उत्तराखंड में सभी नागरिकों के समान अधिकार हो गए है,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा फरवरी 2022 के चुनाव में किया गया वादा दो साल 11 माह बाद धरातल पर उतर गया है। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए समिति गठित करने से लेकर नियमावली लागू होने पर ठीक दो साल आठ माह का समय लगा। इसके साथ ही प्रदेश में सभी नागरिकों के समान अधिकार हो गए हैं। इसमें किसी जाति व धर्म का भेद नहीं रह गया है। विस चुनाव के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फरवरी 2022 में यह घोषणा की थी कि फिर सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू किया जाएगा।

क‍िसी भी राज्‍य में नहीं लागू है UCC

उस समय इसे एक चुनावी घोषणा अधिक माना गया था। कारण यह कि देश के किसी भी राज्य में समान नागरिक संहिता लागू नहीं है। इसे लागू करना आसान भी नहीं था। यद्यपि सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने अपने वादे पर प्रतिबद्ध रहते हुए 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया।

सुझाव भी क‍िए गए थे आमंत्रित

इस समिति ने संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए देश व विदेश के विभिन्न कानूनों का अध्ययन करने के साथ ही प्रदेश के सभी वर्गों की राय जानी। इस दौरान समिति ने प्रदेश के सुदूरवर्ती व सीमांत क्षेत्रों तक आमजन व जनजातियों के साथ संवाद किया। साथ ही जनता से ऑनलाइन व ऑफलाइन, दोनों माध्यमों से सुझाव भी आमंत्रित किए।
 

तैयार क‍िया गया था विस्तृत ड्राफ्ट

समिति को वेब पोर्टल, पत्र, ई-मेल, विभिन्न बैठकों के माध्यम से व व्यक्तिगत रूप से 2,32,961 सुझाव प्राप्त हुए। समिति ने इन सुझावों का अध्ययन करने के बाद विस्तृत ड्राफ्ट तैयार कर दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपा। ड्राफ्ट मिलने के बाद सरकार ने समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया।

राज्य विधानसभा ने क‍िया था पारित

आठ फरवरी को राज्य विधानसभा ने इसे पारित किया। विधानसभा में चर्चा के बाद विधेयक को पारित कर स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति भवन भेजा गया। आठ मार्च को इसे राष्ट्रपति भवन से भी स्वीकृति मिल गई। इसके बाद सरकार ने 12 मार्च को समान नागरिक संहिता अधिनियम जारी कर दिया।

18 अक्टूबर को सरकार को सौंपी गई नियमावली

अधिनियम को धरातल पर उतारने के लिए इसकी नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। समिति ने 18 अक्टूबर को सरकार को नियमावली सौंपी।

सीएम धामी ने कही ये बात

तीन माह के अध्ययन के बाद सरकार ने नियमावली को अंतिम रूप दे दिया। साथ ही आमजन की सहूलियत के लिए इसका पोर्टल भी तैयार किया गया। अब समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर दिया गया है। सीएम धामी ने कहा है क‍ि मैं बहुत भावुक हो गया हूं। यह हमारे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के लिए भी एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हो गया है। आज अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है।

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