सीवान ज़िले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र बलिया गांव स्थित एपीएचसी सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सीएचसी और पीएचसी जैसी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध:
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विभागीय स्तर पर हर संभव किया जाता हैं प्रयास: सिविल सर्जन
स्थानीय एपीएचसी में 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध: एमओआईसी
एपीएचसी में पीएचसी जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना मुख्य उद्देश्य: डॉ अमित चंद्र मिश्रा
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सिवान जिले में एक ऐसा भी सरकारी अस्पताल है जहां महीने में कम से कम एक हजार मरीजों की देखभाल की जाती है। क्योंकि जिला मुख्यालय से पूर्व दिशा में लगभग 20 किलों मीटर दूर जबकि अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज से लगभग 10 किलों मीटर दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बलिया में 24 घंटे चिकित्सकों सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। ताकि बलिया सहित आसपास के लगभग आधा दर्जन से अधिक गांवों के निवासियों को सरकार की ओर से दी जाने वाली बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाए।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्री निवास प्रसाद ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार से विभागीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी), अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी), स्वास्थ्य उप केंद्र (एचएससी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की स्थापना की गई है। हालांकि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उप केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाने को लेकर जोर दिया है। इन केंद्रों पर बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे- टीकाकरण, सामान्य बीमारियों का उपचार और मातृ- शिशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इससे ग्रामीण लोगों को दूर दराज के शहरों में जाने की आवश्यकता कम हो गई है और उन्हें गांव में ही आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं।
स्थानीय एपीएचसी में 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध: एओआईसी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महाराजगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विपिन बिहारी सिन्हा ने बताया कि मुख्यालय से दूर ग्रामीण क्षेत्र की निवासियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर संभव सहयोग किया जाता हैं। ताकि किसी भी तरह की वायरल मार्कर से संबंधित बीमारी का संक्रमण बढ़ता है तो उसका इलाज बलिया स्थित एपीएचसी में प्रतिनियुक्ति चिकित्सकों और अन्य कर्मियों द्वारा निश्चित रूप से उचित सलाह के साथ साथ उसका उपचार भी किया जाता हैं। हालांकि इस तरह की सुविधा को बहाल करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में डॉ अमित चंद्र मिश्रा को पदस्थापित किया गया है। वहीं महिला चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कुमारी ललिता मिश्रा को पदस्थापित कर महिलाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है। जबकि अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज के छः चिकित्सकों को प्रत्येक दिन के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है। ताकि 24* 7 स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत परामर्शी सैयद रेहान रिज़वी और एक जीएनएम प्रियंका कुमारी को प्रतिनियुक्त कर हर तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध कराया जाता है। स्थानीय अस्पताल के डेटा ऑपरेटर संयोग सिंह के द्वारा ओपीडी में आए मरीजों का ब्योरा प्रतिदिन ऑनलाइन की जाती है। हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याओं और निवारण उपायों को लेकर जागरूक करने के लिए नियमित रूप से स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाया जाता हैं। जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य, शिक्षा और निवारण पर कार्यशाला, सेमिनार और कैंप आयोजित किया जाता हैं। ताकि स्थानीय ग्रामीण स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं से पूर्व में ही अवगत हो जाए और समय पर उसका उपचार प्राप्त कर सके।
एपीएचसी में पीएचसी जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना मुख्य उद्देश्य: डॉ अमित चंद्र मिश्रा
स्थानीय नोडल अधिकारी डॉ अमित चंद्र मिश्रा ने बताया कि अप्रैल 2024 में 357, मई में 700, जून में 864, जुलाई में 1022 जबकि अगस्त महीने में 1418 मरीजों का इलाज़ ओपीडी के माध्यम से किया गया है। हालांकि जितनी व्यवस्था सीएचसी या पीएचसी में उपलब्ध कराई जाती है, उतना ही व्यवस्था यहां के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के लिए विभागीय स्तर पर उपलब्ध कराई गई है। ताकि आसपास के रोगियो को अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज या जिला मुख्यालय सिवान नही जाना पड़े। हालांकि इसके लिए जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता और सिविल सर्जन डॉ श्री निवास प्रसाद सहित स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। वहीं स्थानीय लैब टेक्नीशियन सुधांशु कुमार मिश्रा द्वारा लगभग 60 प्रकार की जांच कर विभिन्न प्रकार की बीमारियो का उचित उपचार किया जाता हैं। जिसमें मुख्य रूप से मलेरिया, डेंगू, कालाजार, वीडीआरएल, एचआईवी सहित कई अन्य जांच शामिल है। हालांकि टीबी जैसी बीमारियों को जड़ से समाप्त करने के लिए बलगम जांच के लिए नमूने को एसडीएच भेजा जाता हैं। स्थानीय स्तर पर सबसे अधिक उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मौसमी बुखार और पेट की समस्या से जूझने वाले रोगियों की संख्या अधिक रहती हैं। केवल शनिवार के दिन 250 से लेकर 300 सौ के करीब रोगियों का उपचार किया जाता हैं। इस तरह से विभागीय प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में काफ़ी सुधार हुआ है।
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