बिहार के इस दस महीने के बच्‍चें की जिंदगी बचा सकती है 16 करोड़ रुपये की एक सुई, जानें पूरा मामला

बिहार के इस दस महीने के बच्‍चें की जिंदगी बचा सकती है 16 करोड़ रुपये की एक सुई,

जानें पूरा मामला

इस बच्‍चें की जान आपसब की सहयोग से बच सकेगा

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श्रीनारद मीडिया,  सेंट्रल डेस्‍क:

बिहार के दस महीने का मासूम अयांश एक ऐसी दुर्लभ बीमारी का शिकार हो गया है, जो लाखों में किसी एक को होती है. मामला पटना के रूपसपुर रुकनपुरा का है. यहां रहने वाले आलोक कुमार सिंह और नेहा सिंह के बेटे अयांश को SMA (Spinal Muscular Atrophy type -1) नाम की दुर्लभ बीमारी है. अयांश मात्र 10 महीने का है. वह जब 2 महीने का था तो इस बीमारी का पता लगा था.

एसएमए के शिकार बच्चे के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं. अयांश की गर्दन के एक हिस्से ने काम करना बंद कर दिया है. 10 महीने बाद भी अयांश की हालत नवजात की तरह है. अयांश की मां नेहा सिंह बताती हैं कि जब हमें इस बीमारी का पता चला तो विश्वास नहीं हुआ. नेहा बच्चे का इलाज बंगलुरू के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एन्ड न्यूरो साइंस में करा रही हैं.

 

नेहा सिंह के मुताबिक, डॉक्टर कहते हैं कि इस बीमारी का शिकार बच्चा अधिकतम 2 साल जिंदा रह सकता है. धीरे-धीरे हाथ-पैर काम करना बंद कर देगा, सांसें भी लेनी मुश्किल हो जाएंगी. अयांश के माता-पिता अपने बच्चे को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. पर इलाज के लिए लगने वाला इंजेक्शन इतना महंगा है कि माता-पिता की समझ में कुछ नहीं आ रहा.

 

स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (SMA) के इलाज के लिए Zolgensma नाम के इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है. इसकी एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है. यह भारत में उपलब्ध नहीं है, इसे अमेरिका से मंगाना होता है. इस महंगे इलाज के सामने माता-पिता असहाय हो गए हैं. अयांश की मां नेहा सिंह बच्चे के इलाज के लिए लोगों से मदद मांग रही हैं. नेहा सिंह ने क्राउड फंडिंग की शुरुआत की है और सोशल मीडिया के जरिये भी लोगों से मदद मांगी हैं. नेहा सिंह सीएम नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से गुहार लगाते हुए कहती हैं कि बिहार का अयांश पहला ऐसा बच्चा है, जिसे ऐसी दुर्लभ बीमारी हुई है. सीएम नीतीश कुमार और सरकार अगर मदद करे तो बेटे की जान बच सकती है.

 
अयांश के माता पिता साधारण परिवार से आते हैं. इन्होंने लोगों से अपील की है कि आगे आकर मदद करे. बच्चे के पिता के मुताबिक, मुंबई में एक ऐसा ही मामला पहले आया था. उस केस में लोगों ने खूब मदद की थी और बच्चे का इलाज हुआ. लोगों की मदद से लगे इंजेक्शन के बाद बच्चे की सेहत बेहतर है. श्रीनारद मीडिया लोगों से अपील कर रहा है कि ऐसे बच्‍चें को बचाने के लिए आगे आये और दिल खोलकर सहयोग करें.

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