बिहार में गंगा नदी पर बनेगा छह लेन का नया पुल,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्र सरकार ने नए साल की शुरुआत से पहले बिहार को बड़ा तोहफा दिया है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पटना के दीघा से सोनपुर के बीच बेहतर आवागमन के लिए गंगा नदी पर एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी है. यह ब्रिज छह लेन का होगा और इसकी लंबाई 4.5 किलोमीटर होगी. इस एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज का निर्माण वर्तमान जेपी सेतु के समानांतर और करीब 180 मीटर पश्चिम में इपीसी मोड में होगा. इसे 42 महीने में पूरा किया जाएगा और इसे बनाने में 3,064 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
42 महीने में तैयार होगा पुल
दीघा और सोनपुर के बीच में छह लेन के इस पुल के निर्माण में 3,064.45 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. जिसमें 2,233.81 करोड़ रुपये की सिविल निर्माण लागत भी शामिल है. इस पुल को तैयार करने की समय सीमा 42 महीने तय की गई है. यह पुल एक केबल ब्रिज होगा जिसके ऊपर से गाड़ियां और नीचे से नाव एवं जहाज का आवागमन होगा.
एनएच 139 डब्ल्यू से जुड़ेगा यह पुल
गंगा नदी पर बनने वाला यह पुल पटना से बेतिया तक बनने वाली सड़क (एनएच 139 डब्ल्यू) से जुड़ेगा. पटना से बेतिया तक करीब 167 किमी लंबाई में फोरलेन सड़क का निर्माण पांच चरणों में किया जा रहा है. यह सड़क पटना एम्स के निकट से शुरू होकर बकरपुर, मानिकपुर व साहेबगंज, अरेराज को जोड़ते हुए बेतिया के निकट एनएच-727 तक जायेगी.
इसके साथ ही यह पुल NH 139 के माध्यम से औरंगाबाद और सोनपुर (NH-31), छपरा, मोतिहारी (पूर्व-पश्चिम गलियारा पुराना NH-27), बेतिया (NH-727) के माध्यम से उत्तर बिहार के कुछ हिस्सों को भी जोड़ेगा. वहीं इस पुल के माध्यम से पटना को गोल्डन क्वाड्रीलेटरल कॉरिडर से भी सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी.
दीघा से सोनपुर के बीच बाने वाला यह पुल बुद्ध सर्किट का एक हिस्सा है. इसके निर्माण से वैशाली और केशरिया में बुद्ध स्तूप को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. इसके अलावा, NH-139W के माध्यम से प्रसिद्ध अरेराज सोमेश्वर नाथ मंदिर और पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया में प्रस्तावित विराट रामायण मंदिर (दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक) को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
पुल से पर्यटन के विकास में भी मिलेगी सहायता
इस पुल के निर्माण से दक्षिण बिहार के लोग वैशाली, लौरिया आदि जगहों पर भी सीधे जा सकेंगे. वहीं, बेतिया और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व भी जाना आसान हो जायेगा. वहीं उत्तर बिहा के लोग इस पुल का इस्तेमाल कर राजगीर और बोध गया आसानी से जा सकेंगे. ऐसे में इस पुल के निर्माण से पर्यटन का भी विकास होगा.
गंगा नदी पर बनने वाले इस पुल के कारण उत्तर बिहार और बिहार के दक्षिणी हिस्से को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. यह पुल वाहनों की आवाजाही को तेज़ और आसान बना देगा जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र का समग्र विकास होगा. साथ ही पटना, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों को सीधा लाभ होगा.
गंगा नदी पर पहले से हैं यह पुल
- 1. बक्सर-बलिया
- 2. आरा-छपरा
- 3. दीघा-सोनपुर (जेपी सेतु)
- 4. पटना-हाजीपुर (गांधी सेतु)
- 5. मोकामा-सिमरिया घाट (राजेंद्र सेतु)
- 6. मुंगेर गंगा सेतु (रेल सह सड़क)
- 7. भागलपुर (बिक्रमशिला सेतु)
पुल का 67 पिलर तैयार
एक्सट्रा डोज केबल के सहारे गंगा नदी पर बन रहे कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन ग्रीनफील्ड पुल का 67 पिलर (फाउंडेशन) तैयार हो गया है. पिलर के तैयार होने से सुपर स्ट्रक्चर यानि गार्डर लांचिंग का काम बीच-बीच में हो रहा है. खासकर राघोपुर साइड में बीच-बीच में गार्डर लांचिंग का काम हो रहा है. इसके साथ पुल के दोनों साइड एप्रोच रोड बनाने के काम में भी तेजी आयी है.
देश का सबसे लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल पुल
यह पुल देश का सबसे लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल पुल है. इसकी कुल लंबाई 22.76 किलोमीटर है. इसमें पुल की लंबाई 9.76 किलोमीटर व पुल के दोनों तरफ एप्रोच रोड की लंबाई 13 किलोमीटर है. इस पुल के तैयार होने से दक्षिण बिहार व पड़ोसी राज्य झारखंड की तरफ से आने-जाने वाले वाहनों को उत्तर बिहार जाने के लिए पटना शहर में आने की जरूरत नहीं होगी. इससे शहर में वाहनों का दबाव कम होगा.
पटना साइड में एप्रोच रोड के निर्माण में आयी तेजी
पटना की तरफ कच्ची दरगाह से पटना-बख्तियारपुर (एनएच- 30) हाइवे तक एप्रोच रोड बन रहा है. एप्रोच रोड के निर्माण में तेजी आयी है. पथ विकास निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि जमीन अधिग्रहण का काम पूरा होने से एप्रोच रोड का काम तेजी से हो रहा है. गंगा पर सिक्स लेन एक्स्ट्रा डोज केबल पुल के बनने से राघोपुर दियारा की सूरत बदलने के साथ उत्तर बिहार के लिए नयी कनेक्टिविटी होगी. सूत्र ने बताया कि पहले की अपेक्षा काम में तेजी आयी है. लगभग 4988 करोड़ की कुल लागत वाले इस पुल का पटना छोर एनएच-30 पर सबलपुर में तो वैशाली छोर एनएच-103 पर चकसिकंदर में है.
दो पिलर के बीच 160 मीटर की दूरी
सिक्स लेन पुल के निर्माण में गंगा में दो पिलर के बीच 160 मीटर की दूरी है. गंगा में मालवाहक जहाजों के आवागमन को देखते हुए यह दूरी रखी गयी है. सिक्सलेन पुल में पटना दक्षिण छोड़ की तरफ से नदी में लगभग 1.5 किलोमीटर व बिदुपुर उत्तरी छोर से नदी में लगभग 8.5 किलोमीटर पुल बन रहा है. गंगा के जलस्तर से 22 मीटर ऊंचा पुल का निर्माण हो रहा है. ताकि गंगा के अधिकतम जलस्तर से 12 से 13 मीटर के करीब ऊंचा होने पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
राघोपुर दियारा को जोड़ने के लिए बन रहा लिंक रोड
आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सिक्सलेन पुल से राघोपुर दियारा को जोड़ने के लिए लिंक रोड का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है. पाया नंबर 23 व 24 के बीच से लिंक रोड का निर्माण किया जा रहा है. लिंक रोड भी फोर लेन बन रहा है.