रोगग्रस्त होने के बाद लोगों को फाइलेरिया के खतरों के प्रति आगाह कराने की मुहिम में जुटी हैं संजू
फाइलेरिया से बचाव लिये साफ-सफाई का विशेष ध्यान व निश्चित अंतराल पर दवा का सेवन जरूरी:
सामुहिक सहयोग से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव, समुदाय के लोगों को रोग से बचाना हमारा दायित्व:
श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार):
रानीगंज प्रखंड के बिस्टोरिया पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 9 निवासी संजू देवी को करीब 15 साल पहले पांव में सूजन के शिकायत की शुरुआत हुई। स्थानीय स्तर पर बहुत इलाज कराया। पर सूजन की शिकायत थी जो कम होने का नाम नहीं ले रही थी। बाद में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उन्हें फाइलेरिया रोग से ग्रसित होने की जानकारी दी। चिकित्सकों ने यह भी बताया कि इसका कोई इलाज नहीं हो सकता है। धीरे-धीरे रोग की गंभीरता से वह अवगत हो चुकी थी।
फाइलेरिया के खतरों के प्रति लोगों को कर रही आगाह:
चिकित्सकों की बातें सुनकर संजू देवी लंबे अरसे तब गहरे अवसाद में डूबी रही। मजबूत इच्छाशक्ति व हौसला रखने वाली संजू ने इसी दौरान यह ठान लिया कि चलो जानकारी के अभाव में भले ही वो इस असाध्य रोग की शिकार हो गयी हों। लेकिन आगे कुछ ऐसा करना है कि समाज के दूसरे व्यक्ति को इसकी चपेट में आने से रोका जा सके। इसके बाद फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर क्षेत्र में संचालित जागरूकता अभियान में उन्होंने बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी निभानी शुरू कर दी। समाज में रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से उन्होंने एक एनजीओ को अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी । संजू तकरीबन 15 साल से अपने इस मुहिम में जुटी हुई हैं। स्थानीय ग्रामीण व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उनके इन प्रयासों के कायल हैं।
लोगों को प्राथमिकता के आधार करना चाहिये दवा का सेवन :
संजू देवी कहती हैं कि हमारे समय में फाइलेरिया से बचाव को लेकर कोई दवा उपलब्ध नहीं थी। अगर दवा होती तो आज उन्हें रोगग्रस्त जीवन जीने के लिये बाध्य नहीं होना पड़ता। अभी तो सरकार हर साल एमडीए कार्यक्रम के तहत डीईसी व अल्बेंडाजोल दवा सेवन कार्यक्रम का संचालन कर रही है। फिलहाल जिले में यह अभियान संचालित है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मी घर-घर जाकर लोगों को दवा का सेवन करा रहे हैं। लोगों को प्राथमिकता के आधार पर दवा का सेवन करना चाहिये। ताकि उन्हें इस असाध्य रोग का सामना न करना पड़े।
बीमारी की चपेट में आने से लोगों को बचाना उद्देश्य:
संजू देवी बताती हैं कि उनके प्रयास से अगर कोई एक व्यक्ति भी इस भयानक बीमारी की चपेट में आने से बच जाता तो वे खुद को अपने अभियान में कामयाब समझती हैं। पंचायत के लोगों को इस बीमारी से बचाने के लिये तमाम लोगों का सहयोग जरूरी है। हम सब अगर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में अपनी सामूहिक भागीदारी निभायें तो जल्द ही जिले से इस रोग को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डीईसी व अल्बेंडाजोल दवाओं के सेवन के साथ-साथ लोगों को अपने आसपास की सफाई व्यवस्था को लेकर भी सजग होना होगा। अपने आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें। ताकि रोग जनित मच्छरों का पनपने से रोका जा सके।
यह भी पढ़े
एअर इंडिया का मालिकाना हक टाटा समूह के पास आ गया है,कैसे?
शारदीय नवरात्रि पर मेला लगेगी लेकिन कोरोना के नए गाइड लाइन के अनुसार भीड़ नही होनी चाहिए
मशरक: पंचायत चुनाव ड्यूटी में अनुपस्थित रहने वाले 7 शिक्षको पर होगी कार्रवाई, नोटिस जारी+
पचरूखवा में एक सप्ताहिक श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ जलभरी के साथ प्रारंभ