हाथीपांव और हाड्रोसिल की परेशानी जानने के बाद दवा सेवन के लिए आगे आ रहे लोग

 

हाथीपांव और हाड्रोसिल की परेशानी जानने के बाद दवा सेवन के लिए आगे आ रहे लोग

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं की मदद से कराया जा रहा दवा सेवन:
आमजन की सहभागिता से एमडीए अभियान को मिल रही गति:

श्रीनारद मीडिया, जहानाबाद (बिहार):


आशा पद पर कार्यरत किरण देवी और पुष्पा कुमारी रोजाना सुबह- सुबह अपने क्षेत्र के गांवों का लगातार भ्रमण कर रही हैं। भ्रमण के दौरान वे ग्रामीणों से उनके घर पर मुलाकात करती हैं और पर्व त्योहार के दौरान कोविड से बचाव के लिए आवश्यक उपाय अपनाने, टीकाकरण कराने, गर्भवती महिलाओं की सेहत का जायज़ा लेने साथ साथ फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों की जानकारी देती हैं। फाइलेरिया के बारे में विस्तार से जानकारी देने के बाद अपने सामने आवश्यक अल्बेंडाजोल व डीईसी की गोली का सेवन कराती हैं। आमजन हाथीपांव, हाइड्रोसिल तथा स्तन में सूजन व इससे होने वाली समस्या की जानकारी मिलने पर स्वयं इन दवाओं के सेवन में अब उत्सकुता दिखा रहे हैं। आमजन की सहभागिता से फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में मास ड्रग एडमिन्स्ट्रिेशन अभियान को गति मिल रही है।

फाइलेरिया को गंभीरता को समझ रहे आमजन:
आशा किरण देवी बताती हैं कि सबसे जरूरी किसी भी रोग के बारे में आवश्यक जानकारी का होना है। यदि लोग जानकारी रखते हैं और इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझते हैं तो ऐसे अभियान को गति मिलती ही है। पहले की तुलना में लोग फालेरिया की गंभीरता को अधिक बेहतर तरीके से समझ रहे हैं। कई लोगों ने हाथीपांव, महिलाओं में स्तन तथा पुरुषों के जननांगों में सूजन की समस्या को नजदीक से देखा और समझा है। वहीं कई फाइलेरिया ग्रसित लोग भी अपने घर सहित पास पड़ोस के लोगों को इन दवाओं के सेवन के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं। हालांकि वे लोग इस समस्या से खुद जूझ रहे हैं लेकिन वे अन्य लोगों को इस रोग से बचने की सलाह देकर दवा सेवन में कोताही नहीं बरतने के लिए कहते हैं।

फाइलेरिया पीड़ित का देना पड़ता है उदाहरण:
घर घर घूमकर दवा का सेवन करा रही आशा पुष्पा बताती हैं कि फाइलेरिया के बारे में लोगों में जानकारी बढ़ाने के लिए उन्हें पीड़ित लोगों का फोटो भी दिखाना पड़ता है। ताकि इसकी गंभीरता को समझा जा सके। दवा सेवन को लोगों द्वारा नजरअंदाज करने पर उन्हें अपने ही गांव के आसपास के पीड़ित लोगों का उदाहरण देना पड़ता है। महिलाओं में भी इस रोग के प्रति जागरूकता आयी है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दवा देने के लिए कटोरी या बाउल विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है। फाइलेरिया की दवा सेवन करने वाली प्रमिला बताती हैं कि आशा दीदी की मदद से इस रोग की जानकारी मिली है और दवा का सेवन किया गया है। फाइलेरिया पीड़ित लोगों की समस्या को देखा जाना है, इसलिए बचाव के लिए एकमात्र उपाय दवाई का सेवन है।

तय मानकों के साथ चलाया जा रहा अभियान:
जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ब्रज कुमार ने बताया एमडीए अभियान तय मानकों के साथ चलाया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से प्रतिदिन रिपोर्ट के आधार पर दवा सेवन संबंधी डाटा का आकलन किया जा रहा है। जिला के सभी प्रखंडों में एमडीए अभियान चलाया गया है। इसमें सहयोगी संस्थाओं जैसे केयर इंडिया, पीसीआई व यूनिसेफ का साथ मिल रहा है।

 

यह भी पढ़े

एअर इंडिया का मालिकाना हक टाटा समूह के पास आ गया है,कैसे?

शारदीय नवरात्रि पर मेला लगेगी लेकिन कोरोना के नए गाइड लाइन के अनुसार भीड़ नही होनी चाहिए

मशरक: पंचायत चुनाव ड्यूटी में अनुपस्थित रहने वाले 7 शिक्षको पर होगी कार्रवाई, नोटिस जारी+

पचरूखवा में एक सप्ताहिक श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ जलभरी के साथ प्रारंभ

Leave a Reply

error: Content is protected !!