बिहार में जमीन खरीद बिक्री में दाखिल खारिज को लेकर होने जा रहा बड़ा बदलाव.

बिहार में जमीन खरीद बिक्री में दाखिल खारिज को लेकर होने जा रहा बड़ा बदलाव.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में जमीन खरीद बिक्री के दौरान होने वाले दाखिल-खारिज(land mutation in Bihar) में नीतीश सरकार बड़ा बदलाव लाने जा रही है। दरअसल अब रजिस्ट्री के साथ ही स्वत: म्यूटेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इसके लिए जमीन मालिक को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। इसकी वजह से अब जमीन खरीदारों को म्यूटेशन के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। हालांकि अभी यह सुविधा उन्हीं खरीदारों को मिलेगी जो जमाबंदीदार से खरीदेंगे। किसी दूसरे यानि किसी ऐसे वारिस से जमीन खरीदेंगे जिनके नाम म्यूटेशन नहीं है तो पुरानी व्यवस्था से ही आवेदन करना होगा।

नई व्यवस्था के लिए अंचल कार्यालय को निबंधन कार्यालय से जोड़ दिया गया है। दोनों विभागो ने पूरी तैयारी कर ली है। सॉफ्टवेयर भी तैयार हो गया है। 31 मार्च को विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार इसकी शुरुआत करेंगे।

नई व्यवस्था का लाभ लेने के लिए जमीन की रजिस्ट्री के समय ही एक प्रपत्र भरकर निबंधन कार्यालय में जमा करना होगा। साथ ही स्वत: म्यूटेशन की सहमति भी देनी होगी। प्रपत्र में जमीन का पूरा ब्योरा के साथ जिनके नाम जमाबंदी कायम है उसका भी पूरा विवरण देना होगा। म्यूटेशन के साथ ही रजिस्टर टू से भी पुराने जमीन मालिक का नाम हट जाएगा और नये खरीदार का नाम जुड़ जाएगा। लेकिन अगर किसी भूखंड का छोटा भाग बिकता है तो बेची गई संपत्ति के भाग से नया नाम जुड़ेगा। शेष भूमि पुराने मालिक के नाम ही रहेगा। पूरी व्यवस्था के लिए एक एप तैयार किया गया है। एप के माध्यम से निबंधित कागजात का पीडीएफ अंचल कार्यालय तक पहुंच जाएगा।

वर्तमान में भी सरकार ने म्यूटेशन की ऑनलाइन व्यवस्था की है। लेकिन इसके लिए जमीन मालिक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। साथ ही डीड की छायाप्रति भी जमा करनी होती है। लेकिन अब इन सबसे मुक्ति मिल जाएगी।

इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने बताया कि किसी भी संपत्ति के खरीदार को पहले दो प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। पहले निबंधन कराने की प्रक्रिया फिर म्यूटेशन की। लेकिन अब सिर्फ निबंधन की ही प्रक्रिया करनी होगी, शेष काम अधिकारी खुद करेंगे।
राज्य में म्यूटेशन का आंकड़ा 
3.5 हजार रोज म्यूटेशन का आवेदन आता है
1.15 करोड़ होल्डिंग की हर साल कटती है रसीद
93.60 लाख हेक्टेयर है राज्य का रकबा

बिना म्यूटेशन के जमीन बेचने वाले हतोत्साहित होंगे
पटना। स्वत: म्यूटेशन की नई व्यवस्था से बिना म्यूटेशन कराये जमीन बेचने की परम्परा घटेगी। लोग जमीन बेचने के पहले म्यूटेशन कराने के लिए उत्साहित होंगे। राज्य सरकार ने बिना म्यूटेशन कराये जमीन की बिक्री पर पहले रोक लगा दी थी। लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी। नई व्यवस्था फिर से उस पुराने आदेश को मानने के लिए बाध्य भले ना करे लेकिन लोगों को प्रेरित जरूर करेगी। कुछ वर्षों बाद बिना म्यूटेशन के जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने में सरकार को भी सहूलियत होगी।

इसे भी पढ़े…

Leave a Reply

error: Content is protected !!