ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के बारे में वायु सेना ने जारी किया हेल्थ अपडेट.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचने वाले वे अकेले व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हैं। उनका इलाज कमांड अस्पताल, बेंगलुरु में चल रहा है। दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य लोगों की जान चली गई थी। भारतीय वायु सेना अधिकारी ने बयान जारी कर कहा कि भारतीय वायु सेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत नाजुक लेकिन स्थिर बनी हुई है। उनकी सलामती के लिए पूरे देश में दुआओं का सिलसिला जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह से फोन पर बात की और अधिकारी के परिवार के संपर्क में हैं।
सेना के सूत्रों के अनुसार, ग्रुप कैप्टन सिंह का अभी तक तीन बार आपरेशन किया जा चुका है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह भी बेंगलुरु पहुंच चुके हैं। पिता कर्नल केपी सिंह सेना से रिटायर हैं। वह यूपी के देवरिया में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के कन्हौली गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के भोपाल में अपना मकान बनवा रखा है। वह पत्नी उमा सिंह के साथ वहीं पर रहते हैं, जबकि वरुण सिंह के भाई तनुज सिंह नौसेना में हैं। वर्तमान में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की तैनाती तमिलनाडु के वेलिंग्टन में है। वरुण सिंह के परिवार में पत्नी गीतांजलि और बेटा रिद्धिमन व बेटी आराध्या हैं।
मदद के लिए स्थानीय लोगों को वायुसेना ने धन्यवाद दिया
भारतीय वायुसेना ने हेलीकाप्टर हादसे के बाद सहायता करने के लिए शनिवार को स्थानीय ग्रामीणों, नीलगिरी जिला प्रशासन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री कार्यालय को धन्यवाद ज्ञापित किया। उल्लेखनीय है नजदीकी काट्टेरी गांव के लोग सबसे पहले दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और घटना की जानकारी पुलिस और अग्निशमन विभाग को दी। भारतीय वायुसेना (आइएएफ)ने ट्वीट किया, ‘आइएएफ, तमिलनाडु मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों, नीलगिरी जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारियों और काट्टेरी गांव के स्थानीय लोगों को धन्यवाद देती है जिन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकाप्टर हादसे के बाद बचाव अभियान में त्वरित एवं निरंतर सहायता प्रदान की।
शौर्य पद से सम्मानित हैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह
बता दें कि ग्रुप कैप्टन वरुण बेहद अनुभवी पायलट हैं। उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा जा चुका है। ये शांति के समय में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पदक है। ये पदक उन्हें एलसीए तेजस की उड़ान के दौरान सामने आई आपात स्थिति में खुद को सावधानी से सकुशल बचाने के लिए दिया गया था। 12 अक्टूबर 2020 को वो तेजस की उड़ान पर थे। इस विमान को वो अकेले उड़ा रहे थे। तभी इस विमान में तकनीकी दिक्कत आ गई। काकपिट का प्रेशर सिस्टम खराब आने से लगातार हालात खराब हो रहे थे। उन्होंने बिना देर लगाए न सिर्फ स्थिति को संभाला और सही फैसला भी लिया।
दुर्घटना में मरने वालों में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखबिंदर सिंह लिद्दर, स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और वायु सेना के हेलीकॉप्टर चालक दल सहित नौ अन्य सशस्त्र बल कर्मी शामिल हैं। शुक्रवार को जनरल बिपनि रावत, उनकी पत्नी और उनके रक्षा सहायक ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर के शवों का दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर श्मशान घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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