अमेरिका ने फिर 388 भारतीयों को वापस भेजा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सरकार ने संसद को बताया कि जनवरी 2025 से अब तक लगभग 388 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा गया है। इनमें से 333 भारतीयों को फरवरी में तीन अलग-अलग उड़ानों से सीधे अमेरिका से भारत भेजा गया।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि अमेरिका ने पनामा के रास्ते वाणिज्यिक उड़ानों से 55 भारतीय नागरिकों को वापस भेजा है। विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार को इस वर्ष अमेरिका से निर्वासित किए जाने वाले व्यक्तियों का विवरण प्राप्त हुआ है और क्या सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों से उनके लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने का अनुरोध किया है।
अवैध अप्रवासी नेटवर्क पर नकेल कस रही सरकार
उन्होंने कहा कि 12-13 फरवरी को प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान अवैध अप्रवासी नेटवर्क पर नकेल कसते हुए सुरक्षित, व्यवस्थित और कानूनी प्रवास को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की गई थी। भारत ने पांच फरवरी को अमेरिका में उतरे विमान में निर्वासित लोगों के साथ किए गए व्यवहार, विशेषकर महिलाओं के साथ बेडि़यों के प्रयोग के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंताएं दृढ़ता से दर्ज कराई गई हैं।उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने अवैध आव्रजन और मानव तस्करी से निपटने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता को स्वीकार किया तथा अवैध आव्रजन नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की पहल की गई है।
अमेरिका सिर्फ इन्हें कर रहा है निर्वासित
सिंह ने कहा कि अमेरिका केवल उन्हीं भारतीय नागरिकों को निर्वासित कर रहा है, जिन्हें अमेरिकी आव्रजन कानूनों का उल्लंघन करने के लिए पकड़ा गया है। एक अन्य प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि भारत आपसी हित के सभी मुद्दों पर रणनीतिक समानता को गहरा करने के लिए अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका से अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को निर्वासित किया जाना कोई नया मामला नहीं है. पिछले कई सालों से यूएस सरकार लगातार ऐसे लोगों को अपने देश से वापस भेज रही है और यह संख्या हजारों में है.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह कोई हालिया प्रक्रिया नहीं है. अमेरिका लंबे समय से अवैध रूप से रह रहे लोगों को निर्वासित कर रहा है. मंत्रालय ने 2009 से 2025 तक के निर्वासन आंकड़े जारी किए, जिनमें यह बताया गया कि 2009 से 2024 के अंत तक कल 15,564 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया. 2025 में अब तक (मार्च तक) 388 भारतीयों को वापस भेजा जा चुका है.
किन परिस्थितियों में निर्वासन किया जाता है?
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि निर्वासन उन भारतीय नागरिकों पर लागू हो सकता है जो अवैध रूप से किसी देश में प्रवेश कर चुके हैं.वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रुके हुए हैं. बिना किसी वैध दस्तावेज़ के विदेशी भूमि पर रह रहे हैं.या जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत हर देश अपने अवैध प्रवासियों को वापस लेने का दायित्व निभाता है. हालांकि, यह प्रक्रिया राष्ट्रीयता के सत्यापन के बाद ही पूरी की जाती है.
भारत सरकार की कार्रवाई और एजेंटों पर नकेल
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत लौटने वाले प्रवासियों से पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि वे किन एजेंटों, कंपनियों या व्यक्तियों के जरिए अवैध रूप से विदेश पहुंचे. सरकार ऐसे एजेंटों और दलालों पर कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही है, जो भारतीय नागरिकों को गलत तरीके से विदेश भेजने का काम करते हैं. कई मामलों में लोगों को अवैध रूप से भेजने के लिए ठगी और धोखाधड़ी के तरीके अपनाए जाते हैं, जिससे वे मुश्किलों में फंस जाते हैं.
अमेरिका में निर्वासन की बढ़ती प्रवृत्ति
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तेज हुई. बड़ी संख्या में अवैध भारतीय प्रवासियों को देश से बाहर निकाला गया.
निर्वासित लोगों को भारत भेजने के दौरान हाथों और पैरों में बेड़ियां डालने जैसी घटनाएं हुईं, जिससे मानवाधिकारों को लेकर सवाल उठे. हालांकि, भारत सरकार ने इस पर स्पष्ट किया कि निर्वासन की प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत ही की जा रही है, और यह नीति सिर्फ भारतीयों के लिए नहीं, बल्कि सभी देशों के अवैध प्रवासियों के लिए लागू होती है.
बता दें कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों का मुद्दा सालों से बना हुआ है। भारत सरकार इन मामलों को गंभीरता से ले रही है और ठगी करने वाले एजेंटों पर कार्रवाई की योजना बना रही है.