कुरुक्षेत्र पुरुषोत्तमपुरा बाग में 30 मार्च को विक्रमी संवत पर होगा कार्यक्रम
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, जीयो गीता तथा शहर की सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से विक्रमी संवत 2081-82 पर सायं के समय 30 मार्च को कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दौरान सभी महा आरती में भी शिरकत करेंगे। यह जानकारी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज सेतिया ने दी है।
कुरुक्षेत्र की पौराणिक अष्टकोसी ऐतिहासिक यात्रा में आज शिरकत करेंंगे श्रद्धालु: पंकज सेतिया
कुरुक्षेत्र नाभिकमल मंदिर से 28 मार्च को सुबह 4:30 बजे शुभारंभ होगा अष्टकोसी यात्रा का, 365 दिन श्रद्धालु कर सकेंगे यात्रा, वामन पुराण मेंं वर्णन है अष्टकोसी यात्रा के इतिहास का, केडीबी, सरस्वती बोर्ड, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से शुरू होगी ऐतिहासिक यात्रा।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज सेतिया ने कहा कि सरकार के प्रयासों से अब देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु कुरुक्षेत्र के तीर्थों की ऐतिहासिक एवं पौराणिक अष्टकोसी यात्रा कर सकेंगे। इस यात्रा को ब्रज की 84 कोसी परिक्रमा की तर्ज पर चलेगी। अहम पहलू यह है कि केडीबी, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रयासों से सरकार के सहयोग से 28 मार्च को कुरुक्षेत्र नाभिकमल मंदिर से सुबह 4:30 बजे अष्टïकोसी यात्रा का शुभारंभ होगा।
केडीबी अधिकारी पंकज सेतिया ने कहा कि चैत्र चौदस मेले के दौरान 28 मार्च को अष्टकोसी यात्रा शुरू की जाएगी और सभी 12 तीर्थों का भ्रमण करवाया जाएगा। इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे और इस्कॉन संस्था की तरफ से भजन मंडली द्वारा कीर्तन भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने कुरुक्षेत्र के तीर्थ स्थलों की अष्टकोसी यात्रा को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। ब्रज की 84-कोसी परिक्रमा की तर्ज पर, पहली 8-कोस यात्रा 28 मार्च को चैत्र चौदस मेले के साथ आयोजित की जाएगी।
केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने कहा कि बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, एक पूरा मार्ग तैयार किया गया है, जिससे भक्तों को विभिन्न तीर्थों (तीर्थ स्थलों) के इतिहास और महत्व का पता लगाने में मदद मिलेगी। कुरुक्षेत्र शहर में लगभग 24 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली 8 कोस यात्रा, 48 कोसी यात्रा की पूर्वपीठिका होगी,
जो अंतत: कुरुक्षेत्र,करनाल, कैथल, पानीपत और जींद जिलों के तीर्थ स्थलों तक विस्तारित होगी। कोस यात्रा सुबह 4.30 बजे नाभिकमल तीर्थ दर्रा खेड़ा तीर्थ से शुरू होगी और ओजस घाट,स्थाण्वीश्वर महादेव, कुबेर तीर्थ, क्षीर सागर तीर्थ,दधीचि कुंड, खेड़ी मारकंडा, वृद्घा कन्या, रत्नुक यक्ष-बीड़ पिपली,पावन तीर्थ- सुंदरपुर, ओघटिया घाट पलवल, बाण गंगा दयालपुर, आपगा तीर्थ दयालपुर, भीष्म कुंड नरकतारी, से होकर नाभिकमल तीर्थ पर सम्पन्न होगी।
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