Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
वज्रपात से वचाव के लिए बलिया में एडवाइजरी जारी - श्रीनारद मीडिया

वज्रपात से वचाव के लिए बलिया में एडवाइजरी जारी

वज्रपात से वचाव के लिए बलिया में एडवाइजरी जारी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, बलिया, यूपी :

बलिया जिलाधिकारी रवींद्र कुमार के निर्देश पर जिले में वर्षा/अतिवृष्टि,भारी वर्षा के साथ वज्रपात (लाइटनिंग) से वचाव के संबंध में “क्या करें. क्या न करें” इसके लिए एडवाइजरी जारी किया गया है जिसमें
आंधी-तूफान और भारी वर्षा के दौरान ऊँची इमारतों, पेड़ों, मनुष्यों, जानवरों आदि पर बिजली गिरने की घटनाएँ होती रहती हैं, जिससे जान- माल का नुकसान होता हैं. सावधानी और तैयारी ही एकमात्र तरीका है जिसके द्वारा वज्रपात के खतरे को कम किया जा सकता है या उसके प्रभाव से
बचा जा सकता है.

वज्रपात जोखिम वाले क्षेत्र शहरी एवं उप शहरी क्षेत्र

बिना तड़ित चालक के उँची इमारतें असुरक्षित, संचार टावरों का भूमि पर अच्छी तरह विद्युत सम्पर्क स्थापित (Earthing) नहीं किया जाना असुरक्षित, पेड़ असुरक्षित,
तालाब/झील/पानी से भरे क्षेत्र असुरक्षित.

ग्रामीण क्षेत्र अत्यधिक जोखिम वाले बज्रपात से बचाव हेतु एडवाइजरी

कच्चे मकान जिसमें धातु के कुछ भाग निकले हुए हों असुरक्षित, पेड़ असुरक्षित,
पानी भरे हुए खेत असुरक्षित, तालाब/झील/पानी से भरे क्षेत्र असुरक्षित.

तैयारी और प्रत्युत्तर वज्रपात से पहले

परिवार, समुदाय, बच्चों आदि के साथ वज्रपात और उसके प्रभाव पर चर्चा करें. स्थानीय मौसम पर नजर रखें और रेडियो/टीवी सुनें, घर के पास लगे पेड़ो की छटाई करें, जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी पक्की छत के नीचे शरण लें. बिजली चमकने/आधी आने पर पेड़ के नीचे से हट जायें. ऊँची इमारतों पर तड़ित चालक यंत्र स्थापित करें. प्रशासन की ओर से जारी चेतावनी को सुनते रहे.

बिजली गिरने की संभावना होने पर क्या करें

बाहर जाने से बचे, जितना जल्दी हो सके
पक्की छत के नीचे पहुँच जाएँ. तालाव, नदी तट, आदि जैसे जल निकार्यों से दूर रहें,
एड़ियों को सटा कर कान बंद कर बैठ जाये,
विजली गिरने के दौरान किसान कभी खुले मैदान या खेत मे न खड़े हों, कोशिश करें कि
यदि आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो अपने वाहन में ही रहें, यदि समूह में हैं तो दूर -दूर रहें. यदि आप खुली जगह में हैं तो, अपने शरीर को उंकडू कर एड़ियों को सटा कर कान बंद कर बैठ जाय. जिनके पास स्मार्ट मोबाइल फोन है वे सभी दामिनी एप डाऊनलोड करें व उससे प्राप्त सूचनाओं का पालन करें और अपने आस -पास के लोगों तक पहुंचाएँ. कंप्यूटर, लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, कूलर, एयर कंडीशनर एवं अन्य विजली से चलने वाले उपकरणों को बंद कर दें. पानी सम्बंधित गतिविधियों जैसे नहाना, बर्तन व कपड़े धोना, पानी भरना आदि को स्थगित कर दें क्योंकि बिजली धातु् के पाइप के माध्यम से प्रवाहित हो सकती हैं.दरवाजे, खिडकियाँ, धात् की बाल्टी और नल इत्यादि से दूर रहें. साइकिल, मोटरसाइकिल या कृषि वाहन इत्यादि विजली को आकर्षित कर सकते हैं, इसलिए इनसे उतर जाएं अथवा दूर रहें.

जब आसमान में घने बादल घिरे हों, वर्षा व वज्रपात होने की संभावना हो तो, क्या न करें

छत पर न जायें. यदि आप खुले में हैं तो जमीन पर कदापि न लेटें. बिजली, टेलीफोन या मोबाइल टावर के नजदीक न जायें और न ही उसका कोई सहारा लें.
पेड़ के नीचे शरण न लें. पानी भरे खेतों में न जायें.लोहे की डंडी वाले छाते का प्रयोग न करें. तालाब, नदी, नहर या किसी भी जल निकाय में जानवरों को धोने या मछली पकड़ने न जायें. बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें. यदि आप खुले में बाहर हैं तो मोबाइल फोन का प्रयोग न करें. समूह में नहीं रहें अर्थात लोगों से दूरी बना लें और सभी को दूरी बनाने के लिए कहें. यदि आप घर में हैं तो खिड़की के किनारे या दरवाजे के बाहर न खड़े रहें. वाहन के अंदर किसी भी धातु से बने हिस्से को न छुएँ, गाड़ी की खिड़कियाँ ऊपर कर लें, पेड़ों और बिजली लाइनों व खम्भों के पास वाहन ना खड़ा करें,
नाव से यात्रा कदापि न करे, वज्रपात के बाद घर के अंदर तब तक रहें जब तक़् कि आसमान साफ न हो जाए. स्थानीय प्रशासन को क्षति और मृत्यु की जानकारी दें, आग लगने की स्थिति में 112 या 101 पर कॉल करें.

मिथक- वज्रपात कभी भी एक जगह पर दो बार नहीं होता.
सत्य- ऊँची इमारतें व ऊँचे अकेले पेड़ पर वज्रपात एक से अधिक बार हो सकता हैं.
मिथक- वजपात प्रभावित व्यक्ति विद्युतीकृत होता है. यदि आप उन्हें छूते हैं, तो आपको करंट लग जाएगा.
सत्य- मानव शरीर विद्युत आवेश को संचित नहीं करता है. प्रभावित व्यक्ति के शरीर को स्पर्श करना पूरी तरह से असुरक्षित है.

यह भी पढ़े

नवीन दाण्डिक विधियों पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ

बलिया के नये जिलाधिकारी ने ग्रहण किया कार्यभार

सिसवन की खबरें :  जनता दरबार में जमीन  संबंधित तीन मामलों का निपटारा

ट्रिपल मर्डर में देवर – भाभी अरेस्ट.. देवर से शादी क़ी चाह में 3 मासूम बच्चो को खा गई डायन माँ

मानसून की बारिश से दिल्ली हुई जलमग्न

गया में लूट मामले में 4 अपराधी गिरफ्तार:फाइनेंस कंपनी के एजेंट को बनाया था निशाना, लूटी गई बाइक बरामद

पेट्रोलिंग के दौरान बदमाशों ने पुलिसकर्मी को मारी गोली, घायल सिपाही अस्पताल में भर्ती

सहरसा में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, तीन धंधेबाजों को पुलिस ने दबोचा

गोपालगंज  पुलिस ने  अनैतिक देह व्यापार का उद्भेदन, संचालक सहित कुल 04 गिरफ्तार

बेखौफ अपराधियों ने युवक को मारी गोली, रुपयों से भरा बैग भी लूट लिया

 

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!