सुरक्षित प्रसव व बेहतर पोषण का अलख जगा रही हैं आंगनबाड़ी सेविका उषा

सुरक्षित प्रसव व बेहतर पोषण का अलख जगा रही हैं आंगनबाड़ी सेविका उषा
– पोषक क्षेत्र में घर-घर पहुंचा रही हैं “सही पोषण देश रोशन” का संदेश
-छोटे-छोटे प्रयासों से आम लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाना संभव

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार ):

आंगनबाड़ी सेविकाओं का काम बेहद चुनौतियों से भरा रहा है| छोटे-छोटे बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पोषक क्षेत्र की किशोर युवतियों, गर्भवती महिलाएं व शिशुओं की देखभाल कर रही माताओं की समुचित देख-रेख करते हुए उनके बेहतर स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करना कोई आसान काम नहीं | बावजूद इसके हमारे बीच ऐसी कई सेविकाएं हैं| जो इन तमाम चुनौतियों को दरकिनार करते हुए अपने कार्य व दायित्व का सफल निवर्हन करते हुए अपने समाज में आज एक चैंपियन की भूमिका में नजर आती हैं| अररिया प्रखंड अंतर्गत किस्मत खवासपुर पंचायत के भागपुरैनी केंद्र संख्या 13 की सेविका उषा का नाम भी इसमें शामिल है| जो नियमित रूप से अपने केंद्र के संचालन के साथ-साथ “सही पोषण देश रोशन” का संदेश पोषक क्षेत्र के तमाम घरों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं |

गर्भ से लेकर बाल्यावस्था तक बेहतर पोषण जरूरी
सेविका उषा मानती हैं कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास संभव है| बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास बेहतर हो तो हमारा पूरा समाज इससे लाभान्वित हो सकता है| इसके लिये जरूरी है कि मां के गर्भ से लेकर पूरे बाल्यावस्था के दौरान बच्चों के बेहतर पोषण का विशेष ध्यान रखना जरूरी है| वे बताती हैं जानकारी का अभाव महिलाएं व बच्चों के सही पोषण के मार्ग में बड़ी बाधा है| महज पोषण से जुड़ी सही जानकारी उपलब्ध करा कर हम न जाने कितने माताएं व बच्चों को स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी का अनमोल तोहफा भेंट कर सकते हैं| क्षेत्र भ्रमण के दौरान बस यही जानकारी ग्रामीण महिलाओं को उपलब्ध कराना मेरा प्रयास होता है| इससे काफी लोग लाभान्वित हो रहे हैं|

स्वस्थ समाज का निर्माण हर एक की जिम्मेदारी
समाज को स्वस्थ व सुंदर बनाने की जिम्मेदारी इसमें रहने वाले तमाम लोगों की है| अगर हम सिर्फ अपने हिस्से का कार्य व जिम्मेदारी का निवर्हन ईमानदारी पूर्वक करें तो इससे समाज में व्याप्त कई खामियों आसानी से दूर हो सकती हैं | सेविका उषा बताती हैं कि स्तनपान छोटे उम्र के बच्चों के लिये हमेशा से अमृत के सामान रहा है | छोटे उम्र के बच्चों का कई संक्रामक बीमारियों से बचाव सहित उनके शारीरिक व मानसिक विकास के लिहाज से भी ये बेहद महत्वपूर्ण है| लेकिन अज्ञानता, आधुनिकता की अंध दौड़ में इसके महत्व को लगातार दरकिनार किया जा रहा है| जो गलत है| उषा बताती हैं कि वे केंद्र के माध्यम से व क्षेत्र भ्रमण से जुड़ी गतिविधियों के दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं को इसे लेकर लगातार जागरूक व प्रेरित करने का काम करती हैं | छह माह के उपरांत महिलाओं को अपने बच्चों को उम्र के हिसाब से ऊपरी आहार देने के लिये प्रोत्साहित करती हूं | जिससे बच्चा स्वस्थ व तंदुरूस्त रहे|

स्वस्थ होगी मां तो सेहतमंद होंगे बच्चे
आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 13 की सेविका उषा बताती हैं कि स्वस्थ माताएं ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं | इसलिये गर्भवती व धातृ महिलाओं के बेहतर पोषण का ध्यान रखना जरूरी है| बच्चे स्वस्थ हों इसके लिये नियमित अंतराल पर गर्भवती महिलाओं की जांच, पोषण युक्त आहार का नियमित सेवन व साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है | प्रसव संबंधी जटिलताओं को कम करने के लिहाज से भी ये महत्वपूर्ण है | आमतौर पर साग, हरी सब्जी व फलों के सेवन से पोषण संबंधी जरूरतों को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है | इसलिये उन्हें इसके प्रति जागरूक कर मातृ-शिशु मृत्यु दर से संबंधित मामलों में कमी लायी जा सकती है | अपने काम-काज के दौरान बच्चों के नियमित टीकाकरण पर भी उनका विशेष जोर होता है|

स्वास्थ्य व पोषण को बढ़ावा देने का प्रयास सराहनीय
स्वास्थ्य व आईसीडीएस विभाग के साथ मिलकर पोषण व स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर काम करने वाली सहयोगी संस्था पिरामल स्वास्थ्य की बीटीएम रेणु कुमारी ने कहा कि उषा के प्रयासों का क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव दिखता है | पोषक क्षेत्र की महिलाएं स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या होने पर उनके सलाह को जरूरी मानती हैं | उनकी मेहतन व लगन की तारीफ करते हुए जिला पोषण समन्वयक कुणाल कुमार कहते हैं कि क्षेत्र में स्वास्थ्य व पोषण संबंधी मामलों को बढ़ावा देने के मामले में उषा का प्रयास किसी चैंपियन से कम नहीं |

 

यह भी पढ़े 

अंग्रेजों के बनाये 134 साल पुराने कानून को बिहार ने बदला.

सारण में अब तक 18 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को लगा कोविड-19 का टीका

कैसे 18 मार्च 1974 को पड़ी, जेपी आंदोलन की नींव?

होली के मद्देनजर कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, दूसरे राज्यों से आने वाले व्यक्तियों की होगी आरटीपीसीआर से कोविड-19 की जांच

बंगाल में BJP ने तीसरी लिस्ट में 148 नामों का ऐलान किया, इनमें 8 मुस्लिम.

Leave a Reply

error: Content is protected !!