने के लिए तेजी से तैनाती को सक्षम बनाता है।
  • 9.5 मीटर तक के अंतराल को बनाने और 70 टन तक वजन वाले टैंकों को समर्थन देने की क्षमता के साथ, सिस्टम को चार व्यक्तियों की टीम द्वारा 8 से 10 मिनट के भीतर स्थापित किया जा सकता है।
  • शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम कुशल सैन्य आवाजाही और संसाधन जुटाना सुनिश्चित करता है।
  • इसका नेतृत्व 9 रैपिड इंजीनियर रेजिमेंट के मेजर के जॉन अब्राहम और 234 आर्मर्ड इंजीनियर रेजिमेंट के कैप्टन जगजीत सिंह ने किया।
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