महादलित बस्ती की महिलाओं व परिजनों को आंगनवाड़ी सेविका पोषण को ले कर रहीं जागरूक

महादलित बस्ती की महिलाओं व परिजनों को आंगनवाड़ी सेविका पोषण को ले कर रहीं जागरूक

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– गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को करती हैं पोषण युक्त भोजन लेने को प्रेरित

– केंद्र के साथ ही पोषण वाटिका का भी करती हैं संचालन

– कोरोना के प्रति जागरूक करने में भी निभा रही है भूमिका

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया,  (बिहार )

राज्य की महिलाओं व शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य चिकित्सा मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस के संयुक्त प्रयास से कार्य किया जा रहा है। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका इस काम में काफी बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रही हैं। जलालगढ़ प्रखंड के दनसार पंचायत अंतर्गत करिआत गांव के महादलित टोला स्थित आंगनबाड़ी संख्या 103 की सेविका उषा भारती अपने पोषक क्षेत्रों की गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को समय-समय पर पोषण के प्रति जागरूक कर रही हैं। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों, युवतियों व अन्य महिलाओं की देखभाल भी करती हैं। गर्भावस्था के दौरान से लेकर प्रसव तक हर तरह के दुःख दर्द में सहयोगी के रूप में खड़ी रहती हैं। इसके साथ ही महिलाओं की जांच से लेकर बच्चों पर नज़र रखने का काम कर रही हैं।

गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को करती हैं पोषण युक्त भोजन लेने के लिए प्रेरित:
आंगनबाड़ी सेविका उषा कहती हैं कि अपने पोषक क्षेत्र के सभी तरह के लोगों के बारे में जानकारी रखती हूं। मुझे जैसे ही पता चलता है की किसी घर में कोई महिला गर्भवती है तो सबसे पहले मैं उसे जांच कराने की सलाह देती हूं। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एएनएम दीदी एवं आशा कार्यकर्ता के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर प्रतिमाह नियमित टीकाकरण एवं जांच की जाती है तो उस समय गर्भवती महिलाओं की जांच कराने के बाद उसे पौष्टिक आहार खाने के लिए सही पोषण के बारे में सलाह देती हूं। गर्भवती महिलाओं को हरी साग सब्जियां, मांस, मछली अंडा सहित प्रोटीनयुक्त भोजन करने की सलाह देती हूं लेकिन जो महिलाएं मांस-मछली का सेवन नहीं करती हैं, उन्हें हरी सब्जियों के साथ ज़्यादा से ज़्यादा दूध का सेवन करने के लिए जागरूक करती हूं।

गर्भवती महिलाओं को नियमित फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोली लेने की देती हैं सलाह:
उषा भारती ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की पहचान होने के बाद उसकी जांच कराती हूं। इसके बाद उसे आयरन व कैल्शियम की 180-180 गोली खाने के लिए सलाह देती हूं ताकि किसी कारणवश उसके शरीर में खून की कमी नहीं हो। खून की कमी नहीं होने से गर्भवती महिलाएं तंदुरुस्त तो रहेंगी ही साथ ही गर्भस्थ बच्चा भी पूरी तरह से स्वस्थ रहता है। काफ़ी उत्साह के साथ उषा कहती हैं कि महादलित बस्ती में अशिक्षा की कमी होने के कारण यहां के लोग स्वास्थ्य के प्रति उतना जागरूक नहीं थे लेकिन अब धीरे-धीरे जागरूकता आई है। जिस कारण गर्भवती महिलाएं, युवतियां व बच्चे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग होने के साथ ही पौष्टिक आहार खा रहे है। महादलित बस्ती में वर्ष 2018 से आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है। वगैर किसी के सहयोग से पोषक क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों को तरह-तरह की बीमारियों के संबंध में सलाह के साथ जागरूक करती रहती हूं। पहले तो बहुत ज्यादा परेशानी होती थी लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो गया और यहां के लोगों की सेवा करना बहुत ही अच्छा लगता हैं।

पति के सहयोग से खेती योग्य भूमि में किया है पोषण वाटिका का निर्माण:
उषा भारती ने बताया कि पोषक क्षेत्र की रहने वाली देवकी देवी ने वर्ष 2019 में कुपोषित बच्ची को जन्म दिया था लेकिन उसकी देखभाल करने व पौष्टिक आहार खिलाने के बाद वह पूरी तरह से ठीक हो गई। तभी लगा कि क्यों नहीं केन्द्र के बगल में ही मेरी खेती युक्त भूमि में पोषण वाटिका का निर्माण किया जाए। पति के सहयोग से उसमें गोबी, बैगन, हरि मिर्च, धनियां, लाल साग, खीरा, पालक, करेला, कद्दू, भिंडी के अलावा मौसम के अनुरूप साग सब्जियों की खेती होती है। पोषण वाटिका के संबंध में बताती हैं कि छोटी सी जगह में हर तरह की सब्जियों को लगाने से बहुत ज़्यादा लाभ मिलता है। तैयार सब्जियों को गर्भवती महिलाओं व छोटे-छोटे बच्चों के परिजनों को देती हूं ताकि वह घर में सब्जी बनाकर खाए जिससे उसे पौष्टिक आहार मिल सके। पोषण वाटिका से निकली सब्जियों में किसी तरह की कोई हानि नहीं होती है। क्योंकि इसमें कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं किया जाता हैं। जिस कारण यहां की सब्जियां स्वादिष्ट व पोषणयुक्त होती हैं।

कोरोना के प्रति जागरूक करने में भी निभा रही है भूमिका: शालिनी सुमन
क्षेत्र की महिला पर्यवेक्षिका शालिनी सुमन ने कहा कि सेविका उषा भारती द्वारा अपने क्षेत्र में लोगों को सही पोषण की जानकारी देने के साथ ही कोरोना काल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है। इन चुनौतियों का सामना करना बहुत ज्यादा कठिन था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और पूरी मेहनत से महादलित बस्ती के लोगों के बीच जागरूकता लाने में सफल रही। प्रतिदिन सुबह से शाम तक कम से कम तीन या चार बार घर-घर भ्रमण कर बचाव की जानकारी दी गई ताकि लोग संक्रमण से बचे रह सकें। कोरोना काल से लेकर वर्तमान समय तक आंगनबाड़ी केंद्र में पठन पाठन कार्य बंद है। लेकिन सेविका उषा भारती नामांकित बच्चों के घर-घर जाकर बच्चों की मां व परिजनों से मिलकर पोषणयुक्त भोजन कराने की सलाह के साथ सब्जियां भी देने का काम करती हैं। साथ ही युवतियों व गर्भवती महिलाओं को भी सही समय पर पौष्टिक आहार लेने की जानकारी देती, ताकि उनके शरीर में खून की कमी न हो।

 

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