वाराणसी में सुबह ए बनारस आयोजन के नौंवे आरम्भ दिवस के उपलक्ष्य में भव्य समारोह हुआ
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / प्रभाती में पद्मश्री मालिनी अवस्थी का सुमधुर गायन सम्पन्न हुआ आरम्भ में
बाबा हरिहर रामजी अघोर संत तथा पद्मश्री मालिनी अवस्थी पद्मभूषण प्रो वशिष्ठ नारायण त्रिपाठी एवं सुबह बनारस के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य तथा लोक गायिका पद्मश्री श्रीमती अजिता श्रीवास्तव एवं ख्यात चिकित्सक पूर्व कुलपति किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय पद्मश्री प्रो सरोज चूड़ामणि गोपाल साथ मे पद्मश्री एवं कृषि विज्ञानी श्री चंद्रशेखर ने दीप प्रज्वलित किया इसी क्रम में श्री लक्ष्मी नारायण के नेतृत्व में सप्त बटुकों ने आरती का शुभारंभ किया।इसी के साथ संजीवनी जी के नेतृत्व में पाणिनि कन्या महाविद्यालय की ऋषिकाओं ने वैदिक ऋचाओ के स्तवन के साथ यज्ञ का संचालन किया जिसमें श्रद्धालुओं सहित विशिष्टजनो ने यज्ञ में समिधा रूपीआहुति अर्पित की। इसके उपरांत मा गंगा को पुष्पांजलि अर्पित की गयी अब समय आ गया प्रभाती में राग अर्पण का जिसमे आज की अतिथि कलाकार थी पद्मश्री विदुषी मालिनी अवस्थी जिन्होंने प्रथम बार गंगा तट अपनी हाजिरी लगाई ।आपके साथ तबला संगति रही पं कुबेर मिश्र की एवं संवादिनी पर साथ दिया बनारस घराने के वरिष्ठ कलाकार पं धर्मनाथ मिश्र ने । तानपुरा संगति रही सुश्री पूजा राय की मालिनी जी द्वारा ब्रह्म महूर्त में राग अहीर भैरव के अंतर्गत बिलम्बित एकताल में निबद्ध बंदिश की भावपूर्ण प्रस्तुति में ब्रह्म मुहूर्त के इस राग में निहित शांत और कोमल दोनो भावों की कुशल अभिव्यक्ति रही बोल थे मेरो मन मोहे जोगिया।
बंदिश के बोल थे इसके उपरान्त द्रुत तीनताल में निबद्ध बंदिश के माध्यम से भक्ति रस का सृजन किया बंदिश के बोल थे उठहूँ गोपाल भोर की चिरइया बोलन लागे ।इसके उपरान्त श्रोताओ के विशेष आग्रह पर उन्होंने अपने गुरु विदुषी पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी जी के प्रिय ठुमरी के मधुर गायन से बनारस के पारंपरिक संगीत से सबके मन को रससिक्त कर दिया जिसके बोल थे पिया के मिलन की आस।इसीके साथ एक और दादरा जिसके बोल थे गंगा तीरे बंगला छवाई द मोरे राजा की कर्ण प्रिय गायन से सभी के चित्त में लय स्वर की अनुगूंज प्रवाहित किया।श्रीमती मालिनी अवस्थी जी को प्रमाणपत्र प्रदान किया पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य ने।प्रभाती की दूसरी हृदयस्पर्शी प्रस्तुति स्वीजरलैंड की निवासिनी कथक नृत्य कलाकार श्रीमती मीरा द्वारा बनारस के पारंपरिक दादरा पर आधारित कथक नृत्य की प्रस्तुति रही। बोल थे रंगी सारी गुलाबी चुनरिया जिसमे आज मणि कंचन संयोग रहा पद्मश्री मालिनी जी द्वारा नृत्य में दादरा का गायन।प्रभाती की द्वितीय प्रस्तुति के अंतर्गत कथक नृत्य में तबला संगति रही श्री राम कुमार मिश्र एवं संवादिनी पर साथ दिया श्री गौरव मिश्र ने तथा बोल पठंत पर साथ थे सुश्री मीरा के गुरु पं रविशंकर मिश्र ने।
**आयोजन के आरम्भ में *कार्यकम का संक्षिप्त परिचय दिया पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य ने* एवं *स्वागत किया सुबह ए बनारस के संस्थापक सचिब डॉ रत्नेश वर्मा ने तथा धन्यवाद ज्ञापित किया सुबह ए बनारस के उपाध्यक्ष प्रमोद मिश्र ने एवं अतिथियो का संम्मान किया सुबह ए बनारस के वरिष्ठ सदस्य समाजसेवी पं दीपक मिश्रा ने ।*इस अवसर पर *विशिष्टजन उपस्थित रहै जिनमे प्रमुख थे पूर्व संस्कृति मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी पूर्व मेयर वाराणसी श्री राम गोपाल मोहले एवं एवं सदस्य पं दीपक मिश्रा तथा योगिराज पं विजय प्रकाश मिश्र तथा चित्रकार श्री मनीष खत्री पाणिनि कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या नंदिता शास्त्री तथा एच डी एफ सी बैंक के अधिकारी श्री मनीष टडन तथा श्री एम जी राय एवं वाराणसी विकास समिति के प्रमुख व्यवसायी श्री आर के चौधरी** तथा *कोषाध्यक्ष श्री सुनील शुक्ला एवं तथा सदस्य सुबह ए बनारस श्री रमेश तिवारी एवं श्रीअजय गुप्त एवं श्री यू पी सिंह एवं श्री कृष्णमोहन पांडेय एवं देवेंद्र मिश्र*श्री जयप्रकाश*
इस अवसर पर उपस्थित महिला सदस्यों में प्रमुख रही आचार्या नांदिता शास्त्री श्रीमती विभा शुक्ला आदि प्रमुख रही।संचालन किया डॉ प्रीतेश आचार्य ने।इस अवसर पर सुबह ए बनारस के आयोजन से जुड़े समर्पित लोगो को सम्मानित किया गया।सर्वप्रथम प्रभाती की मुख्य कलाकार पद्मश्री मालिनी अवस्थी जी को उनका हस्त निर्मित छविचित्र साथ मे अंगवस्त्रम एवं पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया सुबह ए बनारस के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य ने ।इस अवसर पर सम्मानित लोगो मे प्रमुख रहे श्रीमती मंजू मिश्रा एवं तथा योगगुरु पं विजय प्रकाश मिश्र आदि।
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