दारू-बालू नीतीश सरकार का मुख्य एजेंडा- भाजपा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच इस मामले को लेकर बिहार भाजपा के कई नेताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा सहित बिहार भाजपा के नेताओं ने छपरा जहरीली शराब त्रासदी को लेकर राज्यपाल भवन तक विरोध मार्च निकाला। इस दौरान बिहार भाजपा के नेताओं ने राज्यपाल फागु चौहान से भी मुलाकात की और राज्यपाल को इस मामले के बारे में अवगत कराया।
विपक्ष की दबाई जा रही है आवाज- सिन्हा
बिहार नेता प्रतिपक्ष सिन्हा ने कहा कि बिहार में जहरीली शराब से हजारों लोगों की मौत हो गई है। सरकार विपक्ष की आवाज को दबा रही है। उन्होंने कहा, ‘जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए। हमने राज्यपाल को बताया है कि जहरीली शराब, हत्या, अपहरण से हजारों लोगों की मौत हुई है। मौत के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं और विपक्ष की आवाज भी दबाई जा रही है।’
दारू, बालू और भ्रष्टाचार सरकार का एजेंडा
सिन्हा ने कहा कि हमने इस मामले में राज्यपाल से हस्तक्षेप करने का निवेदन किया। उन्होंने कहा, ‘सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। ‘दारू, बालू और भ्रष्टाचार’ सरकार का एजेंडा बन गए हैं। हमने राज्यपाल से हस्तक्षेप करने और यदि आवश्यक हो तो सरकार को बर्खास्त करने का भी अनुरोध किया है।’
बिहार में शराब माफियाओं का राज
बिहार में जहरीली शराब त्रास्दी पर मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराब माफियाओं का राज है। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद के लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार खुद को बचाने के लिए विधानसभा में इस तरह के बयान दे रहे हैं। बिहार में जंगल राज है। बिहार में शराब माफियाओं का राज है और वह इस राज्य में सरकार चला रहे हैं। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद के लायक नहीं है।’
एनएचआरसी ने बिहार सरकार को जारी किया नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत मामले में मीडिया रिपोर्टों पर स्वतः संज्ञान लिया है। NHRC ने जहरीली शराब त्रासदी पर बिहार सरकार और बिहार के डीजीपी को नोटिस जारी कर इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है, जिसमें स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की स्थिति, पीड़ितों का चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवार को मुआवजा को लेकर जानकारी शामिल है।
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सदन में कुर्सियां तक उछाली गयी. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के विधायकों ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी. विधायक जहरीली शराब से मौत पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही शुरू हुई. सदन में सबसे पहले आज प्रश्वकाल ही रखा गया था. ऐसे में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े प्रश्व का उत्तर दे रहे थे. इस बीच बीजेपी विधायकों हाथों में कुर्सी उठा लिया. इसके साथ ही, सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया. 19 मिनट की कार्यवाही के बाद सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इसके बाद जब सदन शुरू हुआ तो बीजेपी नेताओं ने फिर से भारी हंगामा किया और वॉकऑउट कर गए.
स्पीकर को भी विधायकों ने कुर्सी दिखायी
हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों ने अमर्यादित व्यवहार करते हुए. स्पीकर को भी कुर्सी दिखा दी. इसके बाद बीजेपी के विधायक सदन से वॉकऑउट कर गए. फिर सदन मार्च किया. बीजेपी लगातार नीतीश कुमार से इस्तीफा और सदन में छपरा में हुए मौतों को लेकर चर्चा कराने की मांग कर रही है. बाद में, नीतीश कुमार ने सदन को संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि बिहार में शराबबंदी किसी भी हाल में खत्म नहीं होने जा रही है. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि जो लोग भी शराब पीकर मरेंगे राज्य सरकार उन्हें किसी हाल में मुआवजा नहीं देगी.
छपरा के बाद सीवान और बेगूसराय में भी शराब से मौत का शक
छपरा में जहरीले शराब से मौत का आकंड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. बताया जा रहा है कि अब तक 545 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में एक महिला भी शामिल है. वहीं अब सीवान में भी पांच लोगों की संदिग्ध मौत का मामला सामने आ रहा है. इसके साथ ही, बेगूसराय में एक व्यक्ति की मौत और एक व्यकित के गंभीर अवस्था में भर्ती होने की बात सामने आ रही है. परिवार के लोगों ने बताया कि शराब पीने के बाद ही, मृतक की तबीयत खराब हुई थी.