झारखण्ड राज्य में प्रशासन तंत्र विफल–केंद्रीय मंत्री.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय मंत्री सह खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा सिमडेगा के कोलेबिरा स्थित बेसराजारा पहुंचे. यहां पहुंच कर केंद्रीय मंत्री ने घटनास्थल को देखा. फिर मृतक संजू प्रधान के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इसके बाद मृतक की मां समेत उसकी पत्नी सपना देवी के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों से बात की. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे सरकार की विफलता बताया.
केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने इस घटना की निष्पक्ष जांच की बात कही. वहीं, कहा कि राज्य में प्रशासन तंत्र पूरी तरह से विफल है. राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर उन्होंने प्रश्न चिह्न उठाया. यह घटना प्रशासन की उपस्थिति में हुआ है. यह राज्य सरकार के लिए अग्निपरीक्षा है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग भी इस घटना में शामिल है. पुलिस प्रशासन निष्पक्ष जांच कर यह बताये कि इस घटना के पीछे कौन-कौन और कैसे-कैसे लोग हैं. कैसे यह घटना घटी. किसके इशारे पर घटी और किस प्रकार से घटी. उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लिया है. अभी वे पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को देख रहे हैं.
इस मौके पर भोक्ता समाज विकास संघ के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा घटना से CBI जांच कराने की मांग की. साथ ही भोक्ता समाज विकास संघ के पदाधिकारियों ने इस घटना कांड में कोलेबिरा विधायक की संलिप्तता की बात मंत्री से कही. इधर, मृतक की पत्नी संजू देवी ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को आवेदन देकर इस घटना की CBI जांच की मांग की है.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने मृतक की पत्नी सपना देवी से घटना के बारे में विस्तृत रूप प्राप्त किया. मृतक की पत्नी ने कहा कि उनके पति संजू प्रधान की पीट-पीटकर अधमरा कर जिंदा जला दिया और पुलिस देखते रह गयी. हमलोग पुलिस से उन्हें बचाने के लिए विनती करते रहें, लेकिन पुलिस ने कुछ सहयोग नहीं किया. ठेठईटांगर पुलिस भीड़ के साथ ही आई थी इसके बावजूद वह कुछ नहीं की. हम पुलिस पर कैसे विश्वास करें.
वहीं, बानो सर्किल इंस्पेक्टर आलोक कुमार ने बताया कि घटना के वक्त पुलिस थी, लेकिन कम संख्या में होने के कारण उग्र भीड़ द्वारा ठेठईटांगर पुलिस के जवानों से अभद्र व्यवहार किया गया तथा उसके हथियार भी लूटने की कोशिश की गयी थी. इस संबंध में सरकारी काम में बाधा डालने का मामला भी दर्ज किया गया है.
इस मौके पर सिमडेगा के पूर्व विधायक सह राज्य के पूर्व मंत्री विमला प्रधान, भाजपा जिला अध्यक्ष लक्ष्मण बड़ाईक, जिला सांसद प्रतिनिधि सुशील श्रीवास्तव, कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सुजान मुंडा एवं डॉ महेंद्र भगत, शांति मुन्नी देवी, कोलेबिरा सांसद प्रतिनिधि चिंतामणि कुमार, कोलेबिरा मंडल अध्यक्ष अशोक इंदवार, भोला साहू, दिनेश्वर सिंह, जनेश्वर बिल्हौर, दिलेश्वर सिंह भोक्ता समाज विकास संघ के केंद्रीय अध्यक्ष घुनशी सिंह, रणधीर कुमार, गौरी प्रसाद सिंह, ललित कुमार, रूप धर सिंह के अलावे अन्य लोग उपस्थित थे.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सिमडेगा जिला अंतर्गत कोलेबिरा थाना क्षेत्र के मॉब लिंचिंग घटनास्थल बेस्राजारा पहुंचे. यहां पहुंचकर पूर्व सीएम श्री मरांडी मृतक संजू प्रधान की पत्नी पूनम देवी और उनके परिजनों से मिले. वहीं, इस मामले में CBI जांच की मांग के साथ-साथ एसपी और ठेठईटांगर के थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग की.
इधर, परिजनों से पूरी घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने पत्रकारों से कहा कि जिस प्रकार से घटना घटी है उसके लिए पूरी तरह से पुलिस को जिम्मेदार ठहराना चाहिए. साथ ही तत्काल सिमडेगा एसपी और ठेठईटांगर के थाना प्रभारी को बर्खास्त किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने स्वयं हत्या करवाई है. पुलिस की मौजूदगी में और देखरेख में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. पुलिस अपने मोबाइल से वीडियो बनाती रही. यह भी कहा कि घटना में शामिल होने के आरोप में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वह बिल्कुल बेकसूर है. उन्हें तत्काल रिहा किया जाये.
पूर्व सीएम श्री मरांडी ने कहा कि पीड़ित परिवार के द्वारा दिये गये बयान के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर रही है. कहा कि पूरे घटना को अलग मोड़ देने का प्रयास किया जा रहा है. झारखंड सरकार से उन्हें तो न्याय की उम्मीद है ही नहीं. इसलिए CBI जांच की मांग करते हैं.
उन्होंने कहा कि चाहे जितना दिन लग जाये वो इस मामले की CBI जांच करा कर ही रहेंगे और परिवार को न्याय दिला कर रहेंगे. पुलिस हत्याकांड में शामिल जो सही आरोपी है उसको गिरफ्तार करें और बेकसूर को गिरफ्तार कर खानापूर्ति करना बंद करें.
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि खूंटकटी से लकड़ी काटने की कहानी मनगढ़ंत है. लकड़ी काटे जाने से संबंधित वन विभाग को सूचना दी गई थी. इसके बाद वन विभाग ने लकड़ी को जब्त भी कर लिया था. फिर यह कहानी क्यों गढ़ी जा रही है. कहा कि राज्य बनने से पहले से गौ मांस पर प्रतिबंध है. फिर बेस्राजारा बाजार में खुलेआम गौ मांस की बिक्री पुलिस की देखरेख में कैसे होती है. यह सब कई ऐसे ज्वलंत मुद्दे हैं जिसकी जांच CBI करेगीए तो परत दर परत सभी की भूमिका स्पष्ट हो जायेगी और सभी को सजा मिलेगी.
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