पड़ोसी देशों की सुरक्षा के लिए खतरा न बनें अफगान: पुतिन

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 दुनिया के पांच बड़े देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स की शिखर बैठक गुरुवार को हुई। वर्चुअल तरीके से हुई इस बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेन्द्र मोदी ने की।

13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रुप फोटो खिंचवाई।

– रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना और उसके सहयोगियों की वापसी ने एक नया संकट पैदा कर दिया है। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा को कैसे प्रभावित करेगा। यह अच्छा कारण है कि हम देशों ने इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया है। अफगानिस्तान को अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का स्रोत नहीं होना चाहिए।

– चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, पिछले 15 वर्षों में हमारे पांच देशों ने खुलेपन, समावेशिता और समानता की भावना में रणनीतिक संचार और राजनीतिक विश्वास बढ़ाया, एक-दूसरे की सामाजिक व्यवस्था का सम्मान किया। राष्ट्रों के लिए एक-दूसरे के साथ बातचीत करने का ठोस तरीका खोजा। हमने व्यावहारिकता, नवाचार और समान सहयोग की भावना से सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में ठोस प्रगति की है।

हमने बहुपक्षवाद का समर्थन किया है और समानता, न्याय और पारस्परिक सहायता की भावना से वैश्विक शासन में भाग लिया है।- दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा, हमें कोविड 19 टीकों, इलाज और चिकित्सा विज्ञान तक समान पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए। यही एकमात्र तरीका है जिससे हम दुनिया को चपेट में लेने वाली इस महामारी का मुकाबला कर सकते हैं। कोरोना के प्रति हमारी एकत्रित प्रतिक्रिया ने प्रदर्शित किया है कि जब हम एक साथ काम करते हैं तो क्या हासिल किया जा सकता है। ब्रिक्स देशों के रूप में हमें अपने लोगों के जीवन, आजीविका की रक्षा करना जारी रखना चाहिए, वैश्विक आर्थिक सुधार का समर्थन करना चाहिए और सार्वजनिक प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ावा देना चाहिए।

-पीएम मोदी ने कहा, हाल ही में पहले “ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन” का आयोजन हुआ। तकनीकी की मदद से हेल्‍थ एक्‍सेस बढ़ाने के लिए यह एक इनोवेटिव कदम है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे।

-पीएम मोदी ने कहा, यह भी पहली बार हुआ कि ब्रिक्स ने ‘Multilateral systems की मजबूती और सुधार’ पर एक साझा पोजिशन ली। हमने ब्रिक्स “Counter Terrorism Action Plan” भी अडॉप्ट किया है।

–  पीएम मोदी ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुना है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है – “BRICS at 15: Intra-BRICS Cooperation for Continuity, Consolidation and Consensus।

– पीएम मोदी ने कहा, ब्रिक्‍स की 15वीं वर्षगांठ पर इस समिट की अध्यक्षता करना मेरे और भारत के लिए खुशी की बात है। आज की इस बैठक के लिए हमारे पास विस्तृत एजेंडा है। पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज़ है। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है।

बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा ले रहे हैं। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद की स्थिति इस बैठक का अहम मुद्दा होगा। यह भी संकेत है कि पीएम मोदी बैठक में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाएंगे।

 

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