धर्मप्रेमी मंगलानुष्ठानं कार्यक्रम में शंकराचार्य जी महाराज के संदेश को घर घर पहुंचाने का लिया गया संकल्प

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श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी,10,5,23, ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज द्वारा सनातन धर्म के संवर्द्धन एवं सनातन धर्मावलंबियों के कल्याण हेतु जारी किए गए संदेश को धर्मप्रेमी मंगलानुष्ठानं कार्यक्रम में परमधर्म संसद के माध्यम से अभियान चलाकर घर घर पहुचाने का संकल्प लिया गया। इस अभियानम के तहत लोगों में धार्मिक संस्कार को  पुनर्जागृत करने, गांव अथवा पंचायतों में प्रशिक्षण देकर कर्मकांडी पुरोहित/पण्डित को तैयार करने जैसे अनेक कार्य किये जाने हैं।धर्म प्रेमियों को धर्मप्रेमी मंगलानुष्ठानम का संकल्प करवाकर उन्हें परमाराध्य अनंन्त श्री विभूषित ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के प्रसाद स्वरूप चंदन,धार्मिक पुस्तक, माला एवं आसन प्रदान किया जाएगा। सभी धर्म प्रेमियोँ को परिचय पत्र के रूप में परम पत्रक भी प्रदान किया जाएगा। धर्मप्रेमी मंगलानुष्ठानम यह अनुष्ठान अभियान से जुड़े धर्मप्रेमियों कल्याण और सनातन धर्म के संवर्द्धन हेतु आयोजित हुआ है।उक्त अभियानम को सफल बनाने हेतु परधर्म संसद के पूर्णकालिक सन्देशचार्य के साथ-साथ स्वयंसेवक भी अपना योगदान देंगे। यह अभियान तब तक चलेगा जब तक ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज का संदेश सभी घरों में न पहुंच जाय और सनातनी जनता में सनातन संस्कार दृढ़ न हो जाय।

उक्त जानकारी देते हुए पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के प्रेस प्रभारी सजंय पाण्डेय ने बताया कि कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए काशी विद्वत परिषद न्यास के अध्यक्ष पं श्रीप्रकाश मिश्रा ने कहा कि अपने धर्म में समर्पित रह कर बलिदान हो जाना ही धर्म निष्ठ जीवन है। धर्म निष्ठा की अपेक्षा करता है। समर्पण के मार्ग से धर्म का रास्ता सुदृढ़ होता है। शंकराचार्य जी शिष्यों के साथ पीढी दर पीढ़ी से सनातन धर्म लोकताप के निवारण के लिए और लोक कल्याण हेतु अंतहीन काल खंड से जूझ रहे हैं। डॉ. परमेश्वर दत्त शुक्ल, धर्म महामण्डल के सदस्य ने कहा कि भगवत्कृपा को हम संसार में खोजते रहते हैं और वह स्वतः ही प्राप्त हो जाता है। धर्म का यह प्रचार प्रचार का अनुष्ठान एक पवित्र अभियान है, जिसे सभी समाज मे संकल्प बद्ध होना।समाज के विष को धर्म का अमृत ही सोख सकता है।संध्या, आरती, सूर्यार्घ्य यदि भारत के गांव गांव करने लगेंगे इसी का अर्थ है कि भारत में धर्म के अंकुर हर गांव में फूटेंगे।

कार्यक्रम के आयोजक परमधर्म संसद 1008 के उत्तरप्रदेश धर्मप्रमुख श्री अभय शंकर तिवारी ने कहा कि पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के संदेश को घर घर पहुचाने हेतु हमलोग कृतसंकल्पित हैं। आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए यतींद्र नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि शंकराचार्य संदेश प्रसारण अभियानम का यह रास्ता उत्तर प्रदेश के कुल 97,941 गाँव तक जाता है। उत्तर प्रदेश के 70 जनपदों के सभी गांव प्रातः शालीग्राम का पूजन और गोधूलि में संध्या उपासना करने लगे। कार्यक्रम का संचालन सावित्री पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री:-जयन्तु शास्त्री,पं वागीश शास्त्री, प्रदीप पाण्डेय,हाजरी सौरभ शुक्ला, रमेश उपाध्याय, अनिल शुक्ल, रवीन्द्र अविनाश पाण्डेय, मृदुल ओझा, डॉ बद्री नारायण तिवारी,दर्शन तिवारी अरुण कुमार मौर्या, विक्रम त्रिवेदी अनिल कुमार, कुन्दन पाण्डेय,शुभम तिवारी आदि लोग सम्मलित थे।

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