पुडुचेरी में दुकानों के नाम तमिल भाषा में लिखा होना चाहिए- CM रंगासामी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मुख्यमंत्री ने बताया क्यों किया जा रहा ऐसा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि सरकारी विभागों के सभी कार्यक्रमों के निमंत्रण पत्र तमिल में भी लिखा होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘तमिल भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान के कारण ऐसा किया जा रहा है।’
कुप्पुसामी ने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले में कोई ढील नहीं बरती जानी चाहिए और सरकार से तमिल भाषा के सम्मान के लिए सख्त निर्देश वाले परिपत्र जारी करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि सरकारी विभागों के सभी कार्यक्रमों के निमंत्रण पत्र तमिल में भी लिखा होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘तमिल भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान के कारण ऐसा किया जा रहा है.’’
बता दें कि पुडुचेरी का यह कदम कर्नाटक सरकार के उस आदेश के कुछ महीने बाद आया है जिसमें कहा गया था कि सभी वाणिज्यिक साइनबोर्डों में से कम से कम 60% कन्नड़ में होने चाहिए. इसके अलावा, तमिलनाडु में तीन भाषा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है.
प्रोजेक्ट के लिए 1 हजार करोड़ की आवश्यकता
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान लोक निर्माण और मत्स्य पालन मंत्री के लक्ष्मीनारायणन ने सदन को बताया कि सरकार तटीय क्षेत्र के कटाव को रोकने के उपायों के तहत पुडुचेरी तटरेखा के पूरे 24 किलोमीटर क्षेत्र में चट्टानें बिछाएगी।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी तथा इसके कार्यान्वयन के लिए केंद्र से धनराशि मिलने की उम्मीद है।
CM स्टालिन ने बजट से प्रतीक चिह्न हटाया
हाल ही में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन सरकार ने राज्य सरकार के बजट 2025-26 से रुपये (₹) का प्रतीक चिह्न हटा दिया है। इसकी जगह सरकार ने तमिल भाषा का प्रतीक लगाया है। ऐसा माना जा रहा है भाषा विवाद के चलते तमिलनाडु सरकार ने यह कदम उठाया है। बता दें कि तमिलनाडु में तीन भाषा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है.