श्री अवधूत आश्रम में चैत्र पूर्णिमा पर हवन पूजन के साथ विशाल भंडारा आयोजित
हनुमान जी ने अपना जीवन प्रभु के चरणों में समर्पित किया : परमहंस ज्ञानेश्वर
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
श्री अवधूत आश्रम पिहोवा मार्ग कुरुक्षेत्र में आश्रम के संचालक एवं षडदर्शन साधुसमाज के अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज के सानिध्य में चैत्र पूर्णिमा के पावन पर्व पर त्रैमासिक भंडारा आयोजित किया गया।
आश्रम में प्रतिदिन हवन पूजन तो होता ही है साथ ही आश्रम द्वारा संचालित निःशुल्क डिस्पेंसरी लेबोरेट्री की सेवाएं भी उपलब्ध है जिसमें दूसरे राज्यों से भी रोगी अपना उपचार करवाने आते है। महाराज जी ने श्री हनुमान जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं को बधाई देते हुए बताया कि हनुमान जी का सम्पूर्ण जीवन भगवान श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति का उदाहरण है। उन्होंने न केवल श्री राम की सेवा की, बल्कि अपने जीवन को राम के चरणों में समर्पित कर दिया। हनुमान जी को ‘बुद्धिमतां वरिष्ठ’ कहा गया है। सीता माता की खोज में उन्होंने अत्यंत चतुराई से कार्य किया और लंका में रहते हुए भी संयम बनाए रखा। अपार शक्तियों के बावजूद हनुमान जी सदैव विनम्र रहे। उन्होंने कभी अपनी शक्ति का घमंड नहीं किया और हमेशा ‘दास भाव’ से कार्य किया।
इस अवसर पर षडदर्शन साधुसमाज के उपाध्यक्ष निर्मल अखाड़े से महंत गुरुभगत सिंह, कोषाध्यक्ष बड़ा अखाड़ा से महंत महेश मुनि, देवी शरण, महासचिव महंत ईश्वर दास, संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, कार्यालय सचिव महंत राम अवतार दास, सचिव महंत सुनील दास, महंत स्नेह दास, महंत मंगल नाथ, स्वामी लक्ष्मी नारायण पुरी, स्वामी हरि नारायण गिरि, गोविंदानंद आश्रम पिहोवा से महंत सर्वेश्वरी गिरि, ब्रह्मा आश्रम से महंत दर्शाना महाराज इत्यादि काफी संख्या में संत समाज श्रद्धालुगण मौजूद रहे।
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