अंतर्राष्ट्रीय साझेदार के रूप में मॉरीशस का क्या महत्त्व है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत के प्रधानमंत्री की मॉरीशस यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने व्यापार, समुद्री सुरक्षा और रक्षा पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये, क्षेत्रीय सहयोग पर बल दिया और अपने संबंधों को एक उन्नत रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया।
- प्रधानमंत्री को मॉरीशस का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ भी प्रदान किया गया।
भारत के प्रधानमंत्री की मॉरीशस यात्रा के मुख्य परिणाम क्या हैं?
- उन्नत रणनीतिक साझेदारी: दोनों देशों ने अपने संबंधों को उन्नत रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुँचाया, जिसके अंतर्गत सुरक्षा, स्थानीय मुद्राओं में व्यापार, और विकास सहयोग को सुदृढ़ किया गया। साथ ही, स्वतंत्र और सुरक्षित हिंद महासागर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी पुनः पुष्टि प्रदान की।
- दोनों देशों ने दोहरे कराधान अपवंचन समझौते (DTAA) को संशोधित करने वाले प्रोटोकॉल को अंतर्राष्ट्रीय संधि मानकों के अनुरूप बनाने पर सहमति व्यक्त की।
- ‘महासागर’ विज़न: भारत ने ग्लोबल साउथ के लिये महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिये पारस्परिक और समग्र उन्नति) पहल की शुरुआत की।
- महासागर (MAHASAGAR) विज़न, सागर पर आधारित है, जो प्रौद्योगिकी साझाकरण, रियायती ऋण, अनुदान, व्यापार और पारस्परिक सुरक्षा सहयोग के माध्यम से ग्लोबल साउथ के साथ जुड़ाव को बढ़ाता है।
- सुरक्षा सहयोग: भारत और मॉरीशस ने भारत द्वारा विकसित अगलेगा द्वीप के नए रनवे और जेटी के उपयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
- भारत ने चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस की संप्रभुता के लिये समर्थन की भी पुष्टि की।
- श्वेत पोत , नीली अर्थव्यवस्था, और जल सर्वेक्षण के क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ किया जाएगा।
- विकासात्मक सहायता: भारत ने मॉरीशस को उसकी जल पाइपलाइनों को बदलने में सहायता देने के लिये अपनी पहली रुपया-आधारित ऋण सहायता की घोषणा की।
- भारत मॉरीशस को एक पुलिस अकादमी और समुद्री सूचना साझाकरण केंद्र स्थापित करने में सहायता करेगा।
- मॉरीशस के राष्ट्रपति ने अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा एवं नवाचार संस्थान, एक स्वास्थ्य केंद्र और 20 भारतीय वित्त पोषित सामुदायिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
- नया संसद भवन: भारत, मॉरीशस के लिये एक नए संसद भवन का निर्माण करेगा, जिसे भारत ने “लोकतंत्र की जननी” की ओर से एक उपहार बताया ।
- बहुपक्षीय संबंध: भारत द्वारा कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन , IORA तथा हिंद महासागर सम्मेलन जैसे क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मॉरीशस के साथ कार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की ।
भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंध
- भारत की स्वतंत्रता से पूर्व: मॉरीशस में पहले भारतीय फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन (1700 के दशक) के दौरान पुडुचेरी से कारीगरों और राजमिस्त्री के रूप में पहुँचे थे (ब्रिटिशों द्वारा अधिग्रहण किये जाने से पूर्व मॉरीशस एक फ्रांसीसी उपनिवेश था)।
- ब्रिटिश शासन के तहत, 1834 से 1900 के दशक के प्रारंभ तक लगभग 500,000 भारतीय अनुबंधित श्रमिक मॉरीशस चले गए, जिनमें से दो-तिहाई मॉरीशस में बस गये।
- महात्मा गांधी ने वर्ष 1901 में मॉरीशस का दौरा किया और भारतीय समुदाय के लिये शिक्षा एवं राजनीतिक सशक्तीकरण की वकालत की।
- गांधीजी को श्रद्धांजलि के रूप में, मॉरीशस 12 मार्च को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जो दांडी मार्च के रूप में मनाया जाता है।
- भारत की स्वतंत्रता के बाद: मॉरीशस को स्वतंत्रता मिलने से दो दशक पूर्व वर्ष 1968 भारत और मॉरीशस ने वर्ष 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित किये।
- मॉरीशस के प्रथम प्रधानमंत्री शिवसागर रामगुलाम गांधीजी, जवाहर लाल नेहरू और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे भारतीय नेताओं के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े थे।
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