ड्रोन हमले में मारा गया अल कायदा चीफ अल जवाहिरी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
अल कायदा चीफ अल जवाहिरी अमेरिकी हमले में मारा गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अल जवाहिरी की मौत की पुष्टि की है। बाइडन ने दावा किया है कि रविवार सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर जवाहिरी को काबुल में ड्रोन हमले में ढेर कर दिया गया। जवाहिरी की मौत के बाद तालिबान की प्रतिक्रिया सामने आई है।
वहीं, अफगानिस्तान सरकार ने अमेरिकी कार्रवाई की निंदा की है। तालिबानी सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिदी ने हमले की आलोचना की है। तालिबान के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, ‘ये हमला रविवार को हुआ है। सत्तारूढ़ इस्लामी चरमपंथियों ने इसे अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन बताया है।’ तालिबानी सरकार ने ये भी कहा कि ये अमेरिकी सेना द्वारा सेना वापसी को लेकर 2020 में हुए समझौते का भी उल्लंघन है।
सीआईए के ड्रोन हमले में हुई मौत
बताया जा रहा है कि जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी। अमेरिका ने एक गुप्त आपरेशन को अंजाम देकर जवाहिरी को मार गिराया। जवाहिरी को मारने के लिए दो मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद जवाहिरी ने साल 2011 में इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी।
बाइडन बोले- अब इंसाफ हुआ
जवाहिरी के जाने के बाद बाइडन ने बयान जारी किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरे निर्देश पर अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान के काबुल में सफलतापूर्वक हवाई हमला किया और अल जवाहिरी को मार गिराया।’ बाइडन ने आगे कहा कि लोगों को न्याय दिया गया है, चाहे इसमें कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं। अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और आपको बाहर निकालेगा। बाइडन ने कहा आगे कहा कि जवाहिरी 9/11 को आतंकवादी हमलों के समय ओसामा बिन लादेन का डिप्टी था। जवाहिरी भी 9/11 की योजना में गहराई से शामिल था।
सबसे खूंखार आतंकी अल जवाहिरी (Al Zawahiri) आखिरकार मारा गया है। अमेरिका ने एक सीक्रेट मिशन चलाया और अफगानिस्तान के काबुल में अल जवाहिरी को ड्रोन स्ट्राइक में ढेर कर दिया। अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी। साल 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद जवाहिरी ने इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी।
Hellfire missile से मारा गया जवाहिरी
समाचार एजेंसी रायटर्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि जवाहिरी काबुल में सेफ हाउस में छिपा था। रविवार सुबह जैसे ही वो बालकनी में आया तो ड्रोन स्ट्राइक में मारा गया। जवाहिरी को मारने के लिए हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था।
बाइडन बोले- न्याय मिल गया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जवाहिरी की मौत की पुष्टि की। जवाहिरी की मौत के बाद बाइडन ने कहा, ‘अब न्याय हो गया है और आतंकी नेता अब नहीं रहा।’ बाइडन ने आगे कहा कि इसमें कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं, अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और आपको बाहर निकालेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने काबुल शहर में सटीक हमले में कोई भी नागरिक नहीं मारा गया।
कौन था अल जवाहिरी?
अल जवाहिरी का जन्म मिस्र के गिजा शहर में हुआ था। वह पेशे से एक नेत्र सर्जन था। जवाहिरी के दादा, रबिया अल-जवाहिरी, काहिरा में अल-अजहर विश्वविद्यालय में इमाम थे। जवाहिरी के परदादा अब्देल रहमान आजम अरब लीग के पहले सचिव थे। एक संपन्न परिवार में जन्मे जवाहिरी की ओसामा बिन लादेन की मुलाकात सऊदी में हुई थी। लादेन की मौत के बाद विश्व के बड़े आतंकियों में जवाहिरी का नाम गिना जाने लगा। उससे सिर पर 25 मिलियन डालर का इनाम रखा गया था।
तालिबान का टिप्पणी से इनकार
काबुल में तालिबान प्रशासन के तीन प्रवक्ताओं ने जवाहिरी की मौत पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने पहले पुष्टि की थी कि रविवार को काबुल में एक हमला हुआ था। उन्होंने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन बताया है।
वहीं, गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि शहर के एक महंगे रिहायशी इलाके शेरपुर में एक घर रॉकेट की चपेट में आ गया, जिसमें कई दूतावास भी हैं। उन्होंने कहा कि घर खाली होने की वजह से किसी की मौत नहीं हुई।
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