सिधवलिया के सुपौली पंचायत विकास का लिख रहा है नई गाथा
श्रीनारद मीडियाए रिज़वान उर्फ़ राजू‚ सिधवलिया गोपालगंज (बिहार)
गोपालगंज जिले के सिधवलिया प्रखण्ड के सबसे बड़ा पंचायत सुपौली में बहुत बड़ा बदलाव होने के कारण प्रखण्ड में आदर्श पंचायत के श्रेणी में आ चुका है। इस पंचायत में कुल 17 वार्ड हैं तथा इसमें कुल चार राजस्व गाँव हैं। इन गांवों में कई ऐसे टोले हैं जिसमे बहुत बड़ी आबादी पगडंडी के सहारे आते जाते थे, परंतु उन टोलों में सड़क का निर्माण हो जाने से सबका जन जीवन सुखमय हो गया है।
सकलदारी राम की माने तो झझवां गांव का दलित टोले की आबादी लगभग एक हजार है,जो सदियों से लोग पगडंडी के सहारे लोग हाट बाजार आते जाते थे। शादियाँ हो, मृतक ले जाना हो या बीमार व्यक्तियों को अस्पताल ले जाना हो , उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था , परंतु प्रतिनिधित्व के अथक प्रयास से इस टोले के चहुंओर लगभग बाइस सौ मीटर लंबी पीसीसी सड़क बन गयी, साथ ही जल निकासी के लिए नाली भी बन गई।
रामजी राय का कहना है कि बरहिमा मठिया रामप्रसाद साह के टोले के अतिपिछड़े जाति के लोग लगभग एक किलोमीटर दूर सरेह में कच्ची , टूटी फूटी गवहीँ सड़क से आते जाते थे,परंतु इतनी लंबी पीसीसी सड़क उन्हें नसीब हो गया। यही हाल बरहिमा सोनारटोली का था, जहां एक हजार की आबादी कच्ची, जलजमाव, एवं हिचकोले खाने वाली सड़क से आते जाते थे परंतु उसमे भी पीसीसी की चमचमाती सड़क से लोग आते जाते हैं।
रफीक मिया का कहना है कि
सुपौली के हर वार्ड में नल जल योजना धरातल पर सफलीभूत है। एकाध वार्ड को छोड़कर सभी वार्डों में हर जगह नल से स्वच्छ जल की आपूर्ति देखी जा रही है। शिक्षा में भी यह पंचायत अव्वल है। विद्यालयों में शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं की उपस्थिति तथा पठन पाठन सुदृढ़ हो गया है।
पहले जनवितरण प्रणाली की स्थिति अत्यंत दयनीय एवं वितरकों की मनमानी चल रही थी , परन्तु अब घटतौली तथा अधिक पैसे लेने जैसी अनियमितता समाप्त हो गयी है। प्रधान मंत्री आवास योजनाओ का भी लाभ सही लाभुकों को मिल रहा है। इसमें मरम्मती का कार्य जोर शोर से चल रहा है। वंचित लाभुकों की अविलंब आवास बनाने की राशि मिलने की संभावना प्रबल है।
गृहणी मैदुन निशा का कहना है कि पूरे पंचायत के हर घर मे शौचालय एवं गैस कनेक्शन उपलब्ध है। बाढ़ के समय प्रतिनिधित्व की जागरूकता देखने को मिलती है। सभी लोग कोरोना काल मे इस महामारी से मिल जुलकर लड़े हैं तथा कोरोना की रोकथाम के लिए प्रोटोकॉल के नियम का पालन कर वेक्सीन लेने के लिए एक दूसरे को प्रेरित करते रहते हैं।
मिलाजुलाकर आजादी से पूर्व व आजादी के बाद आज से चार वर्ष से पहले तक यह पंचायत काफी पिछड़ा था, परन्तु चार वर्ष पूर्व से आज इसमें काफी बदलाव हुआ है। लोगो का रहन सहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, सड़के, सरकारी योजनाएं धरातल पर हू-ब-हू देखने को मिल रही है।
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