भारत और मॉरीशस एक दूसरे के लिये क्यों महत्त्वपूर्ण  हैं?

भारत और मॉरीशस एक दूसरे के लिये क्यों महत्त्वपूर्ण  हैं?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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  • समुद्री महत्त्व: पश्चिमी हिंद महासागर में मॉरीशस का रणनीतिक स्थान इसे भारत की सागर (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास ) पहल के तहत एक प्रमुख समुद्री साझेदार बनाता है।
  • चीन की उपस्थिति का मुकाबला करना: हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति के साथ, मॉरीशस के साथ भारत के मज़बूत संबंध समुद्री संचार लाइनों (SLOC) और भारत के सामरिक हितों की रक्षा करने में सहायता प्रदान करते हैं ।
  • आर्थिक संबंध: मॉरीशस, अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार समझौते (AFCFTA) का हिस्सा होने के कारण अफ्रीका में भारत के व्यापार और निवेश के लिये प्रवेश द्वार है ।
    • भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है और मॉरीशस सिंगापुर के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा FDI स्रोत है (वित्त वर्ष 2023-24)।
  • सांस्कृतिक संबंध: मॉरीशस की लगभग 70% आबादी भारतीय मूल की है जो भारतीय संस्कृति, भाषा और विरासत को बढ़ावा देने में सहायता प्रदान करती है।
    • मॉरीशस भारत के साथ मज़बूत सांस्कृतिक संबंध साझा करता है, जिसमें भव्य महाशिवरात्रि समारोह और गंगा तालाब एक प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थ स्थल शामिल हैं।

मॉरीशस के लिये भारत का महत्त्व

  • अग्रणी विकास साझेदार: भारत मॉरीशस की स्वतंत्रता (1968) के बाद से ही उसका प्रमुख विकास साझेदार रहा है, जिसने पिछले दशक में ही उसे 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की है।
    • भारत ने मेट्रो एक्सप्रेस, सर्वोच्च न्यायालय भवन, अस्पताल आदि सहित प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में मॉरीशस को समर्थन किया है।
  • समुद्री सुरक्षा सहायता: भारत मॉरीशस का प्रमुख सुरक्षा साझेदार है, जो नौसैनिक गश्त, संयुक्त समुद्री निगरानी और हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के माध्यम से EEZ सुरक्षा का समर्थन करता है।
  • आपदा सहायता: भारत संकट के समय मॉरीशस का पहला प्रत्युत्तरदाता रहा है, जिसने चक्रवात चिडो (2024)वाकाशियो तेल रिसाव (2020) और कोविड-19 महामारी के दौरान सहायता प्रदान की।
  • क्षमता निर्माण: मॉरीशस भारत के भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम का एक प्रमुख लाभार्थी है, जिसके तहत वर्ष 2002 से अभी तक 4,940 मॉरीशसवासियों को प्रशिक्षित किया गया है।
    • भारत राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) के माध्यम से मॉरीशस के सिविल सेवकों को अनुकूलित प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।

भारत और मॉरीशस ने व्यापार, सुरक्षा और विकास में समझौतों के माध्यम से अपनी रणनीतिक साझेदारी को प्रतिबलित किया है। भारत का “महासागर” दृष्टिकोण और बुनियादी ढाँचागत समर्थन क्षेत्रीय सहयोग को सुदृढ़ बनाता है, बाह्य प्रभावों से संरक्षा प्रदान करता है और आर्थिक संबंधों का सुदृढ़ीकरण करता है। उनका साझा इतिहास, सांस्कृतिक बंधन और भू-राजनीतिक संरेखण इस साझेदारी को क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि के लिये महत्त्वपूर्ण बनाते हैं।

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