अनीमिया मुक्त भारत अभियान- बीवीएचए और अल्केम द्वारा संयुक्त रूप से परियोजना साझाकरण कार्यशाला आयोजित
अनीमिया मुक्त भारत अभियान में बीवीएचए जैसी संस्था का महत्वपूर्ण योगदान: बीडीओ
अनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य: बीवीएचए
शारीरिक एवं मानसिक विकास में आयरन की महत्वपूर्ण भूमिका: उपाधीक्षक
श्रीनारद मीडिया, गोपालगंज, (बिहार):
अनीमिया एक गंभीर लोक स्वास्थ्य समस्या है। इससे जहां शिशुओं का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध होता है। वहीं किशोरियों एवं माताओं में कार्य करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय पोषण अभियान के अंतर्गत ‘अनीमिया मुक्त भारत’ कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। बिहार सहित देश के सभी राज्यों में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है। उक्त बातें प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह अनुमंडलीय अस्पताल हथुआ के पैरा मेडिकल कॉलेज के सभागार में बिहार वोलेंट्री हेल्थ एसोसिशन (बीवीएचए) द्वारा आयोजित एक दिवसीय परियोजना साझाकरण कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कही।
कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन बीडीओ राकेश कुमार सिंह, अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ रमेश राम, पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसके सिन्हा, बीवीएचए के वरीय कार्यक्रम प्रबंधक मुकेश कुमार और डीसी धर्मेंद्र कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, सीडीपीओ मंजू कुमारी, अस्पताल प्रबंधक आतिफ अंसारी, बीएचएम कुमार वरुण, जीविका के बीपीएम इंद्रराज आनंद, पीरामल स्वास्थ्य के फैलोशिप तौशिका चौधरी, जय शर्मा और गुंजन कुमारी, बीवीएचए की निधि कुमारी, हरिशंकर सिंह, नूर जहां खातून, शोभा कुमारी सहित महिला पर्यवेक्षिका, सीएचओ, जीएनएम, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
अनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य: बीवीएचए
बिहार वोलेंट्री हेल्थ एसोसिशन (बीवीएचए) के वरीय कार्यक्रम प्रबंधक मुकेश कुमार ने कहा कि अनीमिया मुक्त अभियान के तहत मुख्य रूप से 6 विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं को लक्षित किया गया है। क्योंकि देश के लोगों को अनीमिया जैसे गंभीर रोगों से बचाव करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। साथ ही इस कार्यक्रम के तहत अनीमिया में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके लिए सरकार द्वारा 6X6X6 की रणनीति के तहत 6 आयुवर्ग, 6 प्रयास एवं 6 संस्थागत व्यवस्था की गयी है। क्योंकि यह रणनीति आपूर्ति श्रृंखला, मांग पैदा करने और मजबूत निगरानी को लेकर केंद्रित किया गया है।
शारीरिक एवं मानसिक विकास में आयरन की महत्वपूर्ण भूमिका: उपाधीक्षक
अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ रमेश राम ने उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि रक्त में आयरन की कमी होने से शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। इसके लिए आप सभी को आयरन एवं विटामिन ‘सी’ युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। जिसमें आंवला, अमरुद एवं संतरे प्राकृतिक रूप से प्रचुर मात्रा में मिलने वाले स्रोत हैं। विटामिन ‘सी’ ही शरीर में आयरन का अवशोषण करने के साथ ही इसकी मात्रा को शरीर में संतुलित करने की जरूरत है। हालांकि इस कार्यक्रम के तहत 6 विभिन्न आयु वर्ग के समूहों को चिन्हित कर उन्हें अनीमिया से मुक्त करने की पहल की गयी है। जो सार्थक साबित हो रहा है।
स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्रों पर एएनएम के द्वारा महिलाएं और बच्चों को दिया जाता है निःशुल्क: डॉ एसके सिन्हाहथुआ पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसके सिन्हा ने कहा कि अनीमिया की रोकथाम के लिए मुख्य रूप से शरीर में आयरन और फॉलिक एसिड को पूरा करने और सभी उम्र में शरीर में इसकी जरूरतों को पूरा करने में आयरन फॉलिक एसिड की खुराक सबसे अहम मानी गई है। साथ ही कृमि नियंत्रण में कीड़े को मारने में काफी मदद करता है। क्योंकि आयरन और प्रोटीन की कमी से अनीमिया होता है। सरकारी अस्पतालों में फॉलिक एसिड की गोली और सिरप निःशुल्ल वितरण किया जाता है। हालांकि स्वास्थ्य केंद्र या आंगनबाड़ी केंद्रों पर एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका के द्वारा पोशाक क्षेत्रों की महिलाएं और बच्चों के बीच दिया जाता है। ताकि किशोरियों और गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी नही हो। क्योंकि प्रसव के दौरान प्रसूता महिलाओ में खून की कमी के कारण चिकिस्ताको को विकट परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है।
हथुआ के 10 पंचायतों के 30 गांवों में पोषण और अनीमिया को लेकर किया जाता है कार्य: धर्मेंद्र कुमार
बीवीएचए के जिला समन्वयक धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि हथुआ प्रखंड के 10 पंचायतों के 30 गांवों में संस्था द्वारा ग्रामीण स्तर पर सीएचओ, जीएनएम, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, सीविका और जीविका समूह से जुड़े किशोरी और महिलाओं के साथ सामुदायिक स्तर पर बैठक और विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर अनीमिया और पोषण को लेकर जनवरी 2023 से अनवरत किया जा रहा है। ताकि युवतियों और गर्भवती महिलाओं में खून की कमी नही हो।
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