आदेश में वृद्धा को मिनिमल इनवेसिव स्पाइन सर्जरी से मिला नया जीवन
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
मोहड़ी स्थित आदेश अस्पताल में एक असाधारण चिकित्सा सफलता दर्ज की गई। जहाँ 80 वर्षीय महिला मरीज को मिनिमल इनवेसिव स्पाइन सर्जरी के माध्यम से जीवनदान मिला। यह वृद्धा हाल ही में गिर गई थीं, जिसके बाद उन्हें असहनीय पीठ दर्द शुरू हो गया। परिवारजन उन्हें लेकर अदेश अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग पहुंचे, जहाँ डा. पुनीत व वरिष्ठ विशेषज्ञों की टीम ने पूरी गंभीरता से मरीज की जांच की। एमआरआई और अन्य परीक्षणों में यह स्पष्ट हुआ कि उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है, जो उनके दर्द और चलने- फिरने में असमर्थता का कारण था।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए न्यूरोसर्जरी विभाग ने मिनिमल इनवेसिव स्पाइन सर्जरी करने का निर्णय लिया। यह सर्जरी रीढ़ की हड्डी के इलाज में आधुनिक तकनीकों में से एक है, जिसमें ओपन सर्जरी की तुलना में बहुत कम चीरा लगाया जाता है, और मरीज को जल्दी राहत मिलती है। सर्जरी अद्भुत रूप से सफल रही। सर्जरी के तुरंत बाद मरीज के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। वे न केवल दर्द से पूरी तरह मुक्त हो गईं, बल्कि बिना किसी सहारे के चलने फिरने में भी सक्षम हो गईं।
अदेश अस्पताल की न्यूरोसर्जरी टीम ने इस चुनौतीपूर्ण केस को सफलता में बदलकर यह साबित कर दिया कि उम्र कोई बाधा नहीं है, यदि चिकित्सा सही समय पर और आधुनिक तकनीकों के सहारे दी जाए। स्पाइन सर्जन डॉ. पुनीत ने कहा, मिनिमल इनवेसिव स्पाइन सर्जरी उन मरीजों के लिए वरदान है जो उम्रदराज़ हैं और ओपन सर्जरी की जोखिम नहीं उठा सकते। उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक से मरीज को कम दर्द, कम खून बहाव और जल्दी रिकवरी होती है।
यही कारण है कि अब यह तकनीक दुनियाभर में लोकप्रिय हो रही है और भारत में भी इसका तेजी से विस्तार हो रहा है। अदेश ग्रुप के चेयरमैन डा. एच. एस. गिल ने इस सफलता पर अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार मरीज की मुस्कान है। हमारी कोशिश यही रहती है कि हर मरीज को सर्वोत्तम इलाज और उम्मीद मिले। इस प्रेरणादायक ऑपरेशन ने सिर्फ मरीज की जिंदगी बदली, बल्कि यह संदेश भी दिया कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान अब उम्र और जटिलताओं को भी मात दे सकता है।
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