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दो दशक बाद अभिनेत्री आशा पारेख ने जीता अवॉर्ड - श्रीनारद मीडिया

दो दशक बाद अभिनेत्री आशा पारेख ने जीता अवॉर्ड

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करियर में लगा दिया था ब्लॉकबस्टर फिल्मों का मेला

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बॉलीवुड की जानी मानी एक्ट्रेस आशा पारेख को इस साल भारत सरकार की ओर से दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। दिग्गज एक्ट्रेस को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, 2022 से सम्मानित किए जाने की जानकारी समाचार एजेंसी ने कंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के हवाले से दी है।

79 वर्षीय एक्ट्रेस आशा पारेख को ये सम्मान 30 सितंबर को आयोजित होने वाले 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया जाएगा। इससे से पहले ये पुरस्कार साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को साल 2019 में दिया गया था।

हिंदी सिनेमा का दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख ने अपने पूरे करियर में एक से बढ़कर एक फिल्मों से ऑडियंस को एंटरटेन किया है। फिल्मों में निभाए उनके किरदार आज भी याद किए जाते हैं। कभी उपकार में ‘कविता’ बन कर तो कभी प्यार का मौसम में ‘सीमा’ बनकर आशा पारेख ने अपनी अदायगी से लोगों का खूब मनोरंजन किया है।

2 दशक बाद आशा पारेख ने जीता अवॉर्ड

आपको बता दें, इस साल का दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड बेहद खास होने वाला है, क्योंकि ये 2 दशक बाद किसी महिला कलाकार को दिया जा रहा है। आशा पारेख से पहले गायिका आशा भोसले को साल 2000 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया था।

ये एक्ट्रेस भी जीत चुकी हैं अवॉर्ड

आशा भोसले के पहले दिवंगत गायिका लता मंगेशकर, दुर्गा खोटे, कानन देवी, रूबी मेयर्स, देविका रानी जैसी कलाकार भी इस सम्मानित अवॉर्ड को अपने नाम कर चुकी हैं। जानकारी के अनुसार, साल 1969 में एक्ट्रेस देविका रानी इस पुरस्कार को पाने वाली पहली महिला कलाकार थीं।

बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट किया डेब्यू

आपको बता दें, आशा पारेख ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बतैर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया है। उन्होंने मां, आसमान, धोबी, डॉक्टर, बाप बेटी जैसी लगभग 8 फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया है। उन्हें पहला ब्रेक नासिर हुसैन की फिल्म दिल देके देखो से मिला। इस फिल्म में उन्होंने सुपरस्टार शम्मी कपूर के साथ बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया है। इस फिल्म में उन्होंने नीता नारायण की भूमिका निभाई है।

इन हिट फिल्मों में आ चुकी हैं नजर

आशा पारेख ने फिल्म दिल देके देखो फिल्म के बाद कभी पीछे मुडकर नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने तीसरी मंजिल, प्यार का मौसम, मेरा गांव मेरा देश, बाहरों के सपने, कटी पतंग और करवां जैसी हिट फिल्मों में किया किया है।

पद्मश्री अवॉर्ड से किया जा चुका है सम्मानित

आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से पहले भारत सरकार की ओर से साल 1992 सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था और उन्हें कई बार लाइफटाइम अचीवमेंच अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

आशा पारेख आज भले ही बॉलीवुड से दूर हैं, लेकिन कभी 60 के दशक में वह इंडस्ट्री की टॉप हीरोइन में शुमार थीं। उन्हें हिंदी सिनेमा की अब तक की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। शम्मी कपूर से लेकर राजेश खन्ना तक, आशा पारेख को कई अभिनेताओं के साथ सिल्वर स्क्रीन पर पसंद किया गया। उनकी कई ऐसी फिल्में हैं, जो आज भी माइलस्टोन हैं। आशा की फिल्मों के गाने तक आज भी लोगों को मुंह जुबानी रटे रहते हैं।

बचपन में शुरू की एक्टिंग

आशा पारेख ने सबसे पहले बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में अपना हुनर दिखाया था। आशा पारेख 10 वर्ष की थीं, जब 1952 में उनकी फिल्म ‘मां’ रिलीज हुई थी। इसके बाद ‘बाप बेटी’ में आशा ने अभिनय किया था। लेकिन क्योंकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर सकी, इसलिए फिल्मों से ब्रेक लेकर आशा पारेख ने पढ़ाई पर ध्यान देना जरूरी समझा। दो साल बाद वापसी करते हुए आशा पारेख ने लीड एक्ट्रेस के तौर पर डेब्यू किया। यह फिल्म थी नासिर हुसैन के निर्देशन में फिल्म दिल देके देखो।

पहली ही फिल्म से आशा पारेख ने हिट फिल्म का वो स्वाद चखा, जिसके लिए कई वर्षों तक एक्टर्स इंतजार करते हैं। इसके बाद तो जैसे कई फिल्मों की लाइन ही लग गई। आशा पारेख की 1970 में राजेश खन्ना के साथ आई फिल्म ‘कटी पतंग’ उनकी माइलस्टोन फिल्मों में शुमार है। इसके अलावा इस दिग्गज अभिनेत्री ने ‘दो बदन’, ‘आन मिलो सजना’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘समाधि’ सहित कई फिल्में कीं।

सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस

आशा पारेख बैक टू बैक कई फिल्मों में काम करती गईं। एक समय ऐसा आया जब वह फिल्म इंडस्ट्री की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस बन गईं। कहा जाता है कि 70 के दशक में एक फिल्म के लिए आशा पारेख इतनी फीस चार्ज करती थीं, जितनी कि एक हीरो भी नहीं करते थे। 60 से 80 के दशक तक आशा पारेख के पास फिल्मों की कमी नहीं थे। 1984 में उन्होंने अपने डेब्यू डायरेक्टर नासिर हुसैन की ही फिल्म ‘मंजिल मंजिल’ में कैमियो भी किया था।

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‘जुबली गर्ल’ के नाम से फेमस थीं आशा पारेख

बॉक्स ऑफिस पर लगातार हिट पर हिट फिल्में देने के कारण आशा पारेख को ‘जुबली गर्ल’ के नाम से पुकारा जाने लगा। फिल्म ‘जिद्दी’, ‘शिखर’, ‘आन मिलो सजना’, ‘चिराग’ वह फिल्में थीं, जिसमें आशा पारेख ने खूब वाहवाही लूटी। इसी फिल्म के लिए उन्हें उनका पहला फिल्मफेयर नॉमिनेशन के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था।

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आशा पारेख ने जीते कई अवॉर्ड

लंबे समय तक सिल्वर स्क्रीन पर राज करने वाली आशा पारेख को कई अवॉर्ड्स मिले हैं। उन्हें 1971 की फिल्म ‘कटी पतंग’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला है। ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ और ‘उधार का सिंदूर’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी आशा पारेख के नाम पर है। इसके अलावा एक्ट्रेस को 1992 में पद्मश्री, 2006 में सिनेमा में आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट के लिए इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड्स, 2007 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड सहित 30 से ज्यादा अवॉर्ड्स मिले हैं।

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