उत्तराखंड में सभी नागरिकों के समान अधिकार हो गए है,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
किसी भी राज्य में नहीं लागू है UCC
उस समय इसे एक चुनावी घोषणा अधिक माना गया था। कारण यह कि देश के किसी भी राज्य में समान नागरिक संहिता लागू नहीं है। इसे लागू करना आसान भी नहीं था। यद्यपि सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने अपने वादे पर प्रतिबद्ध रहते हुए 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया।
सुझाव भी किए गए थे आमंत्रित
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तैयार किया गया था विस्तृत ड्राफ्ट
राज्य विधानसभा ने किया था पारित
आठ फरवरी को राज्य विधानसभा ने इसे पारित किया। विधानसभा में चर्चा के बाद विधेयक को पारित कर स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति भवन भेजा गया। आठ मार्च को इसे राष्ट्रपति भवन से भी स्वीकृति मिल गई। इसके बाद सरकार ने 12 मार्च को समान नागरिक संहिता अधिनियम जारी कर दिया।
18 अक्टूबर को सरकार को सौंपी गई नियमावली
अधिनियम को धरातल पर उतारने के लिए इसकी नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। समिति ने 18 अक्टूबर को सरकार को नियमावली सौंपी।
सीएम धामी ने कही ये बात
तीन माह के अध्ययन के बाद सरकार ने नियमावली को अंतिम रूप दे दिया। साथ ही आमजन की सहूलियत के लिए इसका पोर्टल भी तैयार किया गया। अब समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर दिया गया है। सीएम धामी ने कहा है कि मैं बहुत भावुक हो गया हूं। यह हमारे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के लिए भी एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हो गया है। आज अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है।
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