महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग में ‘मीडिया में राजनीतिक हस्तक्षेप’ विषय पर परिचर्चा का हुआ आयोजन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के मीडिया अध्ययन विभाग में मीडिया में राजनीतिक हस्तक्षेप विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें विभाग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्रों ने मीडिया में राजनीति का प्रभाव के पक्ष एवं विपक्ष पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा ने किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा ने वर्तमान समय में मीडिया के क्षेत्र में बढ़ते राजनीतिक हस्तक्षेप को समझाया। डॉ. झा ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में बढ़ते राजनीतिक हस्तक्षेप से पत्रकारिता की गुणवत्ता का लगातार ह्रास हो रहा है, साथ ही पत्रकारिता में ‘रोजगार की सुरक्षा’ में लगातार कमी देखने को मिल रही है । उन्होंने कहा कि सभी मीडिया के विद्यार्थियों को भविष्य के बेहतर पत्रकार बनने के लिए निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए ।
कार्यक्रम का संयोजन कर रहे सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनील दीपक घोडके ने मीडिया विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य की कामना करते हुए कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है तथा मीडिया क्षेत्र में होने वाले संभावित बदवालों को बताया, साथ ही उन्होंने मीडिया की निष्पक्षता पर भी प्रकाश डाला। विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र ने महात्मा गांधी की पत्रकारिता का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को निष्पक्ष रूप से काम करने को प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि मीडिया विद्यार्थियों को राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता करती चाहिए।
इस अवसर पर विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ साकेत रमण ने मीडिया में नए प्रवृतियों और रोजगार का अवसरों को बताया। उन्होंने कहा कि समाजहित एवं राष्ट्रहित में पत्रकारिता करना ही युवा पत्रकारों का मूल धर्म है। कार्यक्रम का संचालन विभाग के पीएचडी शोधार्थी हरिओम कुमार ने किया।
परिचर्चा में विभाग के शोधार्थी एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति रही जिसमें बीजेएमसी और एमजेएमसी रश्मि, तान्या, आशीष, रौशन, रजनीश, विवेकानंद, अरुना, राजीव, अनन्या आदि ने अपने वक्तव्य दिए । साथ ही शोधार्थी सौविक आचार्य, अमित कुमार, मनीष कुमार व सुनील सिंह ने अपने विचार सभी के समक्ष रखे।
धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी मनीष कुमार ने किया ।
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