देश का अगला मुख्य चुनाव आयुक्त कौन होगा ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कल यानी मंगलवार को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले सोमवार को भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति के लिए एक बैठक आयोजित की गई। ये बैठक साउथ ब्लॉक में हुई। बैठक में पीएम मोदी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल हुए।

 रिटायर होंगे CEC

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। उनके रिटायर होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त कौन बनेगा, इसको लेकर चयन समिति की आज बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी शामिल थे। जानकारी दें कि राजीव कुमार के जाने के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त (ईसी) बन जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है।

केंद्र सरकार ने की समिति की स्थापना

बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक खोज समिति की स्थापना की है। यह समिति अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के पद के लिए संभावित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए जिम्मेदार है। इसका उद्देश्य है कि सबसे योग्य और सक्षम व्यक्ति को महत्वपूर्ण भूमिका के लिए नियुक्त किया जाए।

कांग्रेस ने क्या कहा?

देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर हुई इस बैठक को लेकर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीईसी चयन समिति सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्पष्ट और सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति पीएम, एलओपी और सीजेआई की समिति द्वारा की जानी चाहिए।

कैसे होती है CEC की नियुक्ति?

गौरतलब है कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। इस समिति का नेतृत्व भारत के प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता के साथ-साथ प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य भी शामिल होते हैं। सीईसी का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से छह वर्ष तक हो सकता है। हालांकि, सीईसी पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त हो जाएंगे, भले ही उनका कार्यकाल अभी समाप्त न हुआ हो।

राहुल गांधी ने उठाए थे सवाल

उल्लेखनीय है कि इसी महीने की शुरुआत में, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सीईसी और अन्य ईसी की नियुक्ति की सिफारिश करने वाली चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को हटाने पर सवाल उठाया और इसे सोची-समझी रणनीति करार दिया।
राहुल गांधी ने संसद में पूछा था कि नियम बदल दिए गए हैं। चुनाव आयुक्त का चयन प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश करते थे। मुख्य न्यायाधीश को उस समिति से हटा दिया गया। यह प्रधानमंत्री से एक सवाल है, मुख्य न्यायाधीश को समिति से क्यों हटाया गया?

कानून के अनुसार, सीईसी और ईसी की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। सीईसी और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति उन व्यक्तियों में से की जाएगी जो भारत सरकार के सचिव के पद के बराबर पद पर हैं या उसे धारण कर चुके हैं। चयन समिति उम्मीदवारों में से एक नाम की सिफारिश करेगी। इस सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति अगले सीईसी की नियुक्ति करेंगी।
ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त
राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है। सुखबीर सिंह संधू दूसरे निर्वाचन आयुक्त हैं। अब तक वरिष्ठतम निर्वाचन आयुक्त (ईसी) को मौजूदा सीईसी की सेवानिवृत्ति के बाद सीईसी के रूप में पदोन्नत किया जाता रहा है।
नया चुनाव आयुक्त भी किया जा सकता है नियुक्त
पिछले साल सीईसी और ईसी की नियुक्तियों पर एक नया कानून लागू होने के बाद चयन समिति पांच सचिव स्तर के अधिकारियों के नामों को छांटती है और उनकी नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली समिति विचार करती है।
सीईसी के अलावा, राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति से पैदा रिक्ति को भरने के लिए एक नया ईसी भी नियुक्त किया जा सकता है। ‘मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023’ के प्रविधानों को पहली बार सीईसी नियुक्त करने के लिए लागू किया जा रहा है।

 

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