भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा के 200 आतंकी हैं,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कभी विश्व भर में धार्मिक आतंकवाद को बढ़ावा देने में जुटा आतंकी संगठन अल-कायदा की तरफ से भले ही अब कहीं आतंकी हमले नहीं हो रहे हों, लेकिन इसका खतरा ना तो विश्व से खत्म हुआ है और ना ही भारत से। यह संगठन अभी शांत ,है लेकिन भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य समेत भारतीय उपमहाद्वीप के कई दूसरे हिस्सों पर इसकी नजर है और अंदर ही अंदर यह अपनी तैयारियों को भी अंजाम देने में जुटा है। यह बात संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में कही गई है।
अलकायदा खुद को मजबूत करने में जुटा
इसके मुताबिक, भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस) के 200 आतंकी हैं और ओसामा मेहमूद इनका अमीर है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तरफ से अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों को लेकर यह सालाना रिपोर्ट 25 जुलाई, 2023 को ही जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा को लेकर एक सदस्य देश ने कहा है कि यह संगठन एक्यूआइएस को मजबूत करने में जुटा है।
खास तौर पर यह बांग्लादेश, भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य और म्यांमार में जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है। इस सदस्य ने भी बताया है कि एक्यूआइएस आने वाले दिनों में आइएसआइएल-के (इस्लामिक संगठन-खोरासान- मध्य व दक्षिण एशिया के लिए आतंकी संगठन आइएसआइएस का अंग) का सदस्य बन सकता है या उसके साथ गठबंधन कर सकता है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भी जताई चिंता
एक्यूआइएस में दो सौ सदस्य हो सकते हैं। यह संख्या अफगानिस्तान में अल-कायदा के सक्रिय आतंकियों से काफी ज्यादा है। सनद रहे कि कुछ वर्ष पूर्व अल-कायदा और आइएसआइएस ने जम्मू व कश्मीर के कुछ हिस्सों में काफी तेजी से पकड़ बनाने की कोशिश की थी। आतंक प्रभावित कश्मीर के कई इलाकों में इन दोनो संगठनों के बड़े बड़े पोस्टर नजर आने लगे थे और भारतीय खुफिया एजेंसियों की तरफ से इनकी बढ़ती गतिविधियों को लेकर चिंता भी सामने आई थी।
हालांकि, अब इनकी गतिविधियों को लेकर कोई बात सामने नहीं आ रही है। जहां तक एक्यूआइएस की बात है तो इसकी स्थापना वर्ष 2014 में अल-कायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने किया था। तब पाकिस्तान के आतंकी असीम उमर को इसका मुखिया नियुक्त किया गया था। तब अल-जवाहिरी की तरफ से एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उसने भारत के खिलाफ जम्मू व कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की बात कही थी।
क्या है अलकायदा?
अलकायदा एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन है। इसकी स्थापना आतंकवादी ओसामा बिन लादेन और अब्दुल्लाह आजम ने 1988 में की थी। बताया जाता है कि ये संगठन तब बनाया गया था, जब अफगानिस्तान में सोवियत संघ के सैनिक दाखिल हुए थे। इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमरीका, यूनाइटेड किंगडम, भारत, रूस और कई देशों ने आतंकवादी समूह करार दिया है।
कौन था ओसामा बिन लादेन
अलकायदा को ओसामा-बिन-लादेन ने ही शुरू किया था। 10 मार्च 1957 को इसका जन्म सऊदी अरब के रियाद शहर में हुआ था। ओसामा के पिता मोहम्मद अवाद बिन लादेन एक अमीर बिल्डर थे। अवाद बिन लादेन के 52 बच्चे थे और ओसामा 17वें नंबर पर था।
पिता की 1968 में मौत हो गई। तब ओसामा 11 साल का था और उसे विरासत में आठ करोड़ डॉलर की राशि मिली थी। उस दौरान वह स्कूल में पढ़ाई कर रहा था। बाद में उसने सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला अजीज विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।
लादेन कैसे बन गया आतंकवादी?
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ओसामा बिन लादेन कट्टरपंथी इस्लामी शिक्षकों और छात्रों के संपर्क में आया। इसके बाद वह 1979 में मुजाहिदीन नाम से पहचाने जाने वाले लड़ाकों की मदद के लिए अफगानिस्तान गया।
लादेन एक गुट का मुख्य आर्थिक मददगार बन गया, जो बाद में अल कायदा कहलाया। 1989 में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के हटने के बाद लादेन अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए वापस सऊदी अरब लौट गया। यहां उसने अफगान युद्ध में मदद के लिए फंड जुटाना शुरू किया। यहीं से अलकायदा वैश्विक गुट बन गया। इसके सदस्य 35 से 60 देशों में बन गए।
1991 में जब अमेरिकी सैनिकों ने कुवैत से इराकी बलों को खदेड़ने के लिए युद्ध शुरू किया, तो लादेन ने अमेरिकी बलों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया। तब उसे सऊदी अरब से निष्कासित कर दिया गया। सऊदी अरब ने उसकी और उसके परिवार की नागरिकता वापस ले ली। तब उसने सूडान में शरण ली।
दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ
2001 में अल-कायदा ने दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला किया। 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर्स और पेंटागन पर आतंकियों ने हमला किया। इसमें तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को तेजी से खोजना शुरू कर दिया। अफगानिस्तान के कोने-कोने में अमेरिका ने उसकी तलाश की, लेकिन नहीं मिला। अमेरिका से छिप-छिपकर भाग रहे ओसामा ने इस बीच कई ऑडियो टेप जारी किए और दुनियाभर के मुसलमानों से जिहाद करने की अपील करने लगा।
फिर मारा गया ओसामा
दो मई 2011 को आखिरकार अमेरिका के हाथ बड़ी कामयाबी लगी। अमेरिका को मालूम चला कि ओसामा पाकिस्तान में छिपा है। तब अमेरिका के सबसे तेज सैन्य टुकड़ी ने इस्लामाबाद के पास ऐबटाबाद में एक ऑपरेशन में ओसामा को मार गिराया।
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