सर्वसुलभ और सर्वहितैशी आनंद पुष्कर ही एमएलसी पद के सच्चे हकदार : राजन कुमार रावत
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
बीएसटीए सीवान अंतर्गत अनुमंडल महाराजगंज के सचिव राजन कुमार रावत ने एक संयुक्त बयान में कहां हैं की सर्वसुलभ और सर्वहितैशी आनंद पुष्कर ही एमएलसी पद के सच्चे हकदार है। तथा जैसे-जैसे समय 31 मार्च नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे विपक्षी खेमे में आनंद पुष्कर जी के इतना कम समय में उनकी लोकप्रियता को देखकर घबराहट होती जा रही है । सभी पांचों जिला के शिक्षकों ने आनंद पुष्कर जी को प्रचंड बहुमत से जीताने का मन बना लिया है। 31 मार्च को शिक्षकों के सच्चे प्रतिनिधि आनंद पुष्कर को एमएलसी के चुनाव में भारी से भारी मतों से विजयी बनाने का दिन है। हम सभी शिक्षकों को मालूम है की हमारा सच्चा साथी, सच्चा हितैषी हमारे समस्याओं को चित प्रचित समझने वाला अगर कोई है तो सिर्फ एक ही नाम है और वह है आनंद पुष्कर।
आज अगर हमलोग उन्हें बहुत बढ़-चढ़कर समर्थन कर रहे हैं, तो उसका मुख्य कारण है उनका हम सारे शिक्षकों के समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना, और हम शिक्षक जो आज नियोजन के दलदल में फंसे हैं, उस दलदल से बाहर निकलवाने तथा राज्यकर्मी का दर्जा दिलवाने के प्रति आनंद पुष्कर का संकल्पित होना। आनंद पुष्कर को छोड़ कर किसी के भी लोक लुभावन मायाजाल में फंस कर अपना वोट बर्बाद नही करना है। सभी शिक्षक विद्वान एवम बुद्धिजीवी हैं।
आनंद पुष्कर जी हम शिक्षकों के बीच महागठबंधन की तरफ से सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्यासी के रूप में खड़े हैं, और आनंद पुष्कर जी का जो संकल्प है नियोजन के दलदल से हम शिक्षकों को बाहर निकालने का उसे महागठबंधन ने भी अपने एजेंडे में शामिल कर रखा है। बस उसे पूरा करवाने वाला सही शिक्षक हितैसी प्रतिनिधि चाहिए और आनंद पुष्कर जी से अच्छा कोई युवा, कर्मठ ईमानदार, शिक्षकों के समस्याओं के प्रति संवेदनशील, संघर्षशील कोई और प्रतिनिधि हो नही सकता । यह भी याद रखना चाहिए की हमलोगो ने 2026 तक के लिए स्वर्गीय श्री केदार पांडेय जी को अपना प्रतिनिधि चुना था। मगर बीच में ही उनका साथ हमलोगो से छूट जाने के कारण यह उप चुनाव की नौबत आई है। यह 2026 तक का कार्यकाल स्वर्गीय श्री केदार पांडेय जी का कार्यकाल है। तो फिर ऐसे में हमलोग क्यों दूसरे के हाथों में स्वर्गीय केदार पांडेय के बचे कार्यकाल को दें। बचे हुए कार्यकाल को उनके सुपुत्र श्री आनंद पुष्कर जी को उनके सामने (|)
को लिखकर आनंद पुष्कर को अधिक से अधिक मतों से जीताकर विधान परिषद में भेजे। भारत जैसे महान देश का इतिहास भी यही बतलाता है किसी राजनेता के मृत्यु के पश्चात उनके परिवार के सदस्य अगर चुनाव में खड़े होते है तो उसे अधिक मतों से जीताकर सदन में भेजते रहे है जैसे इन्द्रा गांधी जी के बाद राजीव जी को भेजा गया। ऐसे में हम शिक्षक क्यों अपने भारत वर्ष के इतिहास को भुला दें ।
हम शिक्षकों के लिए स्वर्गीय श्री केदार पांडेय जी की सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब हम भारी से भारी मतों से जीताकर श्री आनंद पुष्कर जी को स्वर्गीय केदार पांडेय जी के कार्यकाल के लिए सारण शिक्षक एमएलसी उप चुनाव में विधान परिषद में भेजने का कार्य करें और बचे कार्य काल को पूरा करने दें। कार्य काल के बाद हमलोग देखेंगे की संकल्प पूरा हुआ या नहीं तब तर्क या वितर्क करेंगे तो अच्छा होगा। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिवि श्री शत्रुघ्न प्रसाद सिंह जी ने शिक्षक प्रतिनिधि जिसे चुनने का आह्वान किया, वह नाम हैं आनंद पुष्कर !
मोतिहारी, गोपालगंज या सिवान,
गांधी की कर्मभूमि हो चंपारण,
या राजेंद्र की धरती हो सारण,
सभी जिला के शिक्षक मतदाताओं ने बना लिया है अपना मन,
हर जगह है आनंद ही आनंद,
जय आनंद तय आनंद।
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