Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
चार बार के विधायक रहने के बाद सभापति बाबू के खाते में थे, मात्र 50 रुपये   - श्रीनारद मीडिया

चार बार के विधायक रहने के बाद सभापति बाबू के खाते में थे, मात्र 50 रुपये  

चार बार के विधायक रहने के बाद सभापति बाबू के खाते में थे, मात्र 50 रुपये

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

जयंती पर विशेष रिर्पोट

श्रीनारद मीडिया, देवेन्‍द्र तिवारी, बसंतपुर, सीवान (बिहार):

बचपन से ही भारत माता को आजाद कराने का
जुनून था । इसके लिय अंग्रेजो की यातनाए सही ।
आजादी मिली तो राजनीति को देश सेवा का माध्यम
बनाया । मरते वक्त केवल 50 रुपए का बैंक बैलेंस
छोड़ गए । यह परिचय है, बसन्तपुर से चार बार
बिधायक व सूबे के मंत्री रहे स्व. सभापति सिंह का ।

बसन्तपुर प्रखंड के बैजू बरहोगा पंचायत के
हरायपुर निवासी रहे स्व. सिंह सादगी और त्याग
के प्रतिमूर्ति थे । उनका जन्म 2 जनवरी 1916 को
हुआ था । लिहाज 2 जनवरी को 104 वी जयंती
धूमधाम से मनाने की तैयारी है । वे सातवी कक्षा
उतीर्ण होने के बाद ही स्वतंत्रता आंदोलन में कूद
पड़े थे ।

फिरंगी सिपाहियों ने हरायपुर स्थित उनके आवास पर कई बार छापेमारी की । घरवालों को
प्रताड़ना भी दी । एक समय ऐसा भी आया जब
घर के लोगो ने संबंधियों के यह शरण ली थी ।
सभापति बाबू के पुत्र ब्रजकिशोर सिंह के अनुसार
स्व. महामाया बाबू के नेतृत्व में हुए आंदोलन में
सैकड़ो स्वतंत्रता सेनानी छपरा जेल भेजे गए, उसमे
सभापति बाबू भी थे । वे 1957 , 1962 , 1967
व 1972 में वे बसन्तपुर के बिधायक रहे । वे 1967
में महामाया बाबू के मंत्री मंडल में वित्त राज्य मंत्री
बनाए गए । और 28 मई 1974 में उनका निधन
हो गया ।

तत्कालीन सांसद ने बनवाया था भब्य स्मारक :   सभापति बाबू की स्मृति में मलमलिया
चौक पर महाराजगज के पूर्ब सांसद प्रभुनाथ सिंह
के द्वारा बनवाया गया , उनका भब्य स्मारक आज
भी उनकी कृतियों का बखान करता है । 6 जनवरी
2002 को तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस
ने उनकी प्रतिमा का अनावरण कर देश के लिय
उनकी योगदान की चर्चा की थी । हर वर्ष 2 जनवरी को उनकी स्मृति में धूमधाम से मनाई जानेवाली उनकी
जयंती पर जुटनेवाले राजनीतिज्ञ, समाजबादी चिंतक,
प्रशासनिक अधिकारी समेत आमजन उन्हें नमन
कर उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्‍प लेते हैं।

यह भी पढ़े

कौन थे सीवान के लाल प्रोफ़ेसर बांके बिहारी मिश्रा?

रेलवे पेंशनर्स की ज्वलंत समस्याओं पर होगी गहन चर्चा।

वीके त्रिपाठी बनाए गए रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन और सीईओ.

कब और कहां मंदिरों में हुई हैं भगदड़ की घटनाएं?

नए साल की खुशियों पर लगा ग्रहण,कैसे हुआ ये भयानक हादसा.

Leave a Reply

error: Content is protected !!