बिहार में बीएड शिक्षकों की नियुक्ति रद्द, डीएलएड ही मान्य
श्रीनारद मीडिया,स्टेट डेस्क
पटना: बिहार में बीएड शिक्षकों को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के पात्र नहीं हैं। हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस आधार पर की गई नियुक्तियों पर दोबारा काम करना होगा। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक कक्षाओं में केवल डीएलएड डिग्री प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
यह फैसला पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के. रघुनाथ और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने दिया। खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) की 2018 की अधिसूचना में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीएड को अनिवार्य योग्यता के रूप में शामिल करना गलत था।
खंडपीठ ने कहा कि एनसीटीई की 2010 की अधिसूचना के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए डीएलएड डिग्री ही अनिवार्य योग्यता है। इसलिए, बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता है।
इस फैसले से बिहार में 20 हजार से अधिक बीएड शिक्षक प्रभावित होंगे। इन शिक्षकों की नियुक्ति छठे चरण के तहत की गई थी। अब इन शिक्षकों को अपनी नौकरी खोने का डर है।
बिहार सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की योजना बना रही है।