हास्य, व्यंग्य और त्रासदी का मिश्रण है :- “द सिडक्शन” :राजेश राजा
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
रंगमंच के क्षेत्र में 12 वर्षो से सक्रिया नाट्य संस्था विश्वा, ने दो दिवसीय नाट्य महोत्सव ‘विश्वोत्सव 2024-25’ का आयोजन कर रही है जिसके तहत 27 दिसम्बरको रंग मार्च स्टूडियो, एस. पी. वर्मा रोड, पटना में आंतोन चेखव लिखित नाटक “ द सिडकशन “ की प्रस्तुति हुयी, जिसका निर्देशन राजेश राजा ने किया है।
“द सिडक्शन” मानवीय भावनाओं, लालच और यथार्थ के टकराव का सजीव चित्रण है। यह नाटक एक ग्रामीण पृष्ठभूमि में घटित होता है, जहां पात्रों के बीच की बातचीत से समाज की गहराइयों और मानवीय कमजोरियों का पता चलता है।नाटक का मुख्य पात्र एक चालाक और तेजतर्रार पुरुष है, जो अपनी बातों और चतुराई से महिलाओं को आकर्षित करता है।
वह दूसरों को अपने प्रभाव में लेकर अपने फायदे के लिए उनका इस्तेमाल करता है। लेकिन चेखव की शैली के अनुसार, यह नाटक केवल सतही घटनाओं पर नहीं रुकता। इसकी गहराई में पात्रों की भावनात्मक उलझनों और उनके निर्णयों के पीछे छिपे कारणों की विवेचना की गई है।
“द सिडक्शन” हास्य, व्यंग्य और त्रासदी का अनोखा मिश्रण है। यह न केवल मानवीय स्वभाव के विरोधाभासों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे लोग अपने हितों के लिए दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। इस नाटक में चेखव ने जीवन के साधारण क्षणों को एक गहरी दृष्टि से प्रस्तुत किया है, जो दर्शकों को अपने जीवन के बारे में सोचने पर मजबूर कर देता है।इस नाटक का अंत अप्रत्याशित और विचारोत्तेजक है, जो दर्शकों को मानवीय संबंधों और जीवन की वास्तविकताओं पर चिंतन करने का अवसर देता है।
कलाकारों में रजनीश कुमार, तनुश्री एवं राजेश राजा मंच से परे पार्श्व ध्वनि : राहुल आर्यन,रूप सज्जा : तन्नु आश्मी,वस्त्र विन्यास : पंकज कुमार तिवारी एवं संजीव कुमार,मंच निर्माण : सुनील जी सहयोग : पंकज कुमार,मंच व्यवस्था : पंकज प्रभात एवं ऋषि गौतम,पूर्वाभ्यास प्रभारी : शशांक शेखर एवं अभिषेक मेहता,प्रस्तुति : विश्वा, पटना,लेखक : आंतोन चेखव निर्देशन : राजेश राजा हैं।
धन्यवाद मृत्युंजय शर्मा को दिया गया।
यह भी पढ़े
पाक आतंकी अब्दुल रहमान मक्की की हुई मौत
गुवाहाटी में 28 वर्ष तक किराया पर क्यों रहे मनमोहन सिंह?
गुरूकुल उच्च विद्यालय में कार्यरत शिक्षक के निधन पर शोक सभा आयोजित
बदलो बिहार महा जुटान रैली की सफलता के लिए भाकपा माले की हुई बैठक
मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधारों से बदल गई भारत की तस्वीर