हैप्पी न्यू इयर 2023 में आइए ना हमारा बिहार, अनोखें अंदाज में सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने दी नए साल की बधाई
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
आइए ना हमरा बिहार, रेत के जादूगर मशहूर सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने खास अंदाज में सेलिब्रेट की “हैप्पी न्यू इयर 2023” रेत पर बनाई 20 फीट उंची शानदार लाल किला, कलाकृति को देख हर कोई हो रहा है मोहित
मोतिहारी/मुंगेर: देश भर में नया साल 2023 का त्योहार मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने भी देशवासियों को इस पावन त्योहार की बधाई दी है। इसी बीच, विश्वविख्यात रेतकला के महान कलाकार मधुरेंद्र कुमार जोकि हर खास मौकों पर रेत से अपनी कलाकृति बनाने को लेकर दुनियाभर में मशहूर हैं। इस बार भी उन्होंने रविवार से ही दो दिनों के कठिन मेहनत के बाद नए साल के दिन से सोमवार को रेत पर 20 फीट उंची बिहार के लाल किला मुंगेर की कलाकृति बनाई है और लिखा- “हैप्पी न्यू ईयर 2023 में आइए ना हमरा बिहार”। साथ ही सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने अपने फैंस को नये वर्ष 2023 की ढेर सारी शुभकामनाएं देते नव वर्ष में परिवारिक सुख- शान्ति एवं उत्कृष्ट स्वास्थ्य, यश-संस्कार, समृद्धि अपार सम्पत्ति एवं आर्थिक उन्नति प्राप्त के लिए मंगलकामना भी की। बता दें कि हालही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन की निधन 30 दिसंबर 2022 को हो गई थी। मधुरेंद्र ने रेत पर उनकी भव्य आकृति बनाकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की थी। यह रेत कलाकृति सोशल मीडिया में खूब वायरल होने के साथ काफी सुर्खियां भी बटोरी थी।
नए साल में दुनिया की सबसे बड़ी रेत कलाकृति
बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने रेत पर लाल किला की कलाकृति बनाने के लिए 5 ट्रक बालू का प्रयोग किया है। विश्व प्रसिद्ध रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार ने नया साल 2023 के अवसर पर मुंगेर के माधोपुर काठ पुल स्थित हनुमान मंदिर परिसर में लाल किले की रेत की मूर्ति बनाई। 20 फीट ऊंची और 40 फीट चौड़ी लाल किला को बनाने के लिए सैंड आर्टिस्ट ने लगभग 1 टन बालू का उपयोग किया। कुमार ने दावा किया कि वर्ष 2023 का पहला उनकी रचना रेत से बनी लाल किला की तस्वीर दुनियां की सबसे बड़ी कलाकृति है,
जिसका वजन 1 टन है और इसे बनाने में 20 घंटे का समय लगे है। वही इसको देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ रही हैं। लोग जो लोग इस कलाकृति को देख रहे हैं वह मोहित हो रहे हैं। लोग इस कलाकृति को अपने कैमरा और मोबाइल फोन में फोटो भी खींच रहे हैं। गौरतलब हो कि सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र पिछले 25 सालों से सैंड आर्ट बना रहे हैं। उनकी कई रेत की मूर्तियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी हैं। इंटरनेशल सैंड आर्ट विजेता रेत कलाकार मधुरेंद्र ने दुनियां भर में 12 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रेत कला प्रतियोगिताओं और उत्सवों में भाग लिया है और देश के लिए कई पुरस्कार जीते हैं।
मौके पर उपस्थित समाजसेवी पप्पू मंडल, शिक्षक प्रदीप कुमार राय, सियाराम मंडल, मंटू सिंह, टुनटुन, टोनी, मंटू साव समेत सैकड़ों लोगों ने अपनी सेलफोन में कलाकृति के साथ अपनी तस्वीर लेकर एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामना देते नजर आए।
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