दुबई एक्सपो में सभी देशों ने अपनी कला व संस्कृति को दर्शाने में नहीं छोड़ी कोई कसर.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कोविड-19 ने कई तकलीफें दीं और तमाम राहें मुश्किल कर दीं, लेकिन किसी ने खूब कहा है कि हमारे उन्हीं गुणों की परीक्षा होती है, जिनमें हम सर्वश्रेष्ठ हैं। ऐसे में बात जब जिजीविषा की हो तो हमारा कोई जवाब नहीं। इसी गुण का ही जीता-जागता स्वरूप है इन दिनों जारी दुबई एक्सपो। अक्टूबर की पहली तारीख से शुरू हुआ यह एक्सपो आगामी 31 मार्च यानी कि अगले छह महीने तक चलेगा। खास बात है कि हर सप्ताह इस एक्सपो की थीम अलग होगी। हर थीम एक बेहतर दुनिया के निर्माण से जुड़ी है। उद्देश्य है कि कैसे कल की दुनिया को सर्वश्रेष्ठ बनाया जा सके और इस काम में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लोगों को एक साथ लाने के लिए इस एक्सपो का आयोजन किया गया है।
हर महत्वपूर्ण पहलू पर थीम
सोचने वाली बात है कि छह माह तक चलने वाले किसी एक्सपो की हर सप्ताह अलग-अलग थीम। मजबूत इच्छाशक्ति और योजना पर शानदार पकड़ जैसे पहलू ही ऐसे आयोजन को सफल बना सकते हैं। आगामी दिनों में इस एक्सपो में जलवायु व जैव विविधता, अंतरिक्ष, शहरी व ग्रामीण विकास, सहिष्णुता, ज्ञान व शिक्षा, ट्रैवल व कनेक्टिविटी, वैश्विक लक्ष्य, सेहत व तंदुरुस्ती, कृषि, खाद्य व जीविका, पानी जैसी थीम नजर आएंगी। सभी देश इन थीम के आधार पर अपने-अपने पंडाल में अपने आइडिया दर्शाएंगे और फिर एक साथ मिलकर आगे के लिए काम करेंगे।
प्रकृति के साथ भविष्य की उड़ान
दुबई एक्सपो में ऐसे इनोवेशन व टेक्नोलाजी की नुमाइश की गई है जो दुनिया की सूरत बदल सकती है। ब्रिटेन के पंडाल में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तो यूएई के पंडाल में नए प्रकार के एयर ट्रैवल को दर्शाया गया है। दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले व्यक्ति को दुनिया का सबसे बेहतर इलाज मुहैया कराने की योजना बताई गई है तो कई ऐसे इनोवेशन लाए गए हैं जो भविष्य में नए अवसर पैदा करेंगे, प्रकृति और टेक्नोलाजी के बीच की दूरी को कम करेंगे। साथ ही स्वचालित और टिकाऊ दुनिया का सृजन करेंगे।
कला व संस्कृति का साथ
दुबई एक्सपो में सभी देशों ने अपनी कला व संस्कृति को दर्शाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अमेरिका ने अपने तीसरे राष्ट्रपति थामस जैफरसन की कुरान का प्रदर्शन करके यह बताने की कोशिश की है कि वहां सभी धर्म स्वीकार्य हैं। भारत के पंडाल में बनारस के अस्सी घाट से लेकर अक्षरधाम मंदिर और अयोध्या में तैयार हो रहे राम मंदिर की झांकी पेश की गई है।
जमैका के पंडाल में ऐसा स्टूडियो बनाया गया है जहां दुनिया के लगभग सभी गायकों व संगीतकारों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है और उनका संगीत सुन सकते है। अल वस्ल ओपेरा के जरिए यूएई अपनी समृद्ध संस्कृति के बारे में बता रहा है तो दुनिया के तमाम खूबसूरत संदेशों को सुंदर अक्षरों में एक जगह लिखा गया है। जर्मनी के पंडाल में आपको मनोरंजन का नया अनुभव मिल सकता है जहां रोबोट बैंड बजा रहे है।
स्वाद बिन कैसा मेला
दुबई एक्सपो में पिज्जा से लेकर कबाब तो सैकड़ों ऐसे कंदमूल खान-पान के स्टाल पर रखे गए है जो आपकी सेहत को ठीक रखने के साथ प्रकृति को भी संतुलित रखने का काम करेंगे। एक्सपो के चारों ओर फैले फूड स्टाल में एक जगह तो आप रोबोट के साथ भोजन करने का अनुभव भी ले सकते है तो फूड पैराडाइज में 200 से अधिक प्रकार के भोजन का स्वाद ले सकते हैं। कई स्टाल में खान-पान को भी इनोवेशन से जोड़ते हुए उसे पूरी तरह से नए रूप देने की कोशिश की गई है।
व्यापार के अवसर व नेटवर्किंग
एम्मार ग्रुप की तरफ से एक आलीशान नौ मंजिला टावर का निर्माण किया गया है जिसमें सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद है जहां नेटवर्किंग की जा सकती है। वहीं साधारण लोगों द्वारा असाधारण काम करने के लिए भी कई हाल बनाए गए है जो विभिन्न प्रकार की नई सुविधाओं से लैस है। यहां का खास आकर्षण बिजली की आपूर्ति का जरिया है। इस एक्सपो में सोलर पावर के उत्पादन के लिए पेड़ के आकार में पैनल लगाए गए है। एनर्जी ट्री से निकलने वाली बिजली की आपूर्ति एक्सपो में की जा रही है।
सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे रोबोट
दुबई एक्सपो में पुलिसिंग का काम रोबोट कर रहे है। मास्क पहनने से लेकर किसी अन्य काम में चूक होने पर रोबोट लोगों को आगाह करता है और गलती करने वालों की तस्वीर ले लेता है। वहीं पीले रंग के रोबोट आगंतुकों के मनोरंजन का काम करते हैं। इसे हैलो बोलने पर यह भी जवाब देता है और बातें भी करता है।
उम्मीदों को मिल रहा मंच
इटली ने 20 लाख प्लास्टिक बोतल से बनाई गई रस्सी से अपना पवेलियन तैयार किया है जिसकी लंबाई लगभग 70 किलोमीटर है। तो चीन दुनिया को अपनी अंतरिक्ष आकांक्षा से परिचित करा रहा है और ऐसी कार की नुमाइश कर रहा है जो एक दिन पानी के अंदर भी चल सकेगी और हेलीकाप्टर की तरह उड़ भी सकेगी। अमेरिका ने भी फैल्कान 9 राकेट की नुमाइश की है तो अफ्रीका ने ममी की तरह अपने फूड हाल को बनाया है जो अफ्रीका की संस्कृति को दर्शाता है।
1080 एकड़ में फैले इस दुबई एक्सपो की सबसे खास बात है कि सभी देशों को अलग-अलग जगह दी गई है और पहली बार विश्व स्तर का इस प्रकार के मेले का आयोजन मध्य-पूर्व में किया गया है। यहां अफगानिस्तान पवेलियन के लिए जगह का आवंटन किया गया था, लेकिन वहां तालिबान के कब्जे के बाद यह संभव नहीं हो सका।
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