भारत को अस्थिर करने में जुटा अमेरिका- रूस
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच पश्चिमी देशों के हस्तक्षेप वाले रूसी बयान पर भारत ने विरोध जताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम किसी भी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देंगे। भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव में अगर कोई बाहर से हस्तक्षेप करना चाहे तो यह सरासर गलत है और वह कभी भी इसमें सक्षम नहीं होगा। हमने आरोपों पर एक बयान दिया है कि हम किसी भी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देंगे।- रणधीर जायसवाल
रणनीतिक साझीदार देश अमेरिका की एजेंसियों की तरफ से कभी भारत की धार्मिक आजादी के मुद्दे पर तो कभी खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाकर घेरा जा रहा है। ऐसे में भारत का पुराना रणनीतिक साझीदार देश रूस भारत के समर्थन में खुलकर आया है। रूस ने यहां तक कहा कि अमेरिका भारत को अस्थिर करने की कोशिश में है।
रणधीर जायसवाल ने मालदीव की विदेश मंत्री मूसा जमीर की भारत यात्रा पर अपडेट दिया है। उन्होंने कहा कि मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत दौरे पर हैं, उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की है। दोनों देशों के बीच संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा के विषयों के साथ-साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई है।
पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में रूस ने कहा कि अमेरिका की तरफ से कोई ठोस सुबूत नहीं दिया गया है। जानकार रूस की तरफ से आए इन बयानों को अमेरिका के साथ उसके खराब रिश्तों के संदर्भ में देख रहे हैं, लेकिन कुछ लोग यूक्रेन विवाद के बाद भारत की तरफ से रूस को दिए समर्थन से भी इसे जोड़ रहे हैं।
अमेरिका को भारत के इतिहास और मानसिकता की समझ नहीं
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा, ‘अमेरिका को भारत के इतिहास और मानसिकता की समझ नहीं है। इसलिए अमेरिका लगातार भारत पर धार्मिक आजादी के मुद्दे पर आधारहीन आरोप लगा रहा है। इसका कारण यह है कि अमेरिका भारत में आंतरिक संतुलन को प्रभावित करना चाहता है और वहां चल रहे आम चुनाव को पेचीदा बना रहा है। यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है।’
अमेरिका भारत की राष्ट्रीय मानसिकता को नहीं समझता
खालिस्तान समर्थक आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप भारत पर लगाने के मामले में भी जाखारोवा ने कहा, ‘अभी तक हमारे पास जो सूचना है उसके मुताबिक अमेरिका ने भारत को अभी तक कोई ठोस सुबूत नही दिया है। इसमें किसी भारतीय नागरिक के शामिल होने की बात सामने नहीं आई है। अमेरिका भारत की राष्ट्रीय मानसिकता को नहीं समझता।’
भारत के विदेश मंत्रालय ने बेहद सधी हुई टिप्पणी की
रूसी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय ने बेहद सधी हुई टिप्पणी की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘जब अमेरिका की रिपोर्ट आई थी, तभी हमने अपनी बात सामने रख दी थी। हम यह भी मानते हैं कि अगर कोई हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश करता है तो वह गलत है।’
US के पास कोई सबूत नहीं
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि हमारे पास मौजूद जानकारी के अनुसार वाशिंगटन ने अभी तक किसी पन्नू की हत्या की कोशिश में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है। सबूत के अभाव में इस विषय पर अटकलें अस्वीकार्य हैं।
रूसी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका भारत का अपमान कर रहा है। दरअसल, रूसी प्रवक्ता की टिप्पणी अमेरिका के उस आरोप के खिलाफ आई है, जिसमें यूएस ने पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट के शामिल होने की बात कही थी।
दरअसल, अमेरिकी समाचार पत्र ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में कहा गया था कि भारत रूस और सऊदी अरब की तरह ही अपने दुश्मनों के खिलाफ गुप्त कार्रवाई की कोशिश कर रहा है।
अमेरिका पर बरसीं रूसी प्रवक्ता
रूस ने कहा कि अमेरिका ने भारत के खिलाफ नियमित रूप से निराधार आरोप लगाए हैं। रूस ने कहा कि भारत ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों पर भी निराधार आरोप लगाना अमेरिका का काम हो गया है। रूसी प्रवक्ता ने कहा कि मुझे यकीन है कि यह औपनिवेशिक काल की मानसिकता और साम्राज्यवाद से आया है।
निज्जर भी पन्नू की तरह खालिस्तान समर्थक था
खालिस्तान समर्थक आतंकी पन्नू कनाडा और अमेरिका की दोहरी नागरिकता रखता है और दोनों देशों में भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। कनाडा ने भी भारत पर आरोप लगाया है कि उसके नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या भारतीय एजेंसियों ने करवाई है। निज्जर भी पन्नू की तरह खालिस्तान समर्थक था। हाल में इस हत्या के संदर्भ में तीन भारतीयों की गिरफ्तारी की बात सामने आई है।
कनाडा ने नहीं दी कोई जानकारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने निज्जर हत्याकांड में कनाडा में तीन भारतीयों को हिरासत में लिए जाने पर कहा कि हमें भी इस बारे में बताया गया है। हालांकि, इस बारे में कोई औपचारिक राजनयिक संवाद नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि कनाडा ने इस बारे में भारत को किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने कनाडा से कहा कि वह अपनी धरती का उपयोग अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा की वकालत करने वाले लोगों को राजनीतिक करने के लिए नहीं होने दें।
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