एकदम असली आधार कार्ड, QR कोड भी सही लेकिन भारी गोलमाल, बिहार में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा

एकदम असली आधार कार्ड, QR कोड भी सही लेकिन भारी गोलमाल, बिहार में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा

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श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

बिहार में बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करके बच्चों के आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। इसके लिए स्कूलों में चल रहे आधार केंद्रों का सहारा लिया जा रहा था। एक अखबार के अनुसार यूआईडीएआई ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया है और अब तक 24 आधार केंद्रों को बंद कर दिया गया है। जांच में पता चला है कि अभिभावकों से पैसे लेकर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जा रहे थे और फिर उन्हीं के आधार पर बच्चों के आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। इस मामले में कई आधार ऑपरेटरों पर कार्रवाई की जा रही है और उन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।

 

बिहार में आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा एक स्थानीय अखबार के अनुसार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की जांच में पता चला है कि राज्य के कई स्कूलों में चल रहे आधार केंद्र फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बना रहे थे। इसके बाद यूआईडीएआई ने ऐसे 24 आधार केंद्रों को तुरंत बंद कर दिया है और फर्जीवाड़े में शामिल आधार ऑपरेटरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। जगदीशपुर, पीरपैंती और सैदपुर में आधार केंद्र चलाने वाले तीन ऑपरेटरों पर अब तक 1.32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है।

 

यूआईडीएआई अधिकारियों का कहना है कि जितने भी फर्जी आधार कार्ड बनाए गए हैं, उन सभी की जाँच की जाएगी और दोषी ऑपरेटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों में भी मचा हड़कंप अखबार की खबर के मुताबिक यूआईडीएआई की इस कार्रवाई से उन अभिभावकों में हड़कंप मच गया है जिनके बच्चों के आधार कार्ड फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर बनाए गए हैं। अभिभावकों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके बच्चों के आधार कार्ड फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए जा रहे हैं। वे तो बस अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाना चाहते थे।

 

कुछ की शातिरगिरी से सिस्टम हुआ खराब’
इस मामले में आधार ऑपरेटरों का कहना है कि कुछ शातिर लोग अभिभावकों को फंसा रहे थे। ये लोग अभिभावकों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मुहैया करा रहे थे। ऑपरेटरों ने यह भी स्वीकार किया है कि इस फर्जीवाड़े के कारण पूरा सिस्टम बर्बाद हो गया है। उन्होंने बताया कि अभिभावकों से पांच-पांच हजार रुपये लेकर एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार किए जाते थे। बिहार में पहले भी 87 स्कूलों की हुई थी पहचान यूआईडीएआई की मॉनिटरिंग में इससे पहले भी राज्य के 87 स्कूलों की पहचान की गई थी जहां से फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे थे।

 

इन स्कूलों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया था। इस बार यह संख्या 90 प्रतिशत तक होने की आशंका है। यूआईडीएआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि जितने गलत कागजातों के आधार पर आधार कार्ड जारी किए गए हैं, उन सभी के लिए प्रति आधार 1000 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। इन पर लगा जुर्माना अखबार के अनुसार जांच के बाद जगदीशपुर प्रखंड में लोकनाथ उच्च विद्यालय के आधार सेंटर ऑपरेटर ओम कुमार पर गलत दस्तावेज के जरिए आधार कार्ड बनाने के लिए 32 हजार रुपये का जुर्माना लगा है। वहीं पीरपैंती प्रखंड के हाई स्कूल पीरपैंती में आधार कार्ड बनाने वाले ऑपरेटर तारिक अनवर के सेंटर को काली सूची में डाल 50 हजार रुपयों का दंड लगाया गया है। इसके अलावा गोपालपुर ब्लॉक में हाई स्कूल सैदपुर के आधार सेंटर के ऑपरेटर मुकेश मंडल पर UIDAI ने 50 हजार का फाइन लगाया है।

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