अक्षयवर दीक्षित स्मृति ग्रंथ विमोचन प्रचार जत्थे ने की प्रखंडों का दौरा कर भोजपुरी का मान बढ़ाने की अपील

अक्षयवर दीक्षित स्मृति ग्रंथ विमोचन प्रचार जत्थे ने की प्रखंडों का दौरा कर भोजपुरी का मान बढ़ाने की अपील

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

भोजपुरी साहित्याकाश के देदीप्यमान नक्षत्र रहे भोजपुरी शिरोमणि अक्षयवर दीक्षित स्मृति-ग्रंथ का विमोचन के पुनीत मौके पर 24 अक्तूबर को शहर के श्रीभगवान मैरेज हाउस में साहित्यकार सम्मान और कवि सम्मेलन होना सुनिश्चित है।

इस समारोह को सफल बनाने और आमजन में भोजपुरी का अलख जगाने को लेकर भोजपुरी विकास मंडल का प्रचार- जत्था मैरवा, गुठनी, दरौली, आंदर, हुसैनगंज ,दरौंदा आदि का दौरा करते हुए शुक्रवार को महाराजगंज पहुंचा। जहां प्राचार्य प्रो किशोर पांडेय, पूर्व प्राचार्य राजदेव पांडेय आदि ने प्रचार जत्थे का भव्य स्वागत करते समारोह में अपनी और अपने क्षेत्र के साहित्यप्रेमी की सहभागिता का भरोसा दिलाया।

प्रचार-जत्था में शामिल आयोजन समिति के सदस्यों व साहित्यप्रेमियों ने लोगों से भोजपुरी साहित्य और भाषा को मजबूती प्रदान करने के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा भोजपुरी भाषा न केवल हमारी माटी की भाषा है,बल्कि भोजपुरिया संस्कृति की पहचान भी है। हम इसके विकास हेतु सतत प्रयत्नशील हैं और आमजन को भी इसकी समृद्धि और देशस्तर पर स्वीकार्यता के लिए जागरूक होने की जरुरी है।

आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि भोजपुरी साहित्य व भाषा के प्रति छात्र-छात्राओं में रुझान पैदा करने के लिए विद्यालयों में कई प्रतियोगिता कार्यकमों का आयोजन किया गया है। इसके तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा।वहीं भोजपुरी के साहित्यकारों को अक्षयवर दीक्षित: स्मृति ग्रंंथ विमोचन समारोह के दौरान सम्मानित किया जाएगा।

इस जत्था में   भोजपुरी विकास मंडल के सचिव और अयोजन समिति के संयोजक मार्कंडेय, प्रो. उपेन्द्रनाथ यादव, प्राचार्य राम सुन्दर चौधरी, रामनरेश सिंह,अरुण सिंह आदि मुख्य रुप से शामिल थे।

यह भी पढ़े

अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी दोस्त अरूसा पर सियासी बवाल,क्यों?

उत्तर प्रदेश शासन ने  6 IPS अफसरों का किया ट्रांसफर  

Siswan: कचनार के अविनाश ने DU से फर्स्ट क्लास एम.ए.(हिंदी) की डिग्री की हासिल

सीबीआइ जांच की सहमति वापस लेने का बंगाल का अधिकार पूर्ण नहीं है- केंद्र सरकार.

न्यायाधिकरण नहीं चाहिए तो कानून खत्म करे सरकार-सुप्रीम कोर्ट.

Leave a Reply

error: Content is protected !!