अजब दुनिया की गजब प्रेम कहानी…19 की दुल्हन, 67 साल का दूल्हा.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्यार की कोई उम्र नहीं होती। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में आए एक मामले में यह साबित हो गया है, जिसमें 19 साल की लड़की ने 67 साल के बुजुर्ग से विवाह कर लिया और वह भी अपने पहले पति के जीवित रहते हुए। लड़की ने जिस बूढ़े से शादी की है, उसके सात बच्चे हैं और चारों का विवाह हो चुका है। उसकी पत्नी मर चुकी है।
अजब प्रेम की गजब कहानी चरितार्थ करता यह बेमेल प्रेमी जोड़ा जब हाई कोर्ट पंहुचा तो इस शादी को संदिग्ध मानते हुए हाई कोर्ट के जज चौक गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने तुरंत एसपी पलवल को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश पिछली तारीख पर दिए थे। पति-पत्नी दोनों ने अपनी जान को खतरा बताते हुए हाई कोर्ट से सुरक्षा मांगी थी।
मंगलवार को हाई कोर्ट में एसपी पलवल दीपक गहलावत ने एक जांच रिपोर्ट पेश की, जिसमें 19 साल की लड़की द्वारा 67 साल के बूढ़े से विवाह करने के मामले में किसी भी तरह के दबाव या साजिश की आशंका से इन्कार किया गया है। कुल मिलाकर यह दिल का मामला निकला। हाई कोर्ट के आदेश पर लड़की को एसडीएम हथीन के सामने पेश कर बयान दर्ज करवाए गए, जिसमें उसने साफ कर दिया कि उसने अपनी मां की सहमति लेकर यह विवाह किया है। उस पर किसी भी तरह का दबाव नहीं है।
हाई कोर्ट के आदेश पर एसपी ने डीएसपी की अगुवाई में विशेष जांच दल गठित कर गहराई से सभी तथ्यों की जांच की। जांच में पाया गया कि दोनों का यह दूसरा विवाह है। पुरुष के सात बच्चे हैं और सभी विवाहित हैं। इस आदमी की पत्नी की मौत हाे चुकी है। लड़की का भी पिछले साल जुलाई में राजस्थान में विवाह हुआ था। उसका पति जीवित है, लेकिन उसे तलाक दिए बगैर लड़की ने यह विवाह किया है। लड़की के अनुसार उसका दूसरा पति उसे प्रेम करता है और वह खुश है।
एसपी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक लड़की की मां व भाई ने भी कहा कि उनको इस विवाह से कोई आपत्ति नहीं है। जांच दल ने उसके पहले पति के भी बयान दर्ज किए, जिसने कहा कि उसने उसे तलाक नहीं दिया। जांच दल की रिपोर्ट के बाद प्रेमी जोड़े ने कहा कि वह अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस बाबत वह हाई कोर्ट में एक अर्जी दायर करें। इसी के साथ हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
हाईकोर्ट ने इसलिए दिए थे एसपी
पलवल को जांच के आदेश पलवल के एक मुस्लिम प्रेमी जोड़े ने परिजनों से जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। दोनों ने हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि वह विवाह कर एक साथ रहते हैं, लेकिन उनको परिजनों से जान को खतरा है, इसलिए हाई कोर्ट उनकी सुरक्षा के आदेश जारी करे। हाई कोर्ट के जस्टिस जेएस पुरी ने मामले में संदेह जताते हुए कहा कि कुछ छिपाया जा रहा है। कैसे एक 19 साल की लड़की 67 साल के पुरुष से विवाह कर सकती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी पलवल को आदेश जारी किए गए थे कि वे पूरी तहकीकात कर अपनी रिपोर्ट पेश करें।
67 साल का पुरुष ज्यादा साधन संपन्न नहीं, मेहर में दिया था डेढ़ तोला सोना
हाई कोर्ट में दिए गए आधार कार्ड के अनुसार पुरुष की जन्म तिथि 1 जनवरी 1953 है, जबकि लड़की के आधार कार्ड के अनुसार उसकी जन्म तिथि 10 दिसंबर 2001 है। हाई कोर्ट में दी जानकारी के अनुसार पुरुष खेती का काम करता है और 15 हजार रुपये प्रतिमाह कमाता है। लड़की के परिवार वाले इस विवाह के खिलाफ थे। इस बाबत उन्होंने पलवल पुलिस के सामने भी सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
दोनों एक साथ रिलेशन में थे और अब दोनों पति-पत्नी की तरह रहते हैं। हाई कोर्ट में दिए गए रिकार्ड में भी लड़की ने पुरुष का नाम अपने पति के तौर पर दिखाया है। लड़की की तरफ से दलील दी गई कि उसके परिवार वाले प्रभावशाली हैं, जिनकी पुलिस तक अच्छी पकड़ है और वे उनको जान से मार देंगे। दोनों ने हाई कोर्ट में अपने विवाह का प्रमाण पत्र भी पेश किया, जिसमें सभी गवाह व मेहर की रकम के तौर पर 15 ग्राम सोना लड़की को दिया गया था।
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