वक्फ संशोधन पारित होने के बाद बेहतर विधेयक तैयार होगा: जगदंबिका पाल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
विपक्ष ने बैठक पर उठाए सवाल
हालांकि, विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को “विकृत” करने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, “यह एक हास्यास्पद कवायद थी। हमारी बात नहीं सुनी गई। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है।”
किए गए ये महत्वपूर्ण संशोधन
जगदंबिका पाल ने कहा कि विधेयक के 14 खंडों में एनडीए सदस्यों द्वारा पेश किए गए संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सभी 44 खंडों में सैकड़ों संशोधन पेश किए और वे सभी वोट से हार गए।
बैठक में खूब हुआ हंगामा
गौरतलब है कि जेपीसी की बैठक में कई बार जोरदार हंगामे की भेंट चढ़ी। कुछ दिनों पहले हुई बैठक में जगदंबिका पाल ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी पर उन्हें गाली देने का आरोप लगाया। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया था। वहीं, पिछले साल 22 अक्टूबर को बैठक के दौरान कई नेताओं के बीच मारपीट की नौबत आ गई थी।
बिल में इन मुख्य बदलावों को मिली मंजूरी
- इस बिल में पहले प्रावधान था कि राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर मुस्लिम सदस्य अनिवार्य होंगे। इसमें बदलाव किया गया है। अब पदेन सदस्यों को इससे अलग कर दिया गया है। जिसका मतलब है कि वक्फ परिषदें, चाहे राज्य स्तर पर हों या अखिल भारतीय स्तर पर, कम से कम दो और संभवतः अधिक सदस्य होंगे जो इस्लाम धर्म से नहीं होंगे।
- वहीं, एक अन्य संशोधन के अनुसार अब कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं इसका फैसला राज्य सरकार की ओर से नामित अधिकारी करेगा। मूल मसौदे में यह निर्णय जिला कलेक्टर पर छोड़ा गया था।
- एक और अन्य संशोधन के अनुसार कानून पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं होगा। शर्त ये है कि वक्फ संपत्ति पंजीकृत हो यानी जो वक्फ संपत्तियां रजिस्टर्ड है उनपर असर नही पड़ेगा। हालांकि, जो पहले से रजिस्टर्ड नहीं है उनके फैसले भविष्य में तय मानकों के अनुरूप होगा। (लेकिन, कांग्रेस नेता और जेपीसी सदस्य इमरान मसूद ने इसको लेकर कहा कि 90 प्रतिशत वक्फ संपत्तियां वास्तव में पंजीकृत नहीं हैं )
ये बदलाव भी पारित हुए
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इन तीन परिवर्तनों के अलावा 11 अन्य परिवर्तन सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या और अपराजिता सारंगी शामिल थे।
क्या बोले बीजेपी सांसद?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि गरीब मुसलमान को हक दिलाने तथा कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक की राजनीति के कारण हिन्दू समाज को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की साज़िश को बेनक़ाब कर आज संसद की संयुक्त समिति ने वक़्फ़ संशोधन विधेयक पारित किया । अब यह क़ानून बनेगा।
कब पेश होगी रिपोर्ट
जेपीसी की बैठक में कई बार हुआ हंगामा
उल्लेखनीय है कि जेपीसी की बैठक में कई बार जोरदार हंगामे की भेंट चढ़ी। कुछ दिनों पहले हुई बैठक में जगदंबिका पाल ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी पर उन्हें गाली देने का आरोप लगाया। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया था।
वहीं, पिछले साल 22 अक्टूबर को बैठक के दौरान कई नेताओं के बीच मारपीट की नौबत आ गई थी। झड़प के दौरान कल्याण बनर्जी ने वहां रखी कांच की पानी की बोतल उठाकर मेज पर मारी और गलती से खुद को चोटिल कर लिया था।