Raghunathpur: शतचंडी महायज्ञ के पहले दिन श्रीराम कथा सुन श्रोता हुए भक्ति विभोर
श्रीराम कथा का वाचन तथा श्रवण सौभाग्य की बात: पीयूष जी महाराज
श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, रघुनाथपुर, सिवान (बिहार)
सीवान जिले के रघुनाथपुर प्रखंड क्षेत्र के चकरी बाजार में सतचंडी महायज्ञ के पहले दिन सोमवार से ही महायज्ञ में शामिल होने तथा श्रीराम कथा को सुनने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई।गाजीपुर उत्तर प्रदेश से आए कथावाचक पीयूष जी ने कहा कि राम कथा बहुत व्यापक है और हजार मुख वाले शेषनाथ जी तथा सरस्वती जी भी राम कथा को पूर्ण नहीं कर सकते हैं।
हम सभी सौभाग्यशाली हैं जो राम कथा का वाचन और श्रवण कर रहे हैं। जीवन की सार्थकता पर चर्चा करते हुए कहा कि ये शरीर नश्वर है अंत समय में साथ कुछ भी नहीं जाएगा, सिर्फ आपकी भक्ति और आपके कर्म ही आपके साथ जाते हैं। अतः आप ईश्वर की शरण में अपना ध्यान लगाए रखें।
राजा दशरथ जी के वैभव की बात करते हुए उन्होंने बताया कि जब वे देवराज इंद्र के पास जाते थे तो वह उन्हें आधा इंद्रासन बैठने के लिए देते थे किन्तु उनको कोई संतान नहीं थी इस बात से वे दुःखी रहते थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनके घर पुत्र के बदले साक्षात् परमात्मा का अवतार होने वाला है। उन्होंने बीच बीच में सुंदर भजन सुनाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
कथा शुरू होने से पहले मुख्य यजमान गोपालजी पांडेय और वीरेंद्र साह ने सपरिवार मानस पूजन और आरती किया। साथ ही समिति के द्वारा भी उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। इस महायज्ञ में उत्तर प्रदेश से आए कलाकारों के द्वारा झांकी का प्रदर्शन किया गया। साथ ही वृंदावन की रासलीला भी देखने को मिली। इस यज्ञ में 151 मूर्तियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
इस अवसर पर अध्यक्ष राजेश प्रसाद, उपाध्यक्ष अरविंद यादव, सचिव सर्वजीत राम, कोषाध्यक्ष रंजन पांडेय, सह कोषाध्यक्ष तूफानी प्रसाद, योगेंद्र प्रसाद व्यास, दिलीप भगत, सुरेश शर्मा, दिनेश्वर बरनवाल, दीपू गुप्ता, संजीत प्रसाद, सुजीत कुमार निराला सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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