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तुलसीघाट पर राजदूत अखिलेश मिश्र का हुआ सम्मान – बोल भारत और आयरलैंड के बीच संबंध मजबूत करने में काशी की भूमिका सेतु की तरह

तुलसीघाट पर राजदूत अखिलेश मिश्र का हुआ सम्मान – बोले भारत और आयरलैंड के बीच संबंध मजबूत करने में काशी की भूमिका सेतु की तरह

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श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी / संकटमोचन फाउंडेशन की ओर से आयरलैंड के नवनियुक्त राजदूत अखिलेश मिश्रा और उनकी पत्नी रीति मिश्रा का स्वागत तुलसीघाट पर फाउंडेशन के अध्यक्ष व संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विशम्भरनाथ मिश्र ने किया गया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजदूत अखिलेश मिश्र ने सपत्नी गंगा का पूजन भी किया।

 

 

प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा हर क्षेत्र में यदि आप खोजेंगे तो काशी से ताल्लुकात रखने वाले लोग मिल जाएंगे। यह हम सबके गौरव का क्षण है कि तुलसीघाट पर नवनियुक्त राजदूत के सम्मान करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से आयरलैंड समृद्ध है, शिक्षा के साथ-साथ साहित्य को भी बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि महामना का हर कण आज चमक रहा है, विश्वविद्यालय के पूरा छात्र होने के कारण मेरी शुभकामना है कि अखिलेश मिश्रा को मिली नई जिम्मेदारी पर वह खूब चमकते रहे।

 

 

इस दौरान अपने उद्बोधन में राजदूत अखिलेश मिश्रा ने कहा की काशी में हर देश व राज्य का प्रतिनिधित्वकर्ता मौजूद है, धर्म-अध्यात्म के साथ-साथ उद्यम और कौशल विकास के क्षेत्र में भी काशी में अभी भी बहुत संभावना है, काशी हमारे लिए हब है। हमारी कोशिश रहेगी की इंडिया और आयरलैंड के बीच कार्य तो होंगे ही लेकिन काशी की संस्कृति, साहित्य, उद्योग और आयात-निर्यात पर भी हमारा ध्यान रहे।

 

 

इस दौरान उस्ताद अकरम खा के शिष्य अंकित कुमार सिंह तबला और राघवेंद्र नारायण स्लाइडिंग गिटार पर राग किरवानी में फ्यूजन, देशभक्ति गीत बजाया। इस दौरान माँ गंगा के तट पर संगीत की रसधार बह गई। जिसके बाद प्रो. रेवा प्रसाद द्विवेदी की पोती अनुराधा और शौम्या वेताल ने ओडोसी में हनुमान चालीसा पर भावपूर्ण प्रस्तुति दी।

काशी की परंपरा के मुताबिक सर्वप्रथम वैदिक मंत्रोच्चार से आचार्य स्वर्णप्रताप चौबे और सुजीत शुक्ल ने स्वागत किया। मंच पर स्वागत भोजपुरी अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. शशिप्रकाश शुक्ला ने किया, धन्यवाद ज्ञापन ख्यात न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. विजयनाथ मिश्र ने किया। इस दौरान दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र, प्रो. अनिल त्रिपाठी, निदेशक विज्ञान विभाग, पिलग्रिम बुक के रामानंद सनातनी, भार्गवी मिश्रा, कुमारी निधि, प्रियंका गौतम, वाचस्पति उपाध्याय, अशोक पांडेय, विनोद पांडेय मौजूद रहे।

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