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आडवाणी का राजनीतिक सफर,स्कूल टीचर से लेकर डिप्टी पीएम - श्रीनारद मीडिया

आडवाणी का राजनीतिक सफर,स्कूल टीचर से लेकर डिप्टी पीएम

आडवाणी का सियासी सफर,स्कूल टीचर से लेकर डिप्टी पीएम

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मैं ‘भारत रत्न’ स्वीकार करता हूं जो आज मुझे प्रदान किया गया: आडवाणी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ व कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बात की घोषणा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने एक पोस्ट भी शेयर किया है।

पाकिस्तान के कराची में जन्मे लालकृष्ण आडवाणी सबसे अधिक समय तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इतना हीं नहीं उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी।

कराची से भारत तक का सफर

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को सिंध प्रांत (पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल से पढ़ाई की है। 1942 में उन्होंने भारत छोडो आंदोलन के दौरान गिडूमल नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने 1944 में कराची के मॉडल हाई स्कूल में बतौर शिक्षक नौकरी की।

आडवाणी जब महज 14 साल के थे, उन्होंने अपना जीवन देश के नाम कर दिया। हालांकि, 1947 में देश का बंटवारा होने के बाद आडवाणी के परिवार को अपना घर छोड़कर भारत आना पड़ा। उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक किया। इस दौरान वह संघ से भी जुड़े रहे। किशन चंद आडवाणी के घर जन्मे लालकृष्ण आडवाणी ने 25 फरवरी 1965 को कमला आडवाणी से शादी की। बता दें कि उनके दो बच्चें हैं, जिनका नाम प्रतिभा और जयंत हैं।

  • जन्म: 8 नवंबर 1927 (सिंध प्रांत, पाकिस्तान)
  • पिता का नाम: किशन चंद आडवाणी
  • माता का नाम: ज्ञानी देवी आडवाणी
  • राजनीतिक दल: भाजपा
  • सम्मान- भारत रत्न

आडवाणी का राजनीतिक करियर

  • 1942– राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में शामिल हुए
  • आजादी के बाद आडवाणी की राजनीति में एंट्री नगरपालिका चुनाव से हुई।
  • 1957 में अटल बिहारी वाजपेयी की सहायता के लिए दिल्ली शिफ्ट हुए।
  • 1958-63 में उन्होंने दिल्ली प्रदेश जनसंघ में सचिव का पदभार संभाला।
  • अप्रैल 1970 में पहली बार राज्यसभा पहुंचे।
  • दिसंबर 1972 में लालकृष्ण आडवाणी को भारतीय जनसंघ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • 26 जून, 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया।
  • आपातकाल हटने के बाद मार्च 1977 से जुलाई 1979 वह सूचना एंव प्रसारण मंत्री रहे।
  • 1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद से 1986 तक वह पार्टी के महासचिव रहे।
  • साल 1986 में लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
  • 3 मार्च 1988 को उन्हें दोबारा पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।
  • 1991 के आम चुनाव में उन्होंने गुजरात की गांधी नगर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
  • 1996 में बनी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह गृह मंत्री रहे। ये सरकार 13 दिन बाद ही गिर गई थी
  • अक्टूबर 1999 से मई 2004 तक उन्होंने गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली।
  • जून 2002 से लेकर मई 2004 तक वह देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री रहे।
  • आडवाणी चार बार राज्यसभा और छह बार लोकसभा के सदस्य रहे।
  • आडवाणी 2004 से 2009 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बने रहे।
  • 10 दिसंबर 2007 को भाजपा के संसदीय बोर्ड ने 2009 के आम चुनावों के लिए लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए जाने का औपचारिक एलान किया।
  • UPA सरकार दोबारा बनने पर 15वीं लोकसभा में आडवाणी की जगह सुषमा स्वराज को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।
  • राम मंदिर आंदोलन में निभाई अहम भूमिका
  • भारत रत्न की घोषण पर देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी ने एक बयान जारी किया है। इस पर कहा गया है कि ‘अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ, मैं ‘भारत रत्न’ स्वीकार करता हूं जो आज मुझे प्रदान किया गया है। यह न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी सम्मान की बात है, जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा की है।

1980 की शुरुआत में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की शुरुआत की। बीजेपी के संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर आंदोलन को चेहरा बने। ये यात्रा 1990 में सोमनाथ से अयोध्या के लिए शुरू की गई थी। आडवाणी को यात्रा के बीच में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कई लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इनमें लालकृष्ण आडवाणी का भी नाम था। बाद में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने 1997 में भारत की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाते हुए स्वर्ण जयंती रथ यात्रा निकाली थी।

पूर्व पीएम अटल को मिल चुका है ये सम्मान

बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के दूसरे बड़े नेता हैं, जिन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जाएगा। इससे पहले पूर्व पीएम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

देश के निर्माण में रही अहम भूमिका- नितिन गडकरी

नितिन गडकरी ने इस अवसर पर लिखा, “देश के वरिष्ठ नेता और हमारे मार्गदर्शक आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न की घोषणा अत्यंत सुखद और आनंददाई है। आजादी के बाद देश के पुनर्निर्माण में आडवाणी जी की अहम भूमिका रही है। आडवाणी जी राजनीति में शुचिता के जीवंत उदाहरण है। आडवाणी जी को ‘भारत रत्न’ घोषित करने के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूं तथा आडवाणी जी के स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करता हूं।”

कांग्रेस ने भाजपा पर कसा तंज

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “निश्चित रूप से भारत रत्न पुरस्कार मिलने पर लालकृष्ण आडवाणी को बधाई देनी चाहिए। मैं भी बधाई देता हूं। कायदे से तो वे अपनी पार्टी की अपनी सरकार में सर्वोच्च पद के योग्य थे पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें कम से कम भारत रत्न दिया इसके लिए लालकृष्ण आडवाणी को बधाई।”

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