महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय,मोतिहारी में साहित्यकार मन्नू भंडारी के निधन पर स्मरण सभा का हुआ आयोजन.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हिन्दी साहित्य सभा(हिन्दी विभाग), महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के तत्वावधान में ‘यही सच है’ स्मरण सभा का आयोजन किया गया। वरिष्ठ रचनाकार मन्नू भंडारी को समर्पित सभा की अध्यक्षता अध्यक्ष सह संरक्षक प्रो.राजेन्द्र सिंह(हिन्दी विभाग, हिन्दी साहित्य सभा) ने की। अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रो.राजेन्द्र सिंह ने कहा कि, अपने समय के सच का मुक़म्मल बयान लिखने वाली मन्नू भंडारी हिन्दी साहित्य की प्रासंगिक रचनाकार हैं।

इनका लेखन मात्र कोमल भावनाओं का प्रकटीकरण नहीं है अपितु युगीन राजनीति और विषमताओं का दस्तावेज़ भी है। प्रमुख उद्धरणों के माध्यम से प्रो.सिंह ने मन्नू भंडारी की रचनाधर्मिता पर अपनी बात रखी।


अध्यक्ष सह परिसर निदेशक प्रो.प्रसून दत्त सिंह(संस्कृत विभाग, गाँधी भवन परिसर) ने ‘आपका बंटी’ उपन्यास के प्रश्नों को केंद्र में रखा। प्रो.सिंह ने कहा कि, ‘बंटी’ की त्रासदी वक़्त का मौज़ू सवाल है। न चाहते हुए भी ‘बंटी’ अपने सवालों के साथ हमें परेशान करता है।


हिन्दी विभाग के सह-आचार्य डॉ. अंजनी श्रीवास्तव ने स्त्री संदर्भों एवं प्रश्नों के साथ मन्नू भंडारी को याद किया। आपने कहा कि, लेखकीय पति का साथ मन्नू भंडारी की रचनात्मकता को विस्तार देने से ज्यादा उन्हें ‘अलग’ कर देता है।


हिन्दी विभाग के शोधार्थी साथी सोनू कुमार ठाकुर,मुकेश कुमार, विकास गिरी ने संक्षिप्त वक्तव्य के माध्यम से मन्नू भंडारी के रचनाकर्म को प्रस्तुत किया। मंच संचालन मनीष भारती(महासचिव,हिन्दी साहित्य सभा), स्वागत रश्मि सिंह(अध्यक्ष,हिन्दी साहित्य सभा) एवं धन्यवाद ज्ञापन सुनंदा गराईं(सह-सचिव, हिन्दी साहित्य सभा) ने किया।

आभार-रश्मि सिंह
शोधार्थी, हिन्दी विभाग

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